आईसीसी ने भले ही ट्रायल के तौर पर चार दिवसीय टेस्ट मैचों की शुरूआत करने का फैसला कर लिया हो लेकिन भारतीय क्रिकेट टीम फिलहाल इस नए फॉर्मेट में टेस्ट खेलने की संभावना नहीं है।
ऑकलैंड में आईसीसी बोर्ड की बैठक के दौरान चार दिवसीय टेस्ट मैच शुरू करने का फैसला किया गया। साउथ अफ्रीका और जिम्बाब्वे के बीच 'बाक्सिंग डे' यानि 26 दिसंबर से चार दिवसीय टेस्ट मैच शुरु हो सकता है।
हालांकि, बीसीसीआई परंपरागत प्रारूप में ही बने रहना चाहती है जैसा कि अनिल कुंबले की अगुवाई वाली आईसीसी क्रिकेट समिति ने सिफारिश की है। समिति इस तरह का प्रयोग करने के खिलाफ थी।
न्यूज ऐजेंसी पीटीआई के मुताबिक बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर कहा, 'भारत कम से कम चार दिवसीय टेस्ट मैच नहीं खेलेगा। भारत जिस भी टेस्ट मैच में खेलेगा वह पांच दिन का होगा।'
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वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'बीसीसीआई का मानना है कि अनिल कुंबले की अगुवाई वाली क्रिकेट समिति की सिफारिशों में काफी दम है समिति ने कहा था कि दिनों की संख्या कम नहीं की जानी चाहिए लेकिन चार दिवसीय टेस्ट मैच दो बोर्ड के बीच आपसी सहमति पर निर्भर है।ॉ अगर दो देशों को इससे आपत्ति नहीं है तो वे इसे अपना सकते हैं।'
बीसीसीआई का चार दिवसीय टेस्ट मैच नहीं खेलने का एक और कारण प्रस्तावित टेस्ट लीग के लिये इस तरह के मैचों से कोई अंक नहीं मिलना है।
अधिकारी ने कहा, 'केवल पांच दिवसीय टेस्ट मैचों के ही अंक मिलेंगे जिनकी गिनती विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के लिये की जाएगी। ऐसे मैचों में खेलने का क्या मतलब है जिनकी कोई गणना ही न हो। अगर हम आयरलैंड या अफगानिस्तान के खिलाफ भी खेलते हैं तो वे पांच दिवसीय मैच होंगे।'
अधिकारी से पूछा गया कि अगर भविष्य में प्रसारकों ने कम अवधि के टेस्ट मैचों के लिये दबाव बनाना शुरू कर दिया तो बोर्ड का फैसला क्या होगा, उन्होंने कहा, 'जब ऐसा होगा तो देखा जाएगा।'
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Source : News Nation Bureau