दीपावली के बाद दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया है. इस बीच दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में 3 नवंबर को भारत और बांग्लादेश (India vs Bangladesh) के बीच तीन मैचों की सीरीज का पहला टी-20 मुकाबला खेला जाना है. ऐसे में प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए कई पर्यावरणविदों ने बीसीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) से इस मैच को दिल्ली की बजाय कहीं और कराने की मांग की है. अब इस मामले में टीम इंडिया के पूर्व बल्लेबाज और बीजेपी सांसद गौतम गंभीर ने बड़ा बयान दिया है.
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भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व ओपनर और सांसद गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने कहा कि दिल्ली के लोगों को मैच की बजाय प्रदूषण को लेकर अधिक चिंतित होना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि प्रदूषण क्रिकेट के एक मैच या किसी भी अन्य खेल आयोजन से कहीं ज्यादा गंभीर मुद्दा है. मुझे लगता है कि दिल्ली में रहने वाले लोगों को प्रदूषण की स्थिति के लिए अधिक चिंतित होना चाहिए न कि मैच होगा या नहीं, इसे लेकर. सिर्फ खिलाड़ियों ही नहीं, बल्कि दिल्ली के आम लोगों के लिए भी ये बेहद अहम बात है. एक मैच बेहद छोटी बात है.
गौतम गंभीर ने आगे कहा कि आखिरकार बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक पूरी दिल्ली प्रदूषण की मार झेल रही है. ऐसे में ये हमारी जिम्मेदारी है. मुझे पता चला है कि दिवाली के बाद पिछले कई सालों की तुलना में इस बार स्थिति थोड़ी बेहतर है. इसके लिए दिल्ली के लोगों को श्रेय जाता है. मगर अब भी काफी काम किए जाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि मैं इस बात को लेकर चिंतित नहीं हूं कि मैच हो गया नहीं, उम्मीद है कि मैच होगा, इसे होना चाहिए, लेकिन लोगों की सबसे बड़ी समस्या प्रदूषण होना चाहिए.
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उन्होंने आगे कहा कि मैं फिर कह रहा हूं कि दिल्ली के लोगों को जिस स्थिति का सामना करना पड़ रहा है, वो मैच से ज्यादा चिंतित करने वाली है. गंभीर से जब पूछा गया कि मैच का आयोजन स्थल तय करते वक्त बीसीसीआई (BCCI) को योजना बनानी चाहिए तो उन्होंने कहा, शायद हां, संभवतः आप ऐसे माहौल में खेलना चाहते हैं जो खिलाड़ियों के साथ-साथ सभी के लिए मुफीद हो.
साथ ही उन्होंने कहा कि पिछले छह साल में इस बार दिवाली के बाद दिल्ली का प्रदूषण स्तर थोड़ा बेहतर रहा है. बेशक दिल्ली सरकार का दावा है कि उसने इस दिशा में काफी काम किया है, लेकिन वास्तव में वो दिल्ली के लोगों में फैली जागरूकता ही है जिसकी वजह से उन्होंने कम पटाखे चलाए हैं. उन्होंने आगे कहा कि प्रदूषण रोकने के लिए बेहद गंभीर कदम उठाने की जरूरत है. मुझे याद नहीं आता कि दिल्ली सरकार ने पिछले चार-साढ़े चार साल में क्या किया है. मगर मुझे लगता है कि केंद्र सरकार इस मामले को लेकर काफी संजीदा है.