हार तो हार होती है. हर हार सालती है पर एडिलेड ओवल मैदान पर ऑस्ट्रेलिया के हाथों भारत की हार कई मायनों में काफी तकलीफदेह है. इस मैच के बाद कप्तान विराट कोहली भारी मन से अपने पहले बच्चे के जन्म के लिए स्वदेश रवाना होंगे. इस मैच से पहले कप्तान विराट कोहली भारत के लिए लकी चार्म थे. साल 2015 से एडिलेड टेस्ट से पहले तक विराट कोहली ने जितनी बार टेस्ट मैच में टॉस जीता, भारत वह मैच हारा नहीं लेकिन 25 मैचों के बाद ऐसा पहली बार हुआ कि कोहली ने टॉस जीता और भारत मैच हार गया.
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भारत की यह हार काफी तकलीफदेह है क्योंकि टॉस जीतने के बाद भारत ने पहली पारी में कोहली के 74 रनों की बदौलत 244 रन बनाए और अपने गेंदबाजों की मदद से आस्ट्रेलिया को 191 रनों पर आउट कर 53 रनों क लीड ले ली. ऐसा लगा कि भारत दूसरी पारी में अच्छा योग खड़ा कर आस्ट्रेलिया पर दबाव कायम करेगा लेकिन हुआ इसके उलट और तीसरे दिन शनिवार को पहले ही सत्र में भारतीय पारी 36 रनों पर सिमट गई.
यह टेस्ट मैचों में भारत का न्यूनतम योग है. साथ ही यह टेस्ट इतिहास का चौथा न्यूनतम पारी का योग है. इस मैच में बल्लेबाजों के साथ-साथ गेंदबजों की भी कलई खुल गई क्योंकि दूसरी पारी में भारतीय गेंदबाज वह कारनामा नहीं कर सके जो आस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने किया और आस्ट्रेलिया ने 8 विकेट से जीत हासिल कर ली. मोहम्मद शमी को बल्लेबाजी के दौरान हाथ में चोट लगी और वह रिटायर्ड हर्ट आउट हुए. अब शमी की चोट का आंकलन होगा. कप्तान विराट कोहली का कहना है कि शमी को चोट गम्भीर मालूम पड़ती है क्योंकि वह अपना हाथ ठीक से नहीं उठा पा रहे हैं. अब अगर शमी की चोट गम्भीर रही तो उनका दूसरे टेस्ट में खेलना मुश्किल हो सकता है. यह भारत के लिए एक और झटका होगा क्योंकि कोहली तो जा ही रहे हैं, शमी का जाना और मुश्किल खड़ी करेगा.
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भारतीय टीम प्रबंधन शाम तक स्पष्ट करेगा कि शमी की क्या स्थिति है. कप्तान विराट कोहली ने कहा कि अभी वह शमी की चोट के बारे में ज्यादा कुछ नहीं कह सकते. उन्होंने इतना जरूर कहा कि शमी के हाथ का स्कैन होना है, और इसके बाद ही सही स्थिति का पता चल सकेगा. अब कोहली अपने परिवार में आने वाले नए मेहमान की खुशी मन में लिए स्वदेश लौटेंगे लेकिन एडिलेड की यह हार सालों तक सिर्फ कोहली ही नहीं बल्कि उनके साथियों के साथ-साथ भारत के हर क्रिकेट प्रेमी के मन में हरी रहेगी. साल 2020 सही मायने में कोहली के लिए अच्छा नहीं रहा. 8 महीने की बंदी के बाद आईपीएल में खेले और टीम खिताब तक नहीं पहुंच सकी. इसके बाद वह आस्ट्रेलिया रवाना हुए और बिना किसी शतक के सात साल का समापन किया.
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साल 2008 में कोहली ने जब डेब्यू किया था तब उनके साथ ऐसा ही हुआ था. वह पूरे कैलैंडर इअर में किसी भी फारमेट मे एक भी शतक नहीं लगा सके थे. इस साल विराट कोहली ने तीनों फारमेट में कुल 24 मैच खेले, जिनमें 6 टेस्ट तथा 9-9 वनडे एवं टी20 मैच शामिल रहे लेकिन कोहली के बल्ले से एक भी शतक नहीं निकला. इस साल उनका टॉप व्यक्तिगत स्कोर 89 रन रहा. साल 2008 में कोहली ने पांच वनडे खेले थे और उनका व्यक्तिगत सर्वोच्च योग 54 रन रहा था.
Source : IANS