ऑस्ट्रेलिया दौरे पर चार मैचों की टेस्ट सीरीज के पहले मैच की दूसरी पारी में मात्र 36 रन पर ढेर होने के बाद भारतीय बल्लेबाजों की आलोचना हो रही है. भारत को इस मैच में आठ विकेट से शिकस्त मिली थी. हालांकि अभी तीन टेस्ट मैच बाकी हैं और टीम इंडिया के पास वापसी का अच्छा मौका रहेगा. इस बीच टीम इंडिया अब दूसरे टेस्ट की तैयारी में जुटी हुई है. लेकिन टीम इंडिया के लिए मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं. कप्तान विराट कोहली ने टीम का साथ छोड़ दिया है. वे भारत वापस लौट रहे हैं. वहीं रोहित शर्मा ऑस्ट्रेलिया पहुंच तो गए हैं, लेकिन वे अभी टीम के साथ नहीं जुड़ पाएंगे. हां, इतना जरूर है कि वे तीसरे टेस्ट से पहले टीम के साथ जुड़ जाएंगे. मोहम्मद शमी भी सीरीज से बाहर हो गए हैं. वहीं कई बल्लेबाजों का फार्म भी टीम के लिए चिंता का विषय बना हुआ है.
यह भी पढ़ें : INDvsAUS : विराट कोहली ने छोड़ा टीम का साथ, जाते जाते कही ये बड़ी बात
इस बीच पूर्व भारतीय बल्लेबाज अंशुमन गायकवाड ने कहा है कि इस समय भारतीय बल्लेबाजों का पैर न चल पाना दुर्भाग्यपूर्ण है और पैर हिलाने की क्षमता या अक्षमता उनकी मानसिकता का हिस्सा है. अंशुमन गायकवाड ने आईएएनएस से कहा कि जब हम वेस्टइंडीज के खिलाफ उतरे तो हमारे पास घर में कोई भी तेज गेंदबाज या बाउंस वाली विकेट नहीं थी. हमारे पास कुछ नहीं था. इन लड़कों ने कम से कम इन सभी देशों में खेला, जहां ये स्थितियां हैं.
अंशुमन गायकवाड ने 1976 में जमैका टेस्ट में माइकल होल्डिंग की अगुवाई वाली तेज गेंदबाजी आक्रमण का सामना किया था और 81 रन की पारी खेली थी. उन्होंने कहा, जो मैं समझ सकता हूं और मैं यह सब कर चुका हूं, वह यह है कि आपको अपने पैरों का उपयोग करने की आवश्यकता है. आप खड़े होकर शॉट नहीं खेल सकते. आपको अपने पैरों को आगे या पीछे करना होगा, गेंद के करीब पहुंचना होगा. साथ ही आपको गेंद की लाइन पर भी आना होगा. यह बहुत महत्वपूर्ण है.
यह भी पढ़ें : IPL2021 Auction Update: जानिए कब हो सकता है प्लेयर्स का ऑक्शन
भारत के लिए 40 टेस्ट मैच खेलने वाले पूर्व बल्लेबाज अंशुमन गायकवाड ने कहा, इन देशों में, जहां उछाल और गति अधिक है, वहां आपको अपनी तकनीक का इस्तेमाल करने की आवश्यकता है. कहां आप गेंद को खेल सकते हैं और कहां आप गेंद को छोड़ सकते हैं. उन्होंने कहा कि प्रत्येक देश की पिच और परिस्थितियां अलग होती हैं और आपको वहां उसी के अनुसार खेलने की जरूरत है. पूर्व बल्लेबाज ने कहा, यह मूल तकनीक और परिस्थितियों के साथ तालमेल बिठाने को लेकर है. आप भारत में खेलते हैं, इंग्लैंड में नहीं खेल सकते हैं. आप इंग्लैंड में खेलते हैं, ऑस्ट्रेलिया में नहीं खेल सकते हैं. या आप ऑस्ट्रेलिया में खेलते हैं, न्यूजीलैंड में नहीं खेल सकते. खिलाड़ियों को परिस्थितियों के साथ तालमेल बिठाने की जरूरत है. भारतीय टीम सीरीज का पहला मैच तीन के अंदर हार गई थी, जिस दौरान उसकी दूसरी पारी महज 36 रन पर सिमट गई थी. टेस्ट इतिहास में यह इस टीम का न्यूनतम स्कोर है. इस टेस्ट की पहली पारी में विराट कोहली ने रन आउट होने से पहले 74 रन बनाए थे. वह टॉप भारतीय स्कोरर थे.
(input ians)
Source : Sports Desk