टीम इंडिया और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी का आगाज होने में बस कुछ ही दिन बाकी हैं. दोनों टीमें इस सीरीज के लिए अपनी-अपनी तैयारियों में जुटी हुईं हैं. चाहे भारतीय खिलाड़ी हों या फिर कंगारु खिलाड़ी टेस्ट सीरीज के लिए कोई भी कमी नहीं छोड़ना चाहते हैं. पिछली बार जब दोनों टीमें टेस्ट सीरीज में आमने-सामने हुईं थीं तो भारत ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी. अब बॉर्डर गावस्कार ट्रॉफी से पहले एक ऐसा किस्सा सामने आया है, जिसको जानकर दंग हो जाएंगे.
भारत ने पिछली बार जब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट खेला था तो 2-1 से सीरीज जीता था. पिछली बार टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर चार टेस्ट मैचों की सीरीज खेलने गई थी. सीरीज का तीसरा मैच सिडनी में खेला गया था. इस मैच को आर अश्विन और हनुमा विहारी ड्रॉ करने में सफल हुए. दोनों खिलाड़ियों ने 6वें विकेट के लिए 247 गेंदों का सामना किया था. इस दौरान सिर्फ 52 रन बनाए थे. जहां आर अश्विन ने 128 गेंदों का सामना करते हुए 39 रन तो हनुमा विहारी ने 161 गेंदों का सामना कर 33 रन बनाए थे.
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भारतीय टीम के पूर्व फिल्डिंग कोच आर. श्रीधरन ने इस मैच का जिक्र अपनी किताब में किया है. सिडनी में खेले गए तीसरे मैच को हर हाल में बचाना था. ऐसे में टीम इंडिया के पास इस मैच को ड्रॉ कराने का ही एक विकल्प था. आपको बता दें कि भारतीय टॉप ऑर्डर पवेलियन लौट चुका था. अश्विन और विहारी पर ही दारोमदार था. तभी भारतीय टीम के तत्कालीन हेड कोच रवि शास्त्री ने शार्दुल ठाकुर को बुलाया, वह उस मैच का हिस्सा नहीं थे.
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रवि शास्त्री ने शार्दुल ठाकुर से कहा कि विहारी और रविचंद्रन अश्विन से जाकर कहो कि विहारी फास्ट बॉलर खेलेगा, अश्विन स्पिन को खेलेगा और कोई सिंगल नहीं लेगा. शार्दुल ठाकुर ने उनकी बातों को सुना और जब अश्विन और विहारी के पास पहुंचे तो उन्होंने कहा कि अंदर बहुत-सी बातें कही गई हैं, लेकिन तुम दोनों बेहतर कर रहे हो और बस अपने हिसाब से खेलते रहो. शार्दुल ठाकुर ने उनके पास जाकर दूसरी बात की. इसी घटना का जिक्र करते हुए श्रीधरन ने कहा कि शार्दुल ठाकुर ने उस वक्त सही निर्णय लिया था. आपको बता दें कि टीम इंडिया ने इस सीरीज को 2-1 से अपने नाम कर ऑस्ट्रेलिया के घमंड को तोड़ा था.