टीम इंडिया ने पहले T20 मैच में ऑस्ट्रेलिया को 11 रन से हरा दिया. इस तरह से तीन मैचों की सीरीज में भारतीय टीम ने 1-0 की लीड ले ली है. अब सीरीज को अपने कब्जे में करने के लिए टीम इंडिया को बचे हुए दो में से एक ही जीतना होगा. इससे पहले वन डे सीरीज में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 2-1 से हरा दिया था. मैच को भारत ने जीत लिया, लेकिन इसमें एक नया काम हुआ, जिससे हंगामा खड़ा हो गया है. वो है आईसीसी की ओर से बनाया गया कनकशन का नियम. जिससे रविंद्र जडेजा की जगह युजवेंद्र चहल टीम में आए और कमाल की गेंदबाजी कर टीम इंडिया को मैच भी जिता गए. जो खिलाड़ी पहले टीम इंडिया की प्लेइंग इलवेन में था ही नहीं, वही खिलाड़ी मैच के बाद मैन आफ द मैच बन गया. ये अपने आप में गजब बात हुई. हालांकि इस बीच एरॉन फिंच ने कनकशन को लेकर उपजे विवाद को यह कहते हुए शांत कर दिया है कि डॉक्टरों की बात को चुनौती नहीं दी जा सकती.
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आपको बता दें कि मैच की पहली पारी के आखिरी ओवर में मिशेल स्टार्क की गेंद रवींद्र जडेजा के बल्ले का किनारा ले कर उनके हेलमेट में लग गई थी. इसके चलते भारत ने कनकशन नियम का इस्तेमाल किया और यजुवेंद्र चहल को रविंद्र जडेजा की जगह गेंदबाजी करवाई. युजवेंद्र चहल ने तीन विकेट ले आस्ट्रेलिया की 11 रनों की हार में अहम भूमिका निभाई. कनकशन से आस्ट्रेलियाई टीम निराश दिख रही थी. दूसरी पारी की शुरुआत से पहले आस्ट्रेलिया के मुख्य कोच जस्टिन लैंगर और कप्तान फिंच रैफरी डेविड बून से बात करते हुए निराश थे.
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इसका एक कारण यह था कि हेलमेट पर गेंद लगने से पहले रविंद्र जडेजा की मांसपेशियों में खिंचाव था और उन्हें चलने में दिक्कत हो रही थी इसके लिए उन्होंने ब्रेक भी लिया था. मैच के बाद ऑस्ट्रेलियाई कप्तान एरॉन फिंच ने कहा कि उनके डॉक्टर ने रविंद्र जडेजा को कनकशन के चलते बाहर कर दिया था. आप डॉक्टरों की सलाह को चुनौती नहीं दे सकते. टीम के प्रदर्शन पर एरॉन फिंच ने कहा कि हमने अंत में ज्यादा रन गंवा दिए और फिर मध्य में हम बाउंड्रीज नहीं लगा पाए. भारत ने रविंद्र जडेजा के 23 गेंदों पर नाबाद 44 रनों की पारी के दम पर 20 ओवरों में सात विकेट के नुकसान पर 161 रन बनाए थे. आस्ट्रेलिया पूरे ओवरों में सात विकेट खोकर 150 रन ही बना पाई.
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लेकिन चलिए अब आपको बताते हैं कि आईसीसी की ओर से बनाया गया कनकशन नियम आखिर है क्या. अब से करीब एक साल पहले ही आईसीसी ने ये नियम बनाया था. नियम के अनुसार अगर किसी खिलाड़ी के सिर पर चोट लगती है तो उसकी जगह किसी दूसरे खिलाड़ी को खेलाया जा सकता है. खास बात ये भी है कि कनकशन सब्स्टीट्यूट के तौर पर उतरे खिलाड़ी को गेंदबाजी, बल्लेबाजी, फील्डिंग या फिर विकेटकीपिंग सब करने की पूरी छूट होती है. हालांकि इसके साथ ही ये जरूरी है कि बल्लेबाज की जगह बल्लेबाज, गेंदबाज की जगह गेंदबाज और आलराउंडर की जगह आलराउंडर ही मैदान पर उतारा जा सकता है. चुंकि युजवेंद्र चहल भी कभी कभी बल्लेबाजी कर ही लेते हैं, इसलिए आलराउंडर रविंद्र जडेजा की जगह टीम इंडिया ने युजवेंद्र चहल का चुनाव किया और वे खेल गए. न केवल खेल गए, बल्कि मैच जिताऊ गेंदबाजी भी कर गए. मैच के बाद युजवेंद्र चहल को ही मैच ऑफ द मैच का पुरस्कार भी दिया गया.
Source : Sports Desk