ऑस्ट्रेलिया के साथ रांची में खेले गए तीसरे वनडे में भारतीय टीम के आर्मी कैप पहनने पर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने आपत्ति जताई थी और आईसीसी से इसकी शिकायत की थी, लेकिन भारतीय टीम के गेंदबाजी कोच भरत अरुण ने कहा है कि टीम को जो सही लगा उसने वही किया और उनका यह कदम सेना के सम्मान के लिए था. भरत अरुण ने भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बुधवार को यहां होने वाले पांचवें और आखिरी वनडे मैच की पूर्वसंध्या पर संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जबाव में कहा, "हमने वही किया जो हमें लगा कि हमें देश के लिए करना चाहिए. सेना ने जो इस देश के लिए किया हमारा यह कदम उसके सम्मान के लिए था."
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गौरतलब है कि पाकिस्तान के मंत्री फवाद चौधरी ने आर्मी कैप पहनने के मामले में भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाफ आईसीसी से कार्रवाई की मांग की थी. चौधरी ने भारतीय टीम पर खेल का 'राजनीतिकरण' करने का भी आरोप लगाया था. भारतीय गेंदबाजी कोच ने कहा, "सेना ने जो किया हम उसकी सराहना करना चाहते थे. पीसीबी जो करता है वो हमारे नियंत्रण में नहीं है. बीसीसीआई ने आईसीसी से इजाजत लेने के लिए मेहनत की और फिर हमने वह आर्मी कैप अपने सेना के सम्मान में पहनीं." बीसीसीआई ने कहा था कि अब हर साल भारतीय टीम अपने घर में एक मैच में आर्मी कैप पहन कर मैदान पर उतरेगी. इसके पीछे मकसद सेना का सम्मान और उसके द्वारा दिए गए बलिदान को श्रद्धांजलि देना है.
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चौधरी ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा था, "यह सिर्फ क्रिकेट नहीं है." पाकिस्तान के अंग्रजी समाचार पत्र डॉन ने चौधरी के हवाले से लिखा था, "कैप पहनकर भारतीय टीम ने इस खेल का राजनीतिकरण किया है." चौधरी ने पीसीबी से आईसीसी के समक्ष भारत के खिलाफ औपचारिक विरोध दर्ज कराने का भी अनुरोध किया. चौधरी ने कहा, "अगर भारतीय टीम कैप पहनना बंद नहीं करती है तो पाकिस्तान टीम को भी काली पट्टी बांधकर खेलना चाहिए." पाकिस्तान के पत्रकार ओवैस तोहिद और मजहर अब्बास जैसे कई लोगों ने ऐसे ही विचार दिए.
तोहिद ने ट्वीट कर कहा था, "विराट कोहली और एमएस धोनी जैसे महान खिलाड़ियों के साथ भारतीय क्रिकेट टीम में युद्ध उन्माद जैसी स्थिति को देखकर दुखी हूं. हीरो को इस की तरह का काम नहीं करना चाहिए." अब्बास ने आर्मी कैप पहनने के फैसले को 'भारतीय क्रिकेट का सैन्यीकरण' करने वाला बताया. खेल तनाव को कम कर सकते हैं, लेकिन इस तरह नहीं. क्रिकेटरों को राजनीति में न घसीटें."
Source : IANS