सितारों से सजी भारतीय टीम (Team India) एक बार फिर कागजी शेर साबित हुई, जिसे न्यूजीलैंड (India Vs New Zealand) की अनुशासित टीम ने दूसरे और अंतिम टेस्ट में तीन दिन के भीतर सोमवार को सात विकेट से हराकर सीरीज में 2-0 से क्लीनस्वीप किया. भारत के 132 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए न्यूजीलैंड ने 36 ओवर में तीन विकेट पर 132 रन बनाकर जीत दर्ज की. इससे पहले भारतीय टीम आज सुबह छह विकेट पर 90 रन से आगे खेलने उतरी और सुबह एक घंटे के अंदर ही उसकी दूसरी पारी 124 रन पर सिमट गई. बल्लेबाजी करते हुए मोहम्मद शमी (Mohhamad Shami) को गेंद से चोट लगी और वह गेंदबाजी करने नहीं उतरे, जिससे न्यूजीलैंड की राह आसान हो गई. हालांकि वे कुछ देर के बाद आए और गेंदबाजी भी की. इस बीच न्यूजीलैंड के बल्लेबाजों टाम ब्लंडेल (113 गेंद में 55 रन) और टाम लैथम (74 गेंद में 52 रन) ने पहले विकेट के लिए 103 रन की साझेदारी करके आसान जीत की नींव रखी.
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बड़ी बात यह भी है कि आठ साल बाद टीम इंडिया को किसी टेस्ट सीरीज में वाइटवॉश का सामना करना पड़ा है. इससे पहले साल 2011-12 में आस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत ने चार टेस्ट मैच खेले थे. तब टीम इंडिया वह सीरीज 0-4 से हार गई थी. उसके बाद अब टीम इंडिया सीरीज में कोई भी मैच नहीं जीत पाई है. वहीं भारत ने 17 महीने बाद टेस्ट सीरीज हारी है. यह आंकड़े यह बताने के लिए काफी हैं कि विराट और उनकी टीम किस तरह का प्रदर्शन इन दिनों कर रही है. यह हाल तब है, जब वन डे सीरीज में टीम इंडिया को जब 0-3 से हार मिली थी, तब कप्तान विराट कोहली ने कहा था कि इस वक्त वन डे का कोई महत्व नहीं है. इसी साल T20 विश्व कप होना है और विश्व टेस्ट चैंपियनशिप भी चल रही है. ऐसे में टीम का ध्यान T20 और टेस्ट सीरीज पर है, लेकिन टेस्ट सीरीज पर टीम का कितना ध्यान है, इसकी पोल खुल गई है.
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इस सीरीज को जीतकर न्यूजीलैंड ने आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में 120 अंक हासिल किए और उसके कुल 180 अंक हो गए हैं। भारत हालांकि वेस्टइंडीज, दक्षिण अफ्रीका और बांग्लादेश को हराकर 360 अंक के साथ शीर्ष पर चल रहा है. भारत ने न्यूजीलैंड दौरे पर टी20 सीरीज 5-0 से जीती थी लेकिन इसके बाद विराट कोहली की टीम को एकदिवसीय सीरीज में 0-3 और टेस्ट सीरीज में 0-2 से क्लीनस्वीप का सामना करना पड़ा. भारत के इस प्रदर्शन से एक बार फिर साबित हो गया कि कागजों पर उसका रिकार्ड भले ही कितना अच्छा हो, लेकिन जब गेंद स्विंग और सीम करती है तो उसके बल्लेबाज धराशायी हो जाते हैं. इंग्लैंड में 2014 और 2018 तथा अब न्यूजीलैंड में टीम को ऐसी ही स्थिति का सामना करना पड़ा.
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सीरीज के हार के अंतर से अधिक समस्या यह है कि भारतीय बल्लेबाजों ने बिना संघर्ष किए घुटने टेक दिए. दो मैचों की सीरीज की चार पारियों में भारत की ओर से सिर्फ चार अर्धशतक लगे और इस दौरान सीम और स्विंग लेती गेंद के खिलाफ अजिंक्य रहाणे, मयंक अग्रवाल, विराट कोहली, चेतेश्वर पुजारा और पृथ्वी शॉ सहित लगभग सभी खिलाड़ियों की तकनीक पर सवाल उठे. भारत के लिए सबसे बड़ा झटका कप्तान विराट कोहली का प्रदर्शन रहा जो चार पारियों में सिर्फ 38 रन बना सके. सोमवार को भारत का निचला क्रम एक बार फिर नाकाम रहा और टीम ने 34 रन जोड़कर बाकी चार विकेट भी गंवा दिए. रिद्धिमान साहा पर तरजीह देकर ऋषभ पंत को मौका दिया गया लेकिन उन्होंने एक बार फिर निराश किया. टिम साउथी (36 रन पर तीन विकेट) और ट्रेंट बोल्ट (28 रन पर चार विकेट) की तूफानी गेंदबाजी के सामने भारतीय बल्लेबाजी क्रम ताश के पत्तों की तरह बिखर गया. हनुमा विहारी (09) सुबह आउट होने वाले पहले बल्लेबाज रहे. उन्होंने लेग साइड से बाहर जाती गेंद पर विकेट के पीछे कैच थमाया. पंत भी इसके बाद बोल्ट की गेंद पर विकेटकीपर बीजे वाटलिंग को कैच दे बैठे. वह इस सीरीज के दौरान 19, 25, 12 और चार रन की पारियां ही खेल पाए. मोहम्मद शमी (05) को साउथी ने पवेलियन भेजा जबकि जसप्रीत बुमराह (04) रन आउट हुए.
(इनपुट भाषा)
Source : Bhasha