भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली जा रही बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के चौथे और अंतिम टेस्ट मैच का आज भले ही चौथा दिन है लेकिन सही मायनों में यह इस सीरीज का आखिरी दिन होगा। जीत की दहलीज पर खड़ी भारतीय टीम के लिए मंगलवार का दिन बेहद महत्वपूर्ण है। भारतीय टीम को जीत के लिए सिर्फ 87 रन चाहिए और ऑस्ट्रेलिया को 10 विकेट। भारत यह मैच जीत गया तो इसके साथ ही एक नया इतिहास भी रच देगा।
रहाणे की 'विराट' कप्तानी
दोनों ही टीमों के लिए चौथा टेस्ट बेहद ही खास था। 1-1 से बराबरी पर चल रही सीरीज में मेहमान और मेजबान टीम दोनों ही जीत दर्ज कर सीरीज को अपनी मुठ्ठी में करना चाहती थी। लेकिन भारतीय टीम के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनकर सामने आयी कप्तान कोहली की चोट। तीसरे टेस्ट में लगी चोट के कारण भारतीय कप्तान ने इस टेस्ट में नहीं खेलने का फैसला लिया। ऐसे में टीम इंडिया के उपकप्तान विराट कोहली को कप्तानी जिम्मेदारी दी गई।
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रहाणे ने बखूबी कप्तानी जिम्मेदारी को निभाते हुए इस निर्णायक टेस्ट के रुख को भारत की तरफ मोड़ कर रख दिया है। टीम इंडिया को भले ही जीत के लिए 87 रन चाहिए हो लेकिन इसकी नींव कप्तान रहाणे के कई सटीक फैसलों ने रखीं। चाहे कुलदीप यादव को चांस देने की बात हो या फिर तेज गेंदबाजों का शानदार तरीके से इस्तेमाल।
रहाणे ने अपनी कप्तानी का शानदार नजारा पेश करते हुए टीम इंडिया को जीत की दहलीज पर लाकर खड़ा कर दिया है। और अगर रहाणे की कप्तानी में टीम इंडिया ये निर्णायक और बेहद अहम मैच जीत जाती है तो इस सीरीज की जीत का बड़ा श्रेय रहाणे को भी जाता है।
विराट ने लिया टीम से ब्रेक
विराट कोहली की जगह कप्तानी संभालते हुए अजिंक्य रहाणे की कप्तानी में भारतीय टीम ने दूसरी पारी में शानदार गेंदबाजी का प्रदर्शन किया। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरी पारी में बेहतरीन गेंदबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया को 137 रन पर समेट दिया और भारत को सिर्फ 106 रनों का लक्ष्य मिला।
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जिसके बाद बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम ने बिना किसी नुकसान के 19 रन बना लिए हैं। चौथे दिन जीत के लिए भारत को सिर्फ 87 रन बनाने है और ऐसे में भारतीय जल्द से जल्द जीत दर्ज कर सीरीज का जश्न मनाना चाहेगी। भारत के दोनों ओपनर बल्लेबाजों चाहेंगे कि वह भारत को एक ऐतिहासिक जीत का मौका दें।
टीम इंडिया रचेगी इतिहास
दोनों देशों के बीच बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी की शुरुआत 1996-97 में हुई। लगातार दो सीरीज में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को हराया लेकिन 1999-2000 में पहली बार ऑस्ट्रेलिया में खेली गई सीरीज में ऑस्ट्रेलिया ने भारत का 3-0 से सफाया किया। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी रखे जाने के बाद से दोनों देशों के बीच 12 सीरीज हो चुकी हैं, जिनमें भारत ने दबदबा बनाते हुए सात बार सीरीज अपने नाम की हैं। वहीं ऑस्ट्रेलिया के नाम 5 सीरीज जीत दर्ज हुई हैं। ऐसे में भारतीय टीम के पास सीरीज में दबदबा कायम रखने का एक बेहतरीन मौका है।
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HIGHLIGHTS
- धर्मशाला टेस्ट में जीत से सिर्फ 87 रन दूर भारत
- विराट कोहली हैं चोट के कारण टीम इंडिया के बाहर
- कप्तान रहाणे की कप्तानी होगी पहली जीत
Source : Soumya Tiwari