उन क्रिकेटरों को ही असली क्रिकेटर माना जाता है जो टेस्ट में अपना झंडा गाड़ सकें. या यू कहें कि टेस्ट क्रिकेट किसी क्रिकेटर के लिए स्किल मापदंड है तो गलत नहीं होगा. टेस्ट क्रिकेट में खिलाड़ियों को रन बनाने के लिए समय तो मिलता ही है साथ ही विकेट पर टिकने की चुनौती भी होती है और इस परीक्षा को जो पार कर लें वहीं असली क्रिकेटर कहलाता है. वहीं, बॉलरों के लिए भी टेस्ट क्रिकेट किसी कठिन परीक्षा से कम नहीं होता. बल्लेबाजों की एक गलती किसी बॉलर के लिए खुशी का तोहफा होता है. मौजदा समय में भारतीय टीम टेस्ट क्रिकेट में दूसरे पायदान पर हैं. इसमें खिलाड़ियों का अहम योगदान रहा है. लेकिन कुछ ऐसे भी खिलाड़ी हैं जिनका टेस्ट करियर अब अंत की ओर दिख रहा है. इस लिस्ट में शामिल एक खिलाड़ी तो हाल ही में टेस्ट करियर की शुरुआत की हैं.
आज हम आपको भारतीय टीम इंडिया के 5 ऐसे खिलाड़ियों के बारे में बतायेंगे, जिनका करियर तो शानदार रहा है. और टेस्ट के अलावा दोनों फॉर्मेट में अभी भी शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन टेस्ट क्रिकेट में उनका वापसी करना अब नामुमकिन सा लगता है.
नवदीप सैनी
युवा गेंदबाज नवदीप सैनी का टेस्ट क्रिकेट करियर मजधार में फंसा हुआ है. खराब फॉर्म से वह भारतीय टीम से बाहर चल रहे हैं. सैनी के विकल्प के रूप में मोहमम्द सिराज जैसे तेज गेंदबाजों आगे बढ़ रहे हैं. नवदीप ने अंतिम टेस्ट ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गाबा में खेला था, जहां वह एक भी विकेट लेने में कामयाब नहीं हुए. उसके बाद इन्हें इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में इन्हें जगह नहीं मिली. आईपीएल में भी उनका प्रदर्शन बढ़िया नहीं रहा. वो रॉयल चैलेंजर्स बैंगलौर के लिए खलते हैं. आरसीबी के कप्तान कोहली ने उन्हें टीम में शामिल किया. वहां पर भी उनका खबरा प्रदर्शन जारी रहा.
कुलदीप यादव
कुलदीप यादव भारत के एकलौते चाइनामैन गेंदबाज हैं. इसी खासियत की वजह से भारतीय टीम में उनका सलेक्शन भी हुआ. मौजूदा दौर में वो खराब फॉर्म से जूझ रहे हैं. इसी वजह से क्रिकेट के तीनों फॉर्मेटों से वो दूर हैं. यहां तक कि उन्हें आईपीएल में भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला. खराब फॉर्म की वजह से ही उन्हें इंग्लैंड दौरे के लिए शामिल नहीं किया गया. क्रिकेट एक्सपर्ट्स की राय को समझें तो कुलदीप को शामिल किया जाना चाहिए था, लेकिन चयनकर्ता इनकी जगह अक्षर पटेल, जड़ेजा और वाशिंगटन सुंदर जैसे गेंदबाजों पर ज्यादा विश्वास कर रहे हैं और यदि ये खिलाड़ी टीम में पक्के हैं तो कुलदीप यादव आगामी समय में भी टेस्ट क्रिकेट में खेलते नहीं दिखेंगे.
भुवनेश्वर कुमार
भुवनेश्वर कुमार एक शानदार गेंदबाज है इसमें कोई शक नहीं. गेंद को स्विंग कराने में उन्हें महारथ हासिल है. भारतीय टीम में जगह पक्की होने का कारण भी गेंद को स्विंग कराना ही था. चोटों के चलते कई वो टीम से अन्दर-बाहर होते रहे हैं. हलांकि इंग्लैंड दौरे के लिए उन्हें टीम में शामिल न करने का फैसला सबको हैरानी भरा लगा. क्योंकि 2012 में जब इस खिलाड़ी ने करियर की शुरुआत की थी तब उनकी ताकत स्विंग थी और आज भी उनकी यही ताकत है. देखा जाए तो इस तरह का आयाम विदेश पिचों पर काफी अनुकूल भी है.
भुवनेश्वर टेस्ट क्रिकेट में अपनी स्विंग गेंदबाजी साबित भी कर चुके हैं. साल 2018 में लगी चोट के कारण भुवी टेस्ट क्रिकेट से दूर होते चले गए और तब से एक भी टेस्ट में इन्हें खेलने का मौका नहीं मिला. टीम में नए खिलाड़ियों की जगह पक्की होने से स्पष्ट होता है कि अब भुवी के लिए टेस्ट क्रिकेट लगभग समाप्त हो चुका है.
शिखर धवन
इसमें कोई शक नहीं कि शिखर धवन एक शानदार खिलाड़ी है. उनके नाम कई अंतरराष्ट्रीय रिकॉर्ड भी हैं. क्रिकेट से सभी फॉर्मेट में अव्वल खिलाड़ी दिखाई देते हैं. बावजूद इसके धवन काफी समय से टेस्ट क्रिकेट से बाहर चल रहे हैं. धवन का टेस्ट करियर देखा जाए तो उन्होंने 34 मैच में 41 की औसत से 2300 से अधिक रन बनाये हैं, जिसमें इन्होंने शानदार 7 शतक लगाये हैं. लेकिन ऐसा लगता है कि चयनकर्ताओं ने धवन का सही आंकलन नहीं किया है. साल 2018 से ही उन्होंने कोई भी टेस्ट मैच नहीं खेले हैं और इंग्लैंड दौरे के लिए भी सिलेक्ट नहीं किए गए. ऐसे में मालूम होता है कि धवन के लिए टेस्ट क्रिकेट का दरवाजा बंद हो चुका हैं. हालांकि मौजूदा दौर में भी धवन वनडे और टी20 क्रिकेट में टीम इंडिया के नियमित खिलाड़ी के रूप में खेल रहे हैं.
हार्दिक पांड्या
तेज गेंदबाजी के साथ-साथ विस्फोटक बल्लेबाजी के लिए जाने जाने वाले हार्दिक पांड्या काफी समय से टेस्ट क्रिकेट से बाहर हैं. टेस्ट क्रिकेट से दूर होने का एक कारण चोट भी रहा है, लेकिन वो अब चोट से उबर चुके हैं लेकिन लग रहा है कि चयनकर्ताओं ने उन्हें नजरअंदाज कर रहे हैं. हार्दिक पांड्या का चयन इंग्लैंड दौरे के लिए नहीं किया गया. इससे पहले ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के साथ हुई टेस्ट सीरीज में पांड्या को चयनकर्ताओं ने नजरअंदाज कर दिया था. लगातार टेस्ट से बाहर चल रहे पांड्या के लिए बुरी खबर है. हो सकता है कि आगे भी उनका चयन टेस्ट के लिए न किया जाए.
कुछ लोगों का मानना हैं कि पांड्या बैक इंजरी से जूझ रहे हैं, जिस कारण वह टेस्ट में गेंदबाजी नहीं कर सकेंगे. इसलिए इन्हें इस दौरे पर शामिल नहीं किया है, लेकिन सच्चाई यह है कि पांड्या 2018 के बाद टेस्ट क्रिकेट का हिस्सा नहीं हैं.
Source : Sports Desk