टीम इंडिया के लिए श्रेयस अय्यर ने शानदार प्रदर्शन करते हुए अपना पहला वन डे शतक आज ठोक दिया. श्रेयस ने अपना शतक पूरा करने के लिए 101 गेंदों का सामना किया और इसमें 11 चौके और एक शानदार आसमानी छक्का भी जड़ा. इससे पहले श्रेयस अय्यर का वन डे में सर्वाधिक स्कोर 88 रन था, लेकिन आज श्रेयस ने अपने ही इस रिकार्ड तो तोड़ दिया और भारत को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया. श्रेयस अय्यर ने इससे पहले न्यूजीलैंड के ही खिलाफ T20 सीरीज के भी एक मैच में 29 गेंदों पर 58 रनों की पारी खेली थी और टीम इंडिया को जीत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. श्रेयस अय्यर ने जिस जिम्मेदारी से पारी खेली और टीम को संकट से निकाला वह इस बात का सबूत है कि वो प्रतिभा के धनी होने के साथ-साथ जिम्मेदारी भी ले सकते हैं. जिम्मेदारी लेने वाली बात शायद एक खिलाड़ी के रूप में परिपक्व होने का सबूत है. यह पारी श्रेयस अय्यर के लिए भारतीय क्रिकेट में नए अध्याय की शुरुआत हो सकती है. श्रेयस अय्यर ने अपना पहला T20 मैच चार नवंबर को राजकोट में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला था. न्यूजीलैंड के बाद श्रीलंका के खिलाफ सीरीज में भी वह टी-20 टीम में खेले. श्रीलंका के खिलाफ ही उन्होंने वनडे पदार्पण किया. अय्यर पहले मैच में तो विफल रहे लेकिन दूसरे मैच में उन्होंने 88 रन की पारी खेल अपनी प्रतिभा का परिचय दिया.
आपको बता दें कि टीम इंडिया जब विश्व कप-2019 की तैयारी कर रही थी. इस दौरान नंबर-4 की बहस भारतीय क्रिकेट में चल रही थी. अय्यर का नाम भी इस रेस में था, लेकिन वह विजय शंकर से रेस हार गए वो भी तब जब उन्होंने आईपीएल में दिल्ली कैपिटल्स की कप्तानी करते हुए टीम को लंबे अरसे बाद प्लेऑफ में पहुंचाया और बल्ले से भी अच्छा किया. विश्व कप के लिए नहीं चुना जाना किसी भी खिलाड़ी के लिए यह बेशक निराशा वाली बात होगी. लेकिन विश्व कप के बाद अय्यर फिर टीम में आए. नंबर-4 तो नहीं लेकिन वह नंबर-5 पर खेलने लगे. विंडीज दौरे पर उन्होंने दो अर्धशतक जमाए. विंडीज भारत दौरे पर आई तो फिर अय्यर ने लगातार दो अर्धशतक जमाए. लगने लगा था कि अय्यर टीम के वो खिलाड़ी बन गए हैं, जिसकी जरूरत टीम को है और जो मध्य क्रम की कमी को पूरा कर सकता है. इस बीच आस्ट्रेलिया ने भारत का दौरा किया. अय्यर शुरुआती दो वनडे में चले नहीं. सवाल उठे कि मुंबई का यह बल्लेबाज क्या शीर्ष गेंदबाजी आक्रमण का सामना कर सकता है? अय्यर को अपने ऊपर भरोसा था जो बेंगलुरू में तीसरे वनडे में देखने को मिला. अय्यर ने फिर 35 गेंदों पर 44 रनों की पारी खेल टीम को जीत दिलाई. यह इनिंग भी फिनिशिंग इनिंग थी. इस पारी ने सिर्फ अय्यर के आत्मविश्वास को ही नहीं बढ़ाया बल्कि टीम प्रबंधन को भी भरोसा दिया.
Source : News Nation Bureau