क्रिकेट का महाकुंभ IPL, इस सीजन के दूसरे चरण के रण के लिए तैयार है। सभी टीमें एक दूसरे को पटखनी देने के लिए अपनी-अपनी तैयारियों में जुटी हुई हैं। पहले चरण में जबरदस्त मुकाबला देखने को मिला था। पहला चरण भारत में खेला गया था। भारतीय पिचों पर बल्लेबाजों ने शानदार बल्लेबाजी की थी। इसी कड़ी में कुछ ऐसी बल्लेबाजी जोड़ी भी उभर कर सामने आई जिससे टीमों फायदा मिला।
आपको बता दें कि पहले चरण के अंकतालिक के मुताबिक दिल्ली कैपिटल्स (DC) पहले पायदान पर है, तो वहीं चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) दूसरे पायदान पर है। जबकि कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) सातवें पायदान पर है, तो सन राइजर्स हैदराबाद (SRH) अंतिम पायदान पर काबिज है।
बात करें चेन्नई सुपर किंग्स की तो, भारत में खेले गये मुकाबलों में टीम अच्छा प्रदर्शन की है। अब देखना यह है कि UAE की सरजमीं पर टीम का कैसा प्रदर्शन रहता है? यूएई की सरजमीं पर चेन्नई के रिकॉड्स की बता करें तो पिछले साल चेन्नई सुपर किंग्स ने यूएई में खेले गये आईपीएल मुकाबलों में अपने फैंस को निराश ही किया था। भारत में खेले गये इस सीजन के पहले चरण में धोनी की अगुवाई में टीम शीर्ष पर भी रही है। इस सीजन में CSK ने मध्य के ओवरों में 9.44 के औसत से रन बनाए हैं। जबकि डेथ ओवरों में रन गति बढ़कर 12.86 हो गई है। इस दौरान टीम ने पहले चरण में सबसे ज्य़ादा 62 छक्के लगाये हैं।
चेन्नई सुपर किंग्स को फाफ डु प्लेसिस और रुतुराज गायकवाड़ की सलामी जोड़ी ने निराश ही किया है। लेकिन मोईन अली ने स्पिनरों के खिलाफ बीच के ओवरों में कई शानदार सिक्स लगाये हैं। जबकि मध्यक्रम में रवींद्र जडेजा और अंबाती रायुडू ने टीम को जीत दिलाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
चेन्नई सुपर किंग्स जब भी विजेता बनी है, उसमें स्पिनरों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण रही है। पिछले साल होने वाले आईपीएल में स्पिनरों ने टीम को निराश किया था। पिछले सीजन में टीम उस मैच को भी गंवा दी थी, जिसमें अच्छा स्कोर हुआ था। इस सीजन में जड़ेजा, मोइन अली और इमरान ताहिर की तिकड़ी ने 6.28 की बेहतर इकॉनमी से रन देकर 13 विकेट झटकने में सफलता हांसिल की है।
वहीं धोनी और सुरेश रैना अपनी टीम के लिए अलग ही पहचान बने हुए हैं। आईपीएल के 13वें सीजन में धोनी भी आउट ऑफ फॉर्म थे। जबकि रैना पिछले सीजन में टीम का हिस्सा नहीं बने थे। इसके साथ ही टीम के और भी खिलाड़ियों निराशाजनक प्रदर्शन किया था। यही कारण है कि टीम पिछले सीजन में सुपर फोर से पहले ही बाहर हो गई थी।
टीम को मध्यक्रम में मजबूती देने वाले अंबाती रायुडू ने कुछ हद तक संभाला था, लेकिन अकेले पड़ जोने के कारण टीम को बहुत ज्यादा दूरी तक ले नहीं जा पाये। इस सीजन में भारत में खेले गये मुकाबलों में टीम का प्रदर्शन इस बात की भी गवाही दे रहा है कि धोनी की अगुवाई में चेन्नई सुपर किंग्स चैंपियन बनने के प्रबल दावेदारों में दिख रही है।
Source : News Nation Bureau