भारतीय क्रिकेट बोर्ड अपने खिलाड़ियों को विदेशी लीग खेलने की इजाजत नहीं देता. मगर, नियम के अनुसार प्लेयर्स रिटायरमेंट के बाद विदेशी लीगों में हिस्सा ले सकते हैं. बीते सालों में भारत के युवराज सिंह जैसे कई प्लेयर्स ने ऐसा किया भी है. मगर, अब BCCI एक ऐसा नियम लाने को तैयार है, जिसके बाद भारतीय प्लेयर्स रिटायरमेंट के बाद भी विदेशी लीगों में हिस्सा नहीं ले सकेंगे. बोर्ड के सचिव जय शाह ने इस मामले पर अपडेट देते हुए नई नीति के बारे में बताया है.
खिलाड़ियों पर लागू होगा कूलिंग पीरियड
पिछले सालों में देखा गया है की कई खिलाड़ी इंटरनेशनल और IPL से रिटायरमेंट लेकर विदेशी टी-20 लीगों में हिस्सा लेते दिखे हैं. मगर, अब इसे लेकर बीसीसीआई एक स्ट्रिक्ट पॉलिसी लागने को तैयार है. असल में, बोर्ड अब कूलिंगह ऑफ पीरियड लागू करने का प्लान बना रहा है, जिससे खिलाड़ियों को विदेशी लीगों में खेलने में वक्त लगेगा. भारतीय क्रिकेट बोर्ड के सचिव जय शाह ने कहा है कि हम पहले से तय रिटायरमेंट को रोकने के लिए एक नई नीति लाएंगे. यह पॉलिसी कुछ बड़े अधिकारियों द्वारा बनाई जाएगी और महीने भर बाद अपेक्स काउंसिल में की जाएगी.
क्या होता है कूलिंग ऑफ पीरियड
BCCI नियमों के अनुसार, कोई खिलाड़ी राष्ट्रीय और स्टेट बोर्ड में लगातार 6 साल से ज्यादा पद पर नहीं रह सकता. अगर उसे भविष्य में BCCI या स्टेट बोर्ड में पद लेना है तो कम से कम 3 साल का कूलिंग पीरियड का नियम फॉलो करना होगा. इसका मतलब है की वह 3 साल तक वह ऐसे किसी भी पद पर काम नहीं कर सकता. अब यदि BCCI ये नियम खिलाड़ियों पर लागू करता है, तो रिटायरमेंट के बाद इंटरनेशनल लीगों में हिस्सा लेने के लिए प्लेयर्स को कूलिंग ऑफ पीरियडर्स सर्व करना पड़ेगा.
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