भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया सीरीज के दूसरे मैच के दूसरे दिन भी कप्तान अजिंक्य रहाणे ने सभी का दिल जीत लिया. मैच के पहले दिन अजिंक्य रहाणे ने जिस तरह से गेंदबाजी में बदलाव किया और ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों के लिए जिस तरह फील्डिग सजाई और पूरी टीम को 195 रन पर आउट कर दिया, उसकी पहले दिन खूब तारीफ हुई थी. इसके बाद दूसरे दिन भी उन्होंने शानदार बल्लेबाजी कर दिखाया कि कप्तानी उनके लिए बोझ नहीं हैं और वे शानदार बल्लेबाजी करते हुए दिखाई दिए. उन्होंने न केवल अपने लिए और टीम के लिए शतक जड़ा, बल्कि रविंद्र जडेजा के साथ मिलकर छठे विकेट के लिए 100 रन से भी ज्यादा की साझेदारी भी की है. पहले के बाद दूसरे दिन टीम इंडिया ने मैच पर मजबूत पकड़ बना ली है.
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विराट कोहली के जाने के बाद टीम की कप्तानी को संभालने और बल्लेबाजी में बड़ी भूमिका का भार अजिंक्य रहाणे के कंधों पर था. ऑस्ट्रेलिया के साथ मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (एमसीजी) पर खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच के शुरुआती दो दिन अजिंक्य रहाणे ने अभी तक इस काम को बखूबी निभाया है. उनकी नाबाद 104 रनों की पारी ने दूसरे दिन रविवार का खेल खत्म होने तक भारत को आस्ट्रेलिया पर 82 रनों की बढ़त दिला दी है. अजिंक्य रहाणे की यह कप्तानी पारी उस समय आई जब भारत, ऑस्ट्रेलिया के पहली पारी के स्कोर 195 रनों के जवाब में तीन विकेट 64 रनों पर ही खो चुकी थी.
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अजिंक्य रहाणे ने विकेट पर पैर जमाने शुरू किए और छोटी-छोटी साझेदारियां कर भारत को आस्ट्रेलिया के स्कोर से पार भी ले गए और अच्छी बढ़त भी दिला दी. भारत ने दिन की शुरुआत एक विकेट के नुकसान पर 36 रनों के साथ की थी. टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू कर रह शुभमन गिल ने अपने पहले दिन के स्कोर 28 रनों से आगे खेलना शुरू किया और अर्धशतक की तरफ बढ़ने लगे. हालांकि 45 के निजी स्कोर पर पैट कमिंस की गेंद गिल के बल्ले को छूती हुई विकेटकीपर और कप्तान टिम पेन के दस्तानों में जा समाई. शुभमन गिल का डेब्यू मैच में अर्धशतक जमाने का सपना 65 गेंद खेलने के बाद टूट गया. अपनी पारी में इस युवा बल्लेबाज ने आठ चौके मारे.
पैट कमिंस का अगला शिकार बने चेतेश्वर पुजारा जिन्होंने 70 गेंदें खेली और एक चौके की मदद से 17 रन बनाए. चेतेश्वर पुजारा के जाने के बाद भारत का स्कोर 64 पर तीन विकेट था. अजिंक्य रहाणे और हनुमा विहारी ने फिर भारत की पारी को संवारने का जिम्मा उठाया. दोनों बल्लेबाज अच्छी तरह खेल रहे थे. नाथन लॉयन अपनी ऑफ स्पिन से परेशान तो कर रहे थे लेकिन अजिंक्य रहाणे और विहारी हल्के हाथों से आगे पैर निकाल कर उनकी गेंदों को बढ़िया तरीके से खेल रहे थे.
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इसी बीच विहारी ने लॉयन पर आक्रमण करने की कोशिश में स्वीप शॉट खेला. गेंद ने अतिरिक्त उछाल ली और विहारी के ग्ल्व्ज से टकरा कर स्टीव स्मिथ के हाथों में चली गई. विहारी ने 66 गेंदों पर दो चौकों की सहायता से 21 रन बनाए. दोनों ने 57 रनों की साझेदारी की. ऋषभ पंत ने थोड़ी तेज बल्लेबाजी की और रहाणे के साथ 52 रनों की साझेदारी की. मिशेल स्टार्क की गेंद पर पेन ने पंत का कैच ले कर उनकी 40 गेंदों पर 29 रनों की पारी का अंत कर दिया. पंत के बाद आए जडेजा ने रहाणे के साथ अभी तक इस मैच की सबसे अहम और सबसे बड़ी साझेदारी की. इस बीच रहाणे ने अपना शतक पूरा किया. वह इस सीरीज में अभी तक शतक जमाने वाले पहले बल्लेबाज हैं. रहाणे और जडेजा ने तीसरे सेशन में आसानी से बल्लेबाजी की और आस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को ज्यादा मौके नहीं दिए.
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मिशेल स्टार्क ने 92वें ओवर की तीसरी गेंद बाउंसर डाली. सामने खड़े रहाणे इसे खेलने की पोजिशन में नहीं थे, गेंद उनके हाथ से लग कर चेहरे से टकराती हुई प्वाइंट पर गई जहां खड़े ट्रेविस हेड ने कैच छोड़ दिया. रहाणे को देखने फीजियो आया. इस बीच बारिश आ गई और दिन का खेल खत्म करने की घोषणा कर दी गई. रहाणे और जडेजा ने अभी तक छठे विकेट के लिए 104 रनों की साझेदारी कर ली है. रहाणे ने अपनी शतकीय पारी में अभी तक 200 गेंदों का सामना करते हुए 12 चौके लगाए हैं जबकि जडेजा ने 104 गेंदों का सामना कर एक ही चौका मारा है. आस्ट्रेलिया के लिए स्टार्क और कमिंस ने दो-दो सफलताएं अर्जित कीं. लॉयन ने एक विकेट लिया. रहाणे ने आस्ट्रेलिया को कम स्कोर पर समेटने में अपनी कप्तानी से अहम योगदान दिया था. गेंदबाजों को सही समय पर बदलना और उनके लिए सटीक फील्डिंग सेट करने के उनके फैसलों की सभी ने तारीफ की थी.
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आपको बता दें कि अजिंक्य रहाणे ने 21 साल पुराने रिकॉर्ड को तोड़ दिया है. मेलबर्न में अजिंक्य रहाणे का ये दूसरा शतक है इससे पहले भारत के लिए वीनू मांकड मेलबर्न में भारत के लिए दो शतक लगा चुके हैं. ये मैच मेलबर्न के मैदान पर खेला जा रहा है बतौर कप्तान रहाणे का ये पहला शतक है. जबकि मेलबर्न के मैदान पर बतौर कप्तान रहाणे शतक लगाने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं. रहाणे से पहले टेस्ट कप्तान के रुप में सचिन तेंदुलकर ने साल 1999 में 116 रनों की पारी खेली थी. इसके बाद से कोई भी टीम इंडिया का कप्तान शतक नहीं लगा पाया था. हालांकि अजिंक्य रहाणे की इस पारी ने सचिन तेंदुलकर के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली है. रहाणे ने बतौर कप्तान पहला शतक लगाया है जबकि उनके करियर का 22वां शतक हैं.
(input ians)
Source : Sports Desk