राइजिंग पुणे सुपरजायंट्स का आइपीएल में सपर संघर्ष से सफलता तक का रहा है। शुरुआत के 4 मैचों में से 3 में हारने वाली पुणे को देखकर लग रहा था कि जैसे अब सफर इस टीम के लिए मुश्किल होगा लेकिन पुणे ने बांकि बचे मैच में अपना दम दिखाया और आईपीएल 10 के फाइनल में पहुंची। सुपरजायंट्स टीम, जो पिछले साल आईपीएल की अंकतालिका में नीचे से दूसरे नंबर पर थी।
इस बार आईपीएल में पुणे की टीम कुल 14 में से नौ मैच जीत अंकतालिका में दूसरे स्थान पर पहुंच गई। आइपीएल 10 में कप्तान स्टीव स्मिथ सहित बेन स्टोक्स, महेंद्र सिंह धोनी, इमरान ताहिर और अजिंक्य रहाणे जैसे सीनियर खिलाड़ियों ने समय-समय पर बेहतर प्रदर्शन करते हुए टीम का मनोबल नहीं गिरने दिया।
युवाओं की बात करें तो राहुल त्रिपाठी, शार्दुल ठाकुर, जयदेव उनादकट और डेनियन क्रिस्टियन जैसे युवाओं ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए टीम को जीत दिलाने में अहम् भूमिका निभाई।
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पुणे की टीम के लिए सबसे अच्छी बात महेंद्र सिंह धोनी के फॉर्म में आने का है। मुंबई इंडियंस के खिलाफ जीत के साथ लीग दौर की शुरुआत करने के बाद पुणे की टीम को किंग्स इलेवन पंजाब, डेयरडेविल्स और गुजरात लायंस के हाथों हार गई। इसके बाद रॉयल चैलेंजर्स के खिलाफ पुणे की टीम ने हार का सिलसिला तोड़ा जो कमोबेश आखिरी लीग मैच तक जारी रहा।
टीम की बल्लेबाजी का जहां तक सवाल है तो कप्तान स्मिथ ने 13 मैचों में 42 के औसत से सर्वाधिक 420 रन बनाए, जबकि राहुल ने 12 मैचों में 32.33 के औसत से 388, बेन स्टोक्स ने 12 मैचों में 316, रहाणे ने 14 मैचों में 282, मनोज तिवारी ने 13 मैचों में 259 और धोनी ने 14 मैचों में 240 रन बनाए।
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इसी तरह गेंदबाजी में जयदेव उनादकट ने 10 मैचों में 21 विकेट अपने नाम कर लिए. जयदेव पर्पल कैप की दावेदारी में भुवनेश्वर कुमार (13 मैचों में 25 विकेट) से ठीक पीछे चल रहे हैं. इसी तरह ताहिर ने 12 मैचों में 18, बेन स्टोक्स ने 12 मैचों में 12, डेन ने 11 मैचों में 9 और शार्दुल ने 10 मैचों में 8 विकेट लेकर टीम की सफलता में अहम जिम्मेदारी निभाई।
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Source : News Nation Bureau