Team India Deadly combination : भारत और न्यूजीलैंड (India vs New Zealand ODI series) के बीच तीन वन डे मैचों की सीरीज का दूसरा मैच अब ज्यादा दूर नहीं रहा. सीरीज का दूसरा मैच आठ फरवरी को खेला जाएगा. पहले मैच में करीब साढ़े तीन सौ रन बनाने के बाद भी मैच हारना टीम इंडिया (Team India) को खासा साल रहा है. जब टीम इंडिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 347 रनों का पहाड़ जैसा स्कोर टांगा तो किसी को उम्मीद नहीं थी कि भारतीय टीम इस मैच को हार भी सकती थी. बस इंतजार इसका किया जा रहा था कि न्यूजीलैंड की टीम कितने रनों पर आउट होती है और भारत यह मैच कितने रनों से जीतता है. लेकिन धीरे धीरे न्यूजीलैंड की टीम स्कोर का पीछा करती रही और आखिरी ओवर होने से पहले ही लक्ष्य को हासिल कर लिया.
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पांच T20 मैचों सीरीज को 5-0 से जीतने के बाद किसी को नहीं पता था कि वन डे सीरीज के पहले ही मैच में इस तरह हार का सामना करना पड़ेगा. अब पहला मैच हारने के बाद टीम इंडिया दूसरा मैच हर हाल में जीतना चाहेगी. इसके लिए टीम इंडिया मैनेजमेंट को मैच जीतने के लिए टीम में बड़ा बदलाव करना होगा. दूसरा मैच भी अगर भारत के हाथ से निकल गया तो भारत मैच ही नहीं सीरीज भी हार जाएगा. ऐसे में अब नए सिरे से रणनीति बनाने का काम किया जा रहा है.
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पहले मैच में भारत की ओर से सबसे कमजोर कड़ी भारतीय गेंदबाज साबित हुए. भारत ने इस मैच में अपने मुख्य पांच गेंदबाजों से ही गेंदबाजी करवाई, लेकिन कोई भी अपनी छाप छोड़ने में कामयाब नहीं हो सका. भारतीय बल्लेबाजों ने इतने कम रन भी नहीं बनाए थे कि न्यूजीलैंड आसानी से उसे पार कर जाता. जहां एक ओर न्यूजीलैंड ने अच्छी बल्लेबाजी की, वहीं भारतीय गेंदबाजों ने न्यूजीलैंड की जीत में पूरा सहयोग किया. भारत की ओर से कोई भी गेंदबाज ऐसा नहीं था, जिसने पांच रन प्रति ओवर के औसत से कम रन दिए हों. जरा इसका उदाहरण भी देखिए. जसप्रीत बुमराह ने 10 ओवर में 53 रन, मोहम्मद शमी ने 9.1 ओवर में 63 रन, शार्दुल ठाकुर ने नौ ओवर में 80 रन, रविंद्र जडेजा ने दस ओवर में 64 रन, कुलदीप यादव ने दस ओवर में 84 रन खर्च कर दिए. जब गेंदबाज इस तरह से रन देने में कामयाब हो जाएं तो फिर दुनिया की कोई भी टीम अपने गेंदबाजों के बल पर मैदान नहीं मार सकती. इसलिए सबसे बड़ी बात यही है कि भारत को अपनी गेंदबाजी पर काम करने की जरूरत है. यानी दूसरे मैच में एक बार फिर वही जोड़ी मैदान पर उतरती हुई दिखाई देगी, जो दुनिया भर के बल्लेबाजों के लिए खौफ का दूसरा नाम है. हम बात कर रहे हैं कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल की. यहां कहा यह भी जा रहा है कि पहले मैच के सबसे बड़े विलेन कुलदीप यादव ही थे. उन्होंने अपने दस ओवर में 84 रन खर्च कर दिए. लेकिन सवाल यहां यह भी है कि जब एक छोर से गेंदबाजों की पिटाई हो रही हो तो दूसरे छोर का गेंदबाज चाहे जो भी कर लें, वह रनों पर अंकुश नहीं लगा पाएगा.
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पिछले लंबे अर्से से कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल टीम इंडिया का हिस्सा तो हैं, लेकिन दोनों गेंदबाज साथ साथ नहीं खेले हैं. कभी कुलदीप यादव को मौका मिलता है तो कभी युजवेंद्र चहल टीम का हिस्सा हो जाते हैं. लंबे अर्से के बड़े बड़े दिग्गज यह मांग कर रहे हैं कि कुछ मैचों में इन दोनों ही गेंदबाजों को खिलाया जाए. उसके बाद नतीजे सामने आएंगे. जब दोनों छोर से बल्लेबाजों पर अंकुश लगेगा तो बल्लेबाज गलती करेंगे और कहीं न कहीं विकेट मिल जाएगा.
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पहले मैच में कप्तान विराट कोहली ने मनीष पांडे को न खिलाते हुए उन पर केदार जाधव को तरजीह दी थी. केदार जाधव जब भी टीम में होते हैं, वे तीन से चार ओवर गेंदबाजी भी करते हैं. इस दौरान बल्लेबाज गलती करता है और वे विकेट लेने में कामयाब हो जाते हैं. लेकिन पहले मैच में जब सारे गेंदबाजों की पिटाई हो रही थी, इसके बाद भी कप्तान कोहली ने केदार जाधव से गेंदबाजी नहीं करवाई. इस पर भी सवाल उठ रहे हैं. अगर केवल बल्लेबाजी और फील्डिंग के लिए ही खिलाया जाना तो इस मामले में मनीष पांडे केदार जाधव पर भारी पड़ते. मनीष पांडे ने T20 सीरीज में अच्छी बल्लेबाजी की थी. आखिर के ओवरों में जब टीम को रनों की जरूरत थी, तब मनीष पांडे ने तेजी से रन भी बटोरे और पूरी सीरीज में एक भी बार वे आउट तक नहीं हुए. ऐसे में अगर दूसरे मैच में केदार जाधव ही टीम का हिस्सा हुए तो उनसे गेंदबाजी भी करवाई जा रही है. वहीं अगर केवल बल्लेबाजी ही करानी है तो फिर मनीष पांडे टीम का हिस्सा होने वाले हैं. वहीं अगर कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल दोनों को टीम में रखा जाता है तो एक तेज गेंदबाज को कम किया जा सकता है. ऐसे में जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी को बाहर होने से रहे, इस मामले में फिर शार्दुल ठाकुर को बाहर कर चहल को अंतिम 11 में शामिल किया जा सकता है. हालांकि अभी दूसरे मैच में दो दिन का वक्त है और टीम इंडिया प्रबंधन सभी विकल्पों पर विचार कर रहा है. ताकि दूसरा मैच किसी भी हालत में जीतकर सीरीज को बराबरी पर लाया जाए और तीसरे मैच में ही सीरीज का परिणाम सामने आए.
Source : Pankaj Mishra