रविचंद्रन अश्विन एक वक्त में भारत ही नहीं दुनिया के सर्वश्रेष्ठ स्पिनर माने जाते थे. लेकिन धीरे धीरे वक्त बदला और उन्होंने वन डे और T20 मैचों में अपनी जगह खो दी. अब वे केवल टेस्ट टीम के भी हिस्सा हैं, वहां भी उन्हें ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा से कड़ा मुकाबला करना पड़ रहा है. वन डे और T20 में तो अब कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल ने जगह बना ली है. आईपीएल में नियमित रूप से खेलने वाले अश्विन को जुलाई 2017 के बाद से वन डे की टीम इंडिया से बाहर रखा गया है. रवींद्र जडेजा के साथ भी यही स्थिति थी, लेकिन वह अपनी हरफनमौला काबिलियत से तीनों फॉर्मेट में खेल रहे हैं.
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इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में दो मैचों में खराब प्रदर्शन के बाद भारत के शीर्ष ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को पता चल गया था कि T20 में गेंदबाजी करना आसान नहीं होता है और इस वास्तविकता ने उन्हें एक दशक पहले कड़ा सबक सिखाया था. क्रिकेटर से कमेंटेटर बने संजय मांजरेकर के साथ ईएसपीएनक्रिकइन्फो के लिए पोडकास्ट में रविचंद्रन अश्विन ने बताया कि चेन्नई सुपरकिंग्स (CSK) की तरफ से खेलते हुए आईपीएल 2010 ने उन्हें किस तरह से प्रभावित किया.
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अश्विन ने आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड की मुश्किल परिस्थितियों में खेलने पर बात की और बताया कि आखिर उनके स्पिन जोड़ीदार रविंद्र जडेजा ‘क्यों नैसर्गिक खिलाड़ी’ हैं. अश्विन ने आईपीएल 2010 को याद किया जब दो मैचों में खराब प्रदर्शन के बाद उन्हें सीएसके की टीम से बाहर कर दिया गया था. यह उनके लिए कड़ा सबक था, क्योंकि उन्हें लगता था कि स्टीफन फ्लेमिंग ने उनसे बात नहीं की और उन्हें टीम प्रबंधन का पर्याप्त समर्थन नहीं मिला था. अश्विन ने कहा, लोग सोचते थे कि मैं खुद को बहुत अच्छा गेंदबाज मानता हूं, लेकिन जब आईपीएल में खेलता हूं तो इस तरह से बुरा प्रदर्शन करता हूं. यह एक तमाचे की तरह था जैसे कोई बोल रहा हो कि तुम यहां के लायक भी नहीं हो. उन्होंने कहा, मैं सोचता था कि प्रथम श्रेणी मैचों की तुलना में T20 मैच में गेंदबाजी करना आसान होता है. यह रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर के खिलाफ मैच था जिसमें रोबिन उथप्पा और मार्क बाउचर ने उनकी गेंदों की जमकर धुनाई की थी.
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रविचंद्रन अश्विन ने कहा, रोबिन उथप्पा और मार्क बाउचर ने मुझे कड़ा सबक सिखाया. मैंने 14वां, 16वां, 18वां और 20वां ओवर किया था. मैं युवा था और नहीं जानता था कि यह एक चुनौती है. मुझे लगा कि यह विकेट हासिल करने का अच्छा मौका है. उन्होंने कहा, मुझे विकेट तो मिला नहीं लेकिन मैंने 40 या 45 रन लुटाकर अपनी टीम को परेशानी में डाल दिया था. अगला मैच सुपर ओवर तक खिंचा और हम हार गए. मुझे टीम से बाहर कर दिया गया. मुझे लगा जैसे किसी ने मुझ पर करारा तमाचा जड़ दिया है. ये वे दिन थे जब आईपीएल फ्रेंचाइजी घरेलू मैचों के दौरान होटल की लागत बचाने के लिए केवल शीर्ष 18 खिलाड़ियों को ही टीम में रखते थे. अश्विन को भी घर में बैठकर सीएसके के मैच देखने पड़े थे. उन्होंने कहा, मुझे बाहर कर दिया गया. मुझे होटल छोड़ना पड़ा और मैं घर में बैठ गया. मुझे लगा कि मैं इससे बेहतर का हकदार था, क्योंकि मैं वेस्टइंडीज में होने वाले विश्व T20 के 30 संभावित खिलाड़ियों में शामिल था. अश्विन तब भारतीय टीम में जगह नहीं बना पाए थे.
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अश्विन ने स्वीकार किया कि फ्लेमिंग उनसे नाराज थे और इसलिए सीएसके के टीम प्रबंधन ने उनका पक्ष नहीं लिया. उन्होंने कहा, मैंने पहले तीन मैचों में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया था. केवल दो मैचों में मेरा प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा. असल में मेरे स्टीफन फ्लेमिंग से बहुत अच्छे संबंध नहीं थे और उन्होंने मुझसे बात तक नहीं की. इसलिए मैं घर में बैठकर सीएसके के मैच देख रहा था और वादा कर रहा था कि एक दिन मैं परिदृश्य बदल कर रहूंगा. इसके बाद अश्विन ने लंबा सफर तय कर लिया है.
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अब करीब 33 साल के हो चुके अश्विन अब 71 टेस्ट मैचों में 365 विकेट लिए हैं, लेकिन दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और आस्ट्रेलिया में उनका रिकार्ड प्रभावशाली नहीं है. अश्विन ने कहा, मैंने इंग्लैंड में जितने मैच खेले उनसे मुझे यह अहसास हो गया कि एक स्पिनर के लिए विपरीत परिस्थितियों में गेंदबाजी करते हुए (घरेलू परिस्थितियों जैसा) रिकार्ड बरकरार रखने के लिए सही समय पर गेंदबाजी करने की जरूरत होती है. दूसरी बात आपको थोड़ा भाग्य की भी जरूरत पड़ती है. अश्विन ने इसके साथ ही कहा कि उनके साथी स्पिनर रविंद्र जडेजा नैसर्गिक तौर पर फिट खिलाड़ी हैं जिन्हें फिट रहने के लिए उनकी तरह अतिरिक्त प्रयास नहीं करने पड़ते हैं. उन्होंने कहा, अगर मैं दिन में दो बार भी अभ्यास करता हूं और फिर अच्छी कैलोरी वाला भोजन करता हूं तो मेरी फिटनेस गड़बड़ा जाएगी. कुछ लोगों को ईश्वर का आशीर्वाद होता है. मुझे इस मामले में रविंद्र जडेजा से तुलना करना पसंद है. उसे ईश्वर का आशीर्वाद है, वह शारीरिक तौर पर बेहद फिट खिलाड़ी है. जडेजा नैसर्गिक क्रिकेटर, नैसर्गिक गेंदबाज, नैसर्गिक बल्लेबाज है.
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आपको बता दें कि हाल ही में पाकिस्तान के पूर्व गेंदबाज सकलैन मुश्ताक ने कहा था कि वह इस बात को समझने में नाकाम हैं कि खुद को साबित कर चुके रविचंद्रन अश्विन जैसे खिलाड़ी को भारत की वन डे टीम से क्यों बाहर रखा गया है. उन्होंने कहा कि टेस्ट में सफलता हासिल करने वाला गेंदबाज वन डे क्रिकेट में भी सफल रहता है. क्रिकेट में ‘दूसरा’ गेंद की शुरुआत करने वाले इस पूर्व दिग्गज ने कहा, काबिलियत स्थाई है चाहे आप अंगुली से स्पिन करते हो या आप कलाई के स्पिनर हों. आपके कौशल, खेल की स्थिति को परखने की क्षमता बहुत मायने रखती है. मुझे आश्चर्य हुआ जब अश्विन को एक दिवसीय क्रिकेट के लिए अनदेखा कर दिया गया. सकलैन ने कहा, जिसे यह पता हो कि पांच दिवसीय मैच को बल्लेबाज को कैसे आउट करना है उसके लिए सीमित ओवरों के क्रिकेट में यह आसान काम है. रन रोकने का काम कोई भी कर सकता है लेकिन जो विकेट लेना जानता है वह रनों पर अंकुश भी लगा सकता है. अश्विन को दोनों आता है. आप उसे टीम से बाहर कैसे रख सकते हैं? आपको अपने सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों का समर्थन करना होगा.
Source : News Nation Bureau