भारत ने एडिलेड ओवल मैदान पर ऑस्ट्रेलिया के साथ खेले जा रहे डे-नाइट टेस्ट मैच में अनुभवी लोकेश राहुल और युवा शुभमन गिल के स्थान पर सलामी बल्लेबाज के तौर पर पृथ्वी शॉ को चुना, लेकिन मुंबई का यह युवा बल्लेबाज दूसरी ही गेंद पर बिना खाता खोले बोल्ड हो गया. पृथ्वी शॉ के मैच की दूसरी ही गेंद पर बोल्ड हो जाने से नंबर तीन के बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा को पहले ही ओवर में क्रीज पर आना पड़ा, वहीं दूसरे बल्लेबाजों पर भी इसका दबाव पड़ा और वे भी धीमी बल्लेबाजी करते हुए नजर आए.
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इस बीच भारत के पूर्व कप्तान और सलामी बल्लेबाज रहे सुनील गावस्कर और ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान एलन बॉर्डर ने भी पृथ्वी शॉ की तकनीक पर उठाए हैं और इसके साथ ही सवाल और भी गहरे हो गए हैं. पृथ्वी शॉ दूसरी गेंद खेल रहे थे और उन्होंने मिशेल स्टार्क की इनस्विंगर पर ड्राइव करने की कोशिश की, इस दौरान उनके बल्ले और पैड में गैप रहा और गेंद उनके बल्ले का अंदरूनी किनारा ले कर स्टम्प में जा लगी. इससे पहले पृथ्वी शॉ दोनों अभ्यास मैच में एक भी अर्धशतक नहीं बना पाए थे. उन्होंने अभ्यास मैचों की चार पारियों में सिर्फ 62 रन बनाए. इसी कारण सुनील गावस्कर और एलन बॉर्डर ने पृथ्वी शॉ की तकनीक पर सवाल खड़े किए थे और उन्हें शॉट सेलेक्शन, डिफेंस पर काम करने के अलावा आस्ट्रेलियाई पिचों पर संभलकर बल्लेबाजी करने की सलाह दी थी.
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पृथ्वी शॉ के साथ सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि वे रन तो नहीं ही बना पा रहे हैं, साथ ही फील्डिंग में भी गड़बड़ी कर रहे हैं. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टेस्ट के दूसरे दिन जब ऑस्ट्रेलिया के दो विकेट गिर चुके थे, और मार्नस लाबुशेन और स्टीव स्मिथ बल्लेबाजी कर रहे थे, तभी जसप्रीत बुमराह की एक गेंद पर मार्नस लाबुशेन ने कैच उछाल दिया और गेंद सीधे पृथ्वी शॉ के सिर के ऊपर चली गई. पृथ्वी शॉ ने कुछ कदम पीछे लिए और कैच के लिए हाथ बढ़ दिए, लेकिन गेंद पृथ्वी शॉ के हाथ में आकर छिटक गई. और गेंद पर जा गिरी. उस वक्त मार्नस लाबुशेन केवल 22 रन बना कर खेल रहे थे. इसके बाद मार्नस लाबुशेन ने कोई मौका नहीं दिया और लगातार अपनी पारी को आगे बढ़ाते रहे. इस कैच के छूटने से पृथ्वी शॉ की मुश्किलें और भी बढ़ गई है. मयंक अग्रवाल के साथ दूसरे सलामी जोड़ीदार के तौर पर शुभमन गिल और केएल राहुल डगआउट में बैठे हुए हैं. वहीं संभावना है कि हिटमैन रोहित शर्मा भी तीसरे और चौथे टेस्ट के लिए ऑस्ट्रेलिया पहुंच जाएंगे, इसके बाद पृथ्वी शॉ के लिए और भी मौका कम हो जाएगा. हालांकि पृथ्वी शॉ के पास दूसरी पारी में बल्लेबाजी का और मौका है, देखना होगा कि जब दूसरी पारी में बल्लेबाजी के लिए आएंगे तो कुछ कर पाएंगे या फिर सस्ते में ही आउट हो जाएंगे.
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पिछले कुछ महीनों से शॉ लगातार विफल हो रहे हैं. आईपीएल में दिल्ली कैपिटल्स ने उन्हें कुछ मैचों के लिए अंतिम-11 से बाहर भी कर दिया था. दिल्ली के साथ अपनी आखिरी सात पारियों में शॉ तीन बार शून्य पर आउट हुए और सिर्फ एक बार ही दहाई के आंकड़े में पहुंच सके. भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज वसीम जाफर का कहना है कि मुझे लगता है कि आस्ट्रेलिया में समस्या यह है कि आप हर गेंद पर ड्राइव नहीं मार सकते क्योंकि गेंद वहां थोड़ा ज्यादा उछाल लेती है. आपको इस बात को लेकर काफी आश्वस्त होना होता है कि आप किस गेंद को खेलना चाहते हैं और किस गेंद को नहीं. आपको कई गेंदों को छोड़ना होता है. कई ऐसी गेंदें होती हैं कि आप भारत में ड्राइव कर सकते हैं, लेकिन उन पर आस्ट्रेलिया में ड्राइव नहीं कर सकते क्योंकि वहां उछाल ज्यादा रहता है.
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वसीम जाफर को भी 2007-08 में आस्ट्रेलिया दौरे पर परेशानी हुई थी. यह उनका भारतीय टीम के साथ आस्ट्रेलिया का पहला दौरा था. उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि उन्हें जल्दी इस बात को समझना होगा कि वह लगातार अपने शॉट्स नहीं खेल सकते और उन्हें अपने वर्टिकल शॉट्स को लेकर सावधान रहना होगा. उन्हें अपने शरीर के पास से शॉट्स खेलने होंगे और तकनीक को मजबूत करना होगा. हालांकि अभी सिर्फ एक पारी हुई है. अगर वह उसमें अच्छा करते तो लोग उनकी तारीफ करते. लेकिन हां उन्हें अपनी तकनीक को मजबूत करने की जरूरत है.
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दिल्ली कैपिटल्स के कोच रिकी पोंटिंग ने कॉमेंट्री के दौरान ही पृथ्वी शॉ के आउट होने के तरीके की भविष्यवाणी कर दी थी. शॉ ठीक उसी तरह आउट हुए जिस तरह पोंटिंग ने बताया था- बैट और पैड के बीच गैप. रिकी पोंटिंग ने आईपीएल के पहले हाफ के दौरान कहा था कि शॉ अपनी तकनीक पर काम कर रहे हैं. वह ऑफ स्टम्प की तरफ जाकर अपने आप को लेग स्टम्प पर रन करने का मौका दे रहे हैं. इससे फायदा हुआ था क्योंकि शॉ ने दो अर्धशतक बनाए थे लेकिन इसके बाद वह फॉर्म खो बैठे. न्यूजीलैंड दौरे पर भी शॉ का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था. उन्होंने 16, 14, 54 और 14 रनों की पारियां खेली थीं.
Source : Sports Desk