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Virat Kohli के बल्ले से 3 साल 3 महीने बाद निकला टेस्ट शतक, बने संकट मोचन

टीम इंडिया के रन मशीन विराट कोहली ने अहमदाबाद में खेले जा रहे बॉर्डर लगास्कर ट्रॉफी 2023 के आखिरी मैच में शानदार शतक जड़ा. उनके इस सेंचुरी से भारतीय टीम अच्छी स्थिति में आ गई है.

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Satyam Dubey
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Virat Kohli

Virat Kohli ( Photo Credit : Social Media)

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Virat Kohli Test Century: टीम इंडिया के रन मशीन विराट कोहली ने अहमदाबाद में खेले जा रहे बॉर्डर लगास्कर ट्रॉफी 2023 के आखिरी मैच में शानदार शतक जड़ा. उनके इस सेंचुरी से भारतीय टीम अच्छी स्थिति में आ गई है. उन्होंने फैंस काफी इंतजार कराया और आखिर कार 1204 दिनों के लंबे वक्त के बाद टेस्ट शतक लगाया. उन्होंने पिछली बार टेस्ट में साल 2019 में बांग्लादेश के खिलाउ ईडन गार्डन मैदान पर शतक लगाया था. उसके बाद से टेस्ट में उनके बल्ले से एक भी शतक नहीं निकला था. 

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इंटरनेशनल क्रिकेट में लगाया 75वां शतक 

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे टेस्ट में विराट कोहली से इसी पारी की उम्मीद थी. उन्होंने जिस तरह से बल्लेबाजी की है. उसको देखकर कहा जा सकता है कि वह अपने पुराने लय में हैं. टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने अपना 28वां शतक जड़ा है. जबकि इंटरनेशनल क्रिकेट में उनका यह 75वां शतक है. मैच के तीसरे दिन विराट कोहली ने एक पारी को संभालकर धीरे-धीरे स्कोर बोर्ड को आगे बढ़ना शुरू किया. इसके बाद देखते ही देखते वह अर्धशतक लगाने में सफल हुए और मैच के चौथे दिन शतक लगा दिया. 

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एक छोर को संभालकर जड़ा शानदार शतक 

कोहली से विराट पारी की उम्मीद थी. उन्होंने ये पारी खेलकर टीम इंडिया को काफी मजबूती दी है. इसके साथ उन्होंने भारतीय टीम को संदेश भी दे दिया है कि अगर वह क्रीज पर हैं तो चिंता की कोई बात नहीं है. विराट कोहली ने 243 गेंदों का सामना करते हुए 100 रन बनाकर सेंचुरी पूरी की. इस पारी के दौरान उनके बल्ले से पांच चौके निकले. कोहली अब भी बैटिंग कर रहे हैं. ऑस्ट्रेलिया के पहली पारी में 480 रनों के स्कोर का पीछा करते हुए कोहली ने टीम इंडिया की पहली पारी में ये शतकीय पारी खेली है. 

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विराट कोहली ने निभाई बड़ी जिम्मेदारी  

मैच के तीसरे दिन विराट कोहली जब बैटिंग करने आए तो टीम के दो विकेट गिर चुके थे. कोहली के सामने दो चुनौती थी. सबसे बड़ी चुनौती यही थी कि वह एक छोर को संभाले और दूसरी चुनौती थी कि स्कोर बोर्ड को भी धीरे-धीरे आगे बढ़ाएं. उन्होंने दोनों चुनौतियों को स्वीकार किया और एकाग्रता बनाकर बल्लेबाजी शुरू की. मैच के तीसरे दिन उन्होंने अर्धशतक लगाया और चौथे दिन उस अर्धशतक को शतक में बदलकर टीम इंडिया को ऊबारने के साथ ही तीन साल तीन महीने और 17 दिन बाद टेस्ट में सेंचुरी लगाई.  

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