युवा खिलाड़ी ऋषभ पंत और अनुभवी खिलाड़ी ऋद्धिमान साहा के बीच भले ही विकेटकीपर की जगह को लेकर कड़ी प्रतिस्पर्धा हो लेकिन साहा ने कहा है कि दोनों के बीच रिश्ते समय के साथ गहरे हुए हैं और दोनों एक दूसरे की मदद करते रहते हैं. साहा ने साथ ही कहा कि उनकी टीम शनिवार से दक्षिण अफ्रीका के साथ शुरू हो रहे तीसरे टेस्ट मैच को जीत क्लीन स्वीप हासिल करने की कोशिश करेगी. साहा चोट के कारण 20 महीनों से टीम से बाहर थे, लेकिन विशाखापट्टनम और पुणे में बेहतरीन विकेटकीपिंग के दम पर उन्होंने सुर्खियां बटोरी हैं. इन दोनों टेस्ट मैचों को विराट कोहली की कप्तानी वाली टीम ने आसानी से अपने नाम किया था.
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तीसरे टेस्ट मैच की पूर्व संध्या पर साहा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा वे और पंत एक दूसरे से बात कर मदद करने की कोशिश करते हैं. उन्होंने कहा, "मेंटरिंग जैसा कुछ नहीं है. हम आम बातचीत करते हैं जिस तरह से विकेटकीपर करते हैं. श्रीधर मैं, और पंत, हम तीनों मिलकर बात करते हैं कि किस तरह की विकेट पर विकेटकीपिंग किस तरह से करनी हैं. हम साथ ही दूसरों की विकटकीपिंग को भी देखते हैं. हम अभ्यास सत्र में अच्छा काम करते हैं और हमारी आपसी समझ अच्छी है. हम एक दूसरे की गलतियां बताते हैं और सुधार करते हैं. अभी तक हमारे बीच सब कुछ अच्छा है."
साहा की विकेटकीपिंग को लेकर किसी को भी किसी तरह का संदेह नहीं लेकिन वह अपनी बल्लेबाजी पर भी ध्यान दे रहे हैं. बीसीसीआई के भावी अध्यक्ष सौरभ गांगुली ने हाल ही में कहा था कि साहा को अपनी बल्लेबाजी पर काम करने की जरूरत है. इस पर साहा ने कहा, "जो भी टीम में खेलता है वह अपना योगदान देना चाहता है. एक विकेटकीपर के तौर पर मुझे मध्य में समय बिताना का मौका मिलता है और मैं साझेदारी करने तथा अर्धशतक लगाने की कोशिश करता हूं. हर कोई यही करता है. कई बार यह चीजें काम करती हैं और कई बार नहीं."
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साहा ने कहा कि जब भारत ने इस मैदान पर पिछला मैच खेला था तब उन्होंने आस्ट्रेलिया के खिलाफ शतक मारा था लेकिन वो मैच ड्रॉ रहा था. साहा की ख्वाहिश है कि यह मैच ड्रॉ नहीं रहे और भारत 3-0 से सीरीज अपने नाम करे. उन्होंने कहा, "मेरी पिछले मैच की यहां की यादें बेहतरीन हैं. मैं पिछले मैच में 117 रन बनाए थे. मुझे पता है कि मैंने किस तरह से पारी बनाई थी. मुझे स्टीव स्मिथ का किस्सा भी याद है. हम तब सीरीज में 2-0 से आगे थे लेकिन मैच ड्रॉ रहा था. इस बार कोशिश होगी कि हम सीरीज 3-0 से अपने नाम करें."
अपनी विकेटकीपिंग पर साहा ने कहा, "विकेटकीपिंग हर जगह मुश्किल है. विकेटकीपिंग ऐसा काम है जिसके लिए श्रेय नहीं मिलता और लोगों को लगता है कि विकेटकीपर को हर गेंद पकड़नी चाहिए क्योंकि वह ग्लव्स पहने है. यह इस तरह आसान नहीं है. खासकर उस पिच पर जहां असमिति उछाल हो. हम विकेट के हिसाब से तैयारी करते हैं."
Source : आईएएनएस