IPL यानि इंडियन प्रीमियर लीग के 13वें सीजन की शुरुआत होने में अब कुछ ही दिनों का समय बच गया है. ऐसे में दुनिया के सबसे लोकप्रिय क्रिकेट लीग IPL में हिस्सा लेने वाली सभी टीमों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. 29 मार्च से शुरू हो रहे IPL 2020 का पहला मैच मौजूदा चैंपियन मुंबई इंडियंस और रनर-अप चेन्नई सुपरकिंग्स के बीच मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेला जाएगा. IPL 2019 के फाइनल मुकाबले में रोहित शर्मा की मुंबई इंडियंस ने महेंद्र सिंह धोनी की चेन्नई सुपरकिंग्स को हराकर चौथी बार खिताब अपने नाम किया था. IPL 2020 शुरू होने से पहले हम आप सभी क्रिकेट फैंस को IPL का इतिहास बताने जा रहे हैं. आज हम यहां IPL के तीसरे सीजन की कुछ खास बातें बताएंगे, जो साल 2010 में खेला गया था. साल 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमलों की वजह से साल 2009 में IPL का आयोजन दक्षिण अफ्रीका में कराया गया था. हालांकि आईपीएल का तीसरा सीजन फिर से भारत में ही आयोजित किया गया.
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पहली बार चैंपियन बनी थी चेन्नई सुपरकिंग्स
साल 2008 में शुरू हुए IPL ने आज के समय पूरी दुनिया में अपनी जबरदस्त पकड़ बना ली है. IPL की तर्ज पर ही कई क्रिकेट टूर्नामेंट की शुरूआत हो चुकी है, जिनमें Big Bash League, Pakistan Super League, Bangladesh Premier League, Caribbean Premier League, Mzansi Super League जैसे तमाम क्रिकेट लीग शामिल हैं. साल 2010 में खेले गए IPL के तीसरे सीजन में महेंद्र सिंह धोनी की चेन्नई सुपरकिंग्स ने सचिन तेंदुलकर की मुंबई इंडियंस को 22 रनों से हराकर पहली बार खिताब जीता था. आईपीएल 2010 का फाइनल मुकाबला 25 अप्रैल, 2010 को मुंबई के DY Patil Stadium में खेला गया था. चेन्नई सुपरकिंग्स जहां डेक्कन चार्जर्स को हराकर फाइनल में पहुंची थी तो वहीं मुंबई इंडियंस ने रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर को हराकर IPL के तीसरे सीजन के फाइनल में जगह बनाई थी.
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618 रन बनाकर सचिन तेंदुलकर ने जीता था Orange Cap
IPL के तीसरे सीजन में मुंबई इंडियंस के कप्तान सचिन तेंदुलकर ने Orange Cap जीता था तो वहीं दूसरी ओर डेक्कन चार्जर्स के प्रज्ञान ओझा ने Purple Cap जीता था. सचिन तेंदुलकर ने IPL 2010 में 15 मैचों की 15 पारियों 618 रन बनाकर Orange Cap की दौड़ में सबसे ऊपर रहे थे, तो वहीं डेक्कन चार्जर्स के लिए खेलने वाले प्रज्ञान ओझा ने 16 मैचों में 21 विकेट लेकर Purple Cap की जंग में पहला स्थान हासिल किया था. IPL मुख्य रूप से उन भारतीय खिलाड़ियों के लिए एक शानदार प्लेटफॉर्म है जो जबरदस्त प्रतिभा के धनी होते हैं और किसी कारण से उभर कर सामने नहीं आ पाते हैं. यही वजह है कि आईपीएल में भारतीय खिलाड़ियों को वरीयता देने के लिए कुछ कानून भी बनाए गए हैं जिनके अनुसार एक टीम में केवल 4 विदेशी खिलाड़ी ही खेल सकते हैं.
Source : Sunil Chaurasia