पिछले कुछ समय से शानदार लय में चल रहे भारतीय तेज गेंदबाज उमेश यादव ने कहा कि उन्होंने गेंद को पकड़ने के तरीके में बदलाव किया जिससे उनकी गेंदबाजी में पैनापन आया और आउटस्विंग को बेहतर करने में मदद मिली. यादव ने भारत के पहले दिन-रात्रि टेस्ट मैच में बांग्लादेश के खिलाफ यहां 81 रन देकर आठ विकेट चटकाए जिससे टीम ने रविवार को पारी और 46 रन की जीत दर्ज की. बीसीसीआई टीवी के लिए सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा के सवाल पर यादव ने कहा, ‘‘ मैंने गेंद पकड़ने के तरीके में बदलाव किया जिससे मुझे काफी मदद मिली.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ पहले मेरी ग्रिप अलग थी जिससे एक-दो गेंद स्विंग करती थी जबकि कुछ गेंद पैर की तरफ से निकल कर बाई के रूप में सीमा रेखा के पार चली जाती थी. उस तरीके में ग्रिप पर नियंत्रण करना मुश्किल था.’’
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उन्होंने कहा, ‘‘इसके बाद मैंने कोचों से बात की, कई बार हम आपस में भी बात करते हैं फिर मुझे लगा कि जब मैं गेंद को सही तरीके से पकड़ता हूं तो मेरे पास गेंद को नियंत्रित और स्विंग करने का अच्छा मौका होता है. ऐसे में मैं नियमित तौर पर आउटस्विंगर करने में सफल रहा और कुछ गेंद अंदर भी डाल सकता हूं.’’ बांग्लादेश के खिलाफ पहली पारी में पांच और दूसरी पारी में चार विकेट लेने वाले तेज गेंदबाज इशांत शर्मा ने कहा कि कलाई की स्थिति में बदलाव करने से उन्हें कोण बनाने में मदद मिली जिससे खासकर बायें हाथ के बल्लेबाजों के लिए स्थिति मुश्किल हो गयी.
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उन्होंने कहा, ‘‘जब आप ज्यादा खेलते हैं तो आप खुद ही अपनी गेंदबाजी के बारे में जानते हैं. आप खुद सोचते हैं कि अपनी गेंदबाजी में क्या नया कर सकते हैं. मैं कलाई की स्थिति के हिसाब से गेंदबाजी के दौरान कोण बनाने में सफल रहा. ऐसे में जब बायें हाथ के बल्लेबाजों के खिलाफ मैं राउंड द विकेट गेंदबाजी कर रहा था तब उनके लिए काफी मुश्किल हो गया.’’
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उन्होंने कहा, ‘‘इससे पहले मेरी गेंद पर बल्ले का किनारा नहीं लगता था. गेंद टप्पा खाकर बाहर निकल जाती थी. जब मैं विकेट के सामने गेंद करता हूं और और गेंद बाहर की तरफ निकलती है तो बल्लेबाजों के लिए काफी मुश्किल होता है. ’’ लाल और गुलाबी गेंद के अंतर के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘ गुलाबी गेंद लाल गेंद से पूरी तरह अलग है. लाल गेंद सुबह में स्विंग होती है लेकिन इसके साथ ऐसा नहीं होता. जब हमने गेंदबाजी शुरू की तो पता चला कि ये ऐसी गेंद नहीं है जो स्विंग होगी. हमने आपस में बात करके गेंद को तेजी से टप्पा खिलाने पर ध्यान दिया जिसका फायदा मिला.’’ भाषा आनन्द सुधीर सुधीर
Source : Bhasha