Ind Vs Aus Pink Test Sydney: ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच सिडनी में सीरीज का तीसरा टेस्ट शुरू हो चुका है और ये पिंक टेस्ट है. इसका मतलब ये नहीं कि पिंक बॉल से ये मुकाबला हो रहा है लेकिन इसको पिंक टेस्ट कहने की काफी खास वजह है. सिडनी टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया खिलाड़ियों ने पिंक रंग अपनी जर्सी पर रखा जबकि अंपायर की कैप पर भी पंक रंग है. भारत ने भी पिंक रंग का कुछ ना कुछ पहना था. पिंक टेस्ट ऑस्ट्रेलिया के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि इसका सीधा संबंध महान तेज गेंदबाज ग्लेन मैक्ग्रा से जुड़ा है.
पिंक टेस्ट मैच का इतिहास?
पिंक रंग सुनकर आपको लग रहा होगा कि ये पिंक बॉल और डे नाइट टेस्ट होगा लेकिन ऐस कुछ भी नहीं है. ये टेस्ट मैच लाल गेंद से ही होता है लेकिन इसको पिंक टेस्ट नाम दिया गया है. 2009 से सिडनी में खेला जाने वाले साल के पहला टेस्ट को पिंक मैच कहा जाता है. इसमें टीमें पिंक रंग के साथ मैदान में आती है.
क्या है पिंक टेस्ट मैच का महत्व ?
इसका गहरा नाता ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज गेंदबाज ग्लेन मैक्ग्रा और उनकी मरहूम पत्नी जेन मैक्गा से है. साल 2002 में जेन को अपने ब्रेस्ट कैंसर का पता चला था जिसके बाद 2005 में ग्लेन और उनकी पत्नी जेन ने ब्रेस्ट कैंसर के लिए ग्रैक्गा फाउंडेशन का आगाज किया जिसमें ब्रेस्टर कैंसर से पीड़ित लोगों का इलाज हो सके. लेकिन इसके 3 साल बाद जेन का निधन हो गया. जेन ने 2008 में आखिरी सांस ली. जिसके बाद ब्रेस्ट कैंसर के प्रति लोगों में जागरूकता के लिए सिडनी में पिंक टेस्ट कराया जाने लगा, बता दें कि ये ग्लेन मैक्ग्रा का होम ग्राउंड भी है. इस अभियान को सपोर्ट करने के लिए क्रिकेट फैंस गुलाबी रंग के कपड़े पहनते हैं और मैच से जितनी भी मदद मिलती है वो कैंसर मरीजों के जाती है.
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खैर, ये 11 वां पिंक टेस्ट मैच खेला जा रहा है जो भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रहा है. इसे पहले साल 2019 में भारत सिडनी के मैदान पर खेला था जो ड्रॉ पर खत्म हुआ था. अभी की चार मैच की सीरीज की बात करें तो दोनों टीमों ने एक एक जीता है. ऑस्ट्रेलिया ने एडिलेड में टेस्ट जीता जबकि भारत ने मेलबर्न में जीत दर्ज की.
Source : Sports Desk