भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली कई सफलताएं अर्जित कर रहे हैं लेकिन निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) के उपयोग में वह पूरी तरह से विफल हो रहे हैं. भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेले जा रहे तीसरे टेस्ट मैच के पहले दिन शनिवार को उनकी यह समस्या सामने आई. कोहली लगातार नौवीं बार डीआरएस का सही इस्तेमाल करने में विफल रहे हैं. कोहली को दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाज एनरिक नोर्टजे ने 12 के निजी स्कोर पर प्लम्ब एलबीडब्ल्यू आउट कर दिया था, लेकिन कोहली ने इस पर रिव्यू लिया, जो उनके खिलाफ चला गया. भारत ने दिन के पहले सत्र में अपने तीन विकेट महज 39 रनों पर ही खो दिए थे.
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इसके बाद रोहित शर्मा और अजिंक्य रहाणे ने टीम को संभाल लिया. खराब रोशनी के कारण दिन का खेल जल्दी खत्म कर दिया गया था. स्टम्प्स की घोषणा तक रोहित शर्मा 117 और रहाणे 83 रन बनाकर खेल रहे थे. रोहित ने इसी के साथ इस सीरीज में अपना तीसरा और कुल छठा शतक पूरा किया. दोनों बल्लेबाजों की टीम के बल्लेबाज कोच विक्रम राठौर ने तारीफ की है. राठौर ने कहा कि पहले सत्र में जब कागिसो रबादा गेंद को मूव करा रहे थे तब रोहित ने हिम्मत दिखा कर पहला सत्र निकाला. उन्होंने कहा, "जैसा की मैंने कहा, वह अच्छी जगह गेंदबाजी कर रहे थे और विकेट से भी मदद मिल रही थी. इसलिए एक बल्लेबाज के तौर पर, आपको इस तरह के समय में विकेट पर टिके रहना होता है जो रोहित ने काफी अच्छे से किया."
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राठौर ने कहा, "वह तीनों प्रारूप खेलने के लिए बेहतरीन खिलाड़ी हैं. उन्हें सलामी बल्लेबाज के तौर पर उतारना सही फैसला है. उन्होंने जितने रन किए हैं उन्होंने कुछ समय के लिए सलामी बल्लेबाजी के विवाद को थाम दिया है. उनके जैसा कोई खिलाड़ी अगर शीर्ष क्रम में आकर बल्लेबाजी करता है तो, इससे टीम के लिए सब कुछ बदल जाता है, तब भी जब आप दौरे पर हों. वह बेहद अनुभवी खिलाड़ी हैं. मुझे नहीं लगता कि उनकी तकनीक से छेड़छाड़ करने की जरूरत है. उन्हें बस मानसिक तौर पर कुछ बदलाव करने हैं. रहाणे ने आज गजब की प्रतिस्पर्धा दिखाई. वह जब भी इस प्रतिस्पर्धा से बल्लेबाजी करते हैं तब बेहद शानदार खेलते हैं."
Source : आईएएनएस