आईपीएल के चेयरमैन राजीव शुक्ला ने रविवार को साफ किया कि राइजिंग पुणे सुपरजायंट और गुजरात लायन्स की टीमों के साथ करार केवल दो साल के लिए है और अगर उन्हें 2018 सत्र में वापसी करनी है तो उन्हें नई बोली प्रक्रिया से गुजरना होगा।
दो प्रतिबंधित फ्रेंचाइजी चेन्नई सुपरकिंग्स और राजस्थान रॉयल्स का 2013 स्पॉट फिक्सिंग में शामिल होने के कारण दो साल के लिए निलंबित होने के बाद अगले साल वापसी करना तय है।
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शुक्ला ने पत्रकारों से कहा, 'आरपीएस और लायन्स की कार्य करने की समय सीमा नहीं बढ़ायी जाएगी। उनके साथ करार केवल दो साल के लिए हुआ है। यहां तक कि अगर हम इसे दस टीमों की लीग बनाते हैं तब भी दो नई टीमें बोली प्रक्रिया से आएंगी इसलिए आरपीएस और लायन्स के साथ करार आगे नहीं बढ़ाया जाएगा।'
पुणे की टीम को आरपीजी ग्रुप के मालिक संजीव गोयनका ने ख़रीदा था और गुजरात का मालिकाना हक इंटेक्स मोबाइल कंपनी के मालिक केशव बंसल के पास है।
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इसका मतलब साफ़ है कि आईपीएल में स्पॉट फ़िक्सिंग की वजह से 2 साल का बैन पूरा करने के बाद राजस्थान रॉयल्स और एन श्रीनिवासन की चेन्नई सुपरकिंग्स टीम की वापसी अगले साल यानी सीज़न 11 में हो जाएगी।
दिल्ली में हुई बीसीसीआई की स्पेशल जनरल बॉडी की बैठक में एन श्रीनिवासन के शामिल होने से भी इस बात के संकेत मिलते हैं कि श्रीनिवासन को लेकर बोर्ड के बाक़ी सदस्यों में हुई मनमुटाव अब ख़त्म हो चुका है और नए सिरे से रिश्तों की शुरुआत हो गई है। श्रीनिवासन बैठक में स्काइप के ज़रिए शामिल हुए राजीव शुक्ला ने पूर्व बोर्ड अध्यक्ष के शामिल होने की बात स्वीकार की।
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Source : News Nation Bureau