भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी खेली जा रही है. इंदौर में सीरीज का तीसरा मैच खेला जा रहा है. गुरुवार को दूसरे दिन का खेल खेला गया. टीम इंडिया बैकफुट पर है. सबसे बड़ा सवाल यही है कि पिछले पांच सालों में जब भी भारत घर में टेस्ट खेला है, लगभग सभी मैचों के परिणाम तीन से चार दिन में आ गए हैं. टेस्ट मैच के लिहाज से यह काफी गंभीर मामला है. क्योंकि पांच दिन का टेस्ट मैच अगर तीन से चार दिन में खत्म हो जाता है तो काफी समस्याएं आ जाती हैं.
भारत में अब तीन से चार दिन में खत्म हो जा रहे टेस्ट मैच
पिछले पांच सालों में टीम इंडिया ने घर में 18 टेस्ट मैच खेला है और 16 मैचों में जीत दर्ज की है. बड़ी बात यह है कि सभी मैचों का परिणाम तीन से चार दिन में आया है. इंदौर के होलकर स्टेडियम में खेले जा रहे सीरीज के तीसरे मैच में भी मैच के तीसरे दिन ही रिजल्ट आ जाएगा. टेस्ट क्रिकेट के लिहाज से ऐसा होना गंभीर है. क्योंकि एक वक्त ऐसा भी रहा है, जब बल्लेबाजों को आउट करने में गेंदबाजों के पसीने छूट जाते थे और आखिर तक भी मैच का रिजल्ट नहीं आ पाता था. लेकिन अब उल्टा हो गया है भारत में तीन से चार दिन में ही मैच का रिजल्ट आ जा रहा है.
ऑस्ट्रेलिया- इंग्लैंड की पिचों पर अब भी होता है पांच दिन का टेस्ट
बीसीसीआई के जल्द से जल्द बड़ा कदम उठाना होगा. क्योंकि ऐसे ही तीन से चार दिन में परिणाम आने लगे तो टेस्ट क्रिकेट अहमियत कम हो जाएगी. बीसीसीआई को टेस्ट मैच के हिसाब से पिच तैयार करना होगा. भारत की तुलना में अगर विदेशी पिचों की बात करें तो वहां आज भी पांचवें दिन तक रिजल्ट के लिए जूझना पड़ता है. ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड या न्यूजीलैंड की पिचों पर जब भी टेस्ट मैच होते हैं तो वहां अब भी ज्यादातर मैचों में आखिरी दिन ही परिणाम आता है. लेकिन भारत में ऐसा नहीं हो रहा है.
इस मैच से समझा जा सकता है टेस्ट क्रिकेट का महत्व
टेस्ट क्रिकेट के मूल को समझना है तो हमको उन मैचों के बारे में जानना होगा. जिसमें उम्मीद से ज्यादा रन बन जाते हैं और दिन की कोई परवाह नहीं की जाती है. हम बात कर रहे हैं साल 1938 में खेले गए इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट मैच की. 20 से 24 अगस्त के बीच यह टेस्ट मैच खेला जाना था लेकिन लगातार सात दिन तक इंग्लैंड ही बल्लेबाजी करता रह गया. इंग्लैंड ने टॉस जीता और बैटिंग करने का फैसला किया. इस मैच में इंग्लैंड की टीम ने लगातार 7 दिन बल्लेबाजी करने के बाद 903 रन पर ऑल आउट हुई थी. इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाज लियोनार्ड हटन ने 847 गेंदों का सामना किया था और 364 रनों की पारी खेली थी. जवाब में ऑस्ट्रेलिया दोनों पारी में 324 रन ही बना पाई. इस तरह से ऑस्ट्रेलिया ने 579 रनों के बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी.
श्रीलका ने साल 1997 में भारतीय गेंदबाजों की ली थी जमकर खबर
इसी तरह साल 1997 में 2 से 6 अगस्त के बीच कोलंबो में खेले गए मुकाबले में 952 रनों का स्कोर किया था. यह स्कोर टेस्ट क्रिकेट में सबसे बड़ा स्कोर है. भारत ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी करने का फैसला किया था. पहली पारी में भारतीय टीम ने 537 रन का स्कोर खड़ा किया था. जब श्रीलंका की टीम अपनी पहली पारी में बल्लेबाजी करने आई तो 952 रन का स्कोर किया. श्रीलंका के सलामी बल्लेबाज सनथ जयसूर्या ने 578 गेंदों का सामना करते हुए 340 रनों की पारी खेली थी. उस वक्त टेस्ट क्रिकेट के लिए जो पिचें बनाई जाती उसपर बैटिंग करना आसान होता था. लेकिन मैजूदा वक्त में भारत में टेस्ट क्रिकेट के लिए जो पिचें मिल रही हैं. कहीं न कहीं क्वालिटी में गिरावट आई है. जिसको लेकर बड़ा सवाल है.
बीसीसीआई को टेस्ट क्रिकेट के लिहाज से तैयार करना होगा पिच
टेस्ट क्रिकेट में बड़े स्कोर पर हमन इसलिए गौर किया है कि आज के मैचों को देखकर लगता ही नहीं कि टेस्ट मैच खेला जा रहा है. बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी 2023 में अब तक दो मुकाबले खेले जा चुके हैं, जो तीन दिन के अंदर ही खत्म हुए हैं इतना ही नहीं 100 रन तक पहुंचते-पहुंचते टीम पस्त हो जा रही हैं. आसान भाषा में कहें तो टीमें 100 रन बनाने के लिए तरस रही हैं. सीरीज के तीसरे मैच का भी परिणाम तीन दिन के अंदर यानि की शुक्रवार को आ जाएगा. जो टेस्ट क्रिकेट के लिहाज से कहीं से भी जायज नहीं है. कहीं न कहीं बीसीसीआई को मामले को गंभीरता से लेना होगा और कुछ बड़े कदम उठाने होंगे. अब देखना है कि नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेले जाने वाले सीरीज के आखिरी मैच में भी ऐसा ही होगा या फिर मैच का परिणाम पांचवें दिन आएगा.
इंदौर टेस्ट में अब तक का ऐसा रहा है लेखा जोखा
इंदौर में खेले जा रहे टेस्ट मैच में रोहित शर्मा ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी करने का फैसला किया पहले बल्लेबाजी करते हुए 109 रन पर ढेर हो गई. ऑस्ट्रेलिया अपने पहली पारी में 197 रन पर आलआउट हो गई. ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 88 रनों का लीड लिया. टीम इंडिया दूसरी पारी में 163 रनों पर ढेर हो गई. अब ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए 76 रन बनाने हैं. शुक्रवार को तीसरे दिन का खेल होगा. अगर ऑस्ट्रेलिया 76 रन बना लेती है तो वह सीरीज में पहली जीत दर्ज करेगी.