विश्व कप जीतने के लिए भारत को व्यवस्था से बाहर निकलने की जरूरत: गौतम गंभीर

टीम इंडिया ने ठीक 10 साल पहले 2 अप्रैल को श्रीलंका को हराकर दूसरी बार विश्व कप का खिताब जीता था. टीम इंडिया की इस जीत में गौतम गंभीर ने 97 रनों की योगदान दिया था.

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Sunil Chaurasia
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विश्व कप जीतने के लिए भारत को व्यवस्था से बाहर निकलने की जरूरत: गंभीर

विश्व कप जीतने के लिए भारत को व्यवस्था से बाहर निकलने की जरूरत: गंभीर( Photo Credit : circleofcricket)

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टीम इंडिया ने ठीक 10 साल पहले 2 अप्रैल को श्रीलंका को हराकर दूसरी बार विश्व कप का खिताब जीता था. मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए फाइनल मुकाबले में टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने किसी भी भारतीय बल्लेबाज द्वारा अब तक की बेहतरीन पारी खेली थी. गंभीर ने 97 रनों की शानदार पारी खेली थी, जिसकी बदौलत भारत ने 28 साल बाद फिर से विश्व कप का खिताब उठाया था. गंभीर के 97 रन उस समय आए थे, जब भारत ने शुरुआती विकेट गंवा दिए थे. इसके बाद कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के नाबाद 91 रनों की बदौलत भारत ने 274 रनों का पीछा करते हुए जीत हासिल की थी.

भारत के कप्तान के रूप में कार्य कर चुके और 2007 टी20 विश्व कप फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ 75 रनों की अहम पारी खेलकर भारत को खिताब जीतने में मदद करने वाले गंभीर अब राजनेता बन चुके हैं और दिल्ली से भाजपा के सांसद हैं. वह इन दिनों पश्चिम बंगाल में जारी विधानसभा चुनावों के लिए चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं.

पश्चिमम बंगाव जाने से एक दिन पहले, गंभीर ने 2011 विश्व कप जीत पर आईएएनएस से बात की और इस बात पर भी चर्चा की कि हाल ही में आईसीसी टूर्नामेंट्स के लिहाज से टीम में क्या कमी रह गई.

इंटरव्यू के अंश-

प्रश्न: आप विश्व कप फाइनल के दिन को कैसे याद करते हैं?

गंभीर : मैं वास्तव में पीछे मुड़कर नहीं देखता. मैं एक ऐसा लड़का हूं जो मानता है कि पीछे देखने का कोई मतलब नहीं है. आप क्या हासिल करना चाहते हैं, यह भविष्य की बात है. मुझे लगता है कि भारतीय क्रिकेट को 2011 से परे, आगे देखने की जरूरत है. उस खास दिन भी मैंने यही कहा था - कि जो काम किया गया था, वह किया जाना था. आगे देखने की बात थी. यह आज भी ठीक वैसा ही है.

प्रश्न: क्या आपको लगता है कि उस पल ने भारतीय क्रिकेट को बदल दिया है?

गंभीर : जाहिर है, विश्व कप जीतकर, आप अपने देश को गौरवान्वित करते हैं. आप सभी को खुश करते हैं. लेकिन क्या उस पल ने भारतीय क्रिकेट को बदल दिया? खैर, मुझे ऐसा नहीं लगता. मुझे लगता है कि आप अपने देश के लिए हर जीत भारतीय क्रिकेट का चेहरा बदल देते हैं. तो, यह एक विशेष टूर्नामेंट नहीं है. ऐसे बहुत से लोग हैं जो अभी भी 1983 की बात कर रहे हैं; ऐसे लोग हैं जो 2007 और 2011 के बारे में बात करते हैं. लेकिन मुझे नहीं लगता कि उन क्षणों ने अकेले भारतीय क्रिकेट को बदल दिया. मुझे लगता है कि भारतीय क्रिकेट शायद कई खेलों और अधिक से अधिक सीरीज जीतने के बारे में है, और यह समझने की जरूरत है कि एक या दो टूर्नामेंट भारतीय क्रिकेट को नहीं बदल सकता.

प्रश्न: विराट के साथ क्या बातचीत हुई थी, जब सहवाग और तेंदुलकर के जल्दी आउट होने के बाद (27/2) 274 रनों का पीछा करते हुए फाइनल में बल्लेबाजी के लिए आपके साथ शामिल हुए थे?

गंभीर : फिर से वही बात. मैं पीछे मुड़कर नहीं देखता कि क्या हुआ था. यह (विकेटों का शुरूआती नुकसान) वास्तव में मेरे लिए मायने नहीं रखता था. हमें जो लक्ष्य हासिल करने की जरूरत थी, हमने उस पर ध्यान लगाया. इसलिए, हम उस चीज को नहीं देख रहे थे जो हमने खो दिया था, लेकिन हम देख रहे थे कि हमें कहां पहुंचने की जरूरत है. और हम लक्ष्य कैसे प्राप्त कर सकते हैं. अगर मुझे विश्व कप जीतने (विकेटों के शुरूआती नुकसान का सामना करने) का विश्वास नहीं था, तो मैं विश्व कप टीम का हिस्सा नहीं हो सकता. मेरे लिए, यह वास्तव में मायने नहीं रखता था अगर हम दो शुरूआती विकेट खो देते. यह टीम के लिए खेल जीतने के बारे में था.

प्रश्न : आपकी राय में, क्या 2011 की टीम इंडिया सर्वश्रेष्ठ थी?

गंभीर : बिल्कुल नहीं. मैं इन बयानों पर विश्वास नहीं करता हूं - जब लोग या पूर्व क्रिकेटर पलटते हैं और कहते हैं, यह सबसे अच्छी भारतीय टीम है या वह सर्वश्रेष्ठ भारतीय टीम है. न तो 1983 की टीम सर्वश्रेष्ठ भारतीय टीम थी, न ही 2007 और न ही 2011 की. न तो यह वर्तमान है, क्योंकि आप युगों की तुलना कभी नहीं कर सकते. आप बस इतना कर सकते हैं कि अपनी सर्वश्रेष्ठ टीम को पार्क में रखें और कोशिश करें और अधिक से अधिक गेम जीतें. ऐसा मेरा मानना है. मैं तुलना में विश्वास नहीं करता. आप कभी भी किसी भी दो टीमों की तुलना नहीं कर सकते. मुझे नहीं पता कि ये पूर्व क्रिकेटर ये बयान क्यों देते हैं. मैं यह नहीं कहूंगा कि 2011 विश्व कप विजेता टीम सर्वश्रेष्ठ भारतीय टीम थी जिसे पार्क में रखा गया था. मैं टीमों की तुलना करने में विश्वास नहीं करता.

HIGHLIGHTS

  • टीम इंडिया ने 2 अप्रैल 2011 को जीता था दूसरा विश्व कप
  • गौतम गंभीर ने खेली थी 97 रनों की मैच जिताऊ पारी
Team India MS Dhoni gautam gambhir World Cup 2011 world cup ICC World Cup 2011
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