टीम इंडिया के ऑलराउंडर क्रिकेटर इरफान पठान (Irfan Pathan) ने जोर देकर कहा है कि नस्लवाद सिर्फ त्वचा के रंग तक सीमित नहीं है. भारत के लिए 120 वनडे और 29 टेस्ट मैच खेलने वाले इरफान पठान (Irfan Pathan) ने ट्विटर कर कहा, नस्लवाद सिर्फ आपकी त्वचा के रंग तक सीमित नहीं है. अगर आपका विश्वास अलग है और उसकी वजह से सोसाइटी में घर नहीं मिलता, वो भी एक नस्लवाद है. इरफान पठान ने ये ट्वीट किया ही था कि उनकी आलोचना भी शुरू हो गई. लोग इस पर तरह तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं. संजीव नेवार ने इरफान पठान की बात का जवाब देते हुए कहा है कि पीढ़ियों से भारत में जन्म, जीवन, कैरियर के बावजूद अरबी नाम रखना नस्लवाद है.
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Racism is not restricted to the colour of the skin.Not allowing to buy a home in a society just because u have a different faith is a part of racism too... #convenient #racism
— Irfan Pathan (@IrfanPathan) June 9, 2020
और विश्वास के नाम पर किसी भी पुस्तक पर विश्वास करना जो कहता है कि अविश्वासियों को नर्क में जला देगा आतंकवाद है. वहीं धर्मेंद्र गुप्ता ने लिखा है कि मदरसे के मौलबी का बेटा इससे इससे ज्यादा की सोच नही है इनकी. भारत के हिन्दुओं ने बिना सोचे समझे इनको इतना प्यार और इज्जत दी. हामिद अंसारी निकला ये तो.
आपको बता दें कि अमेरिका के मिनोपोलिस शहर में पुलिस हिरासत में मारे गए अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद पूरी दुनिया में नस्लवाद को लेकर चर्चा जोरों पर है. नस्लवाद की घटना से खेल का मैदान भी अछूता नहीं रहा है. वेस्टइंडीज के पूर्व कप्तान डैरेन सैमी ने हाल ही में कहा था कि उन्हें आईपीएल में कालू के नाम से बुलाया जाता था. डेरेन सैमी ने कहा था कि जब वह सनराइजर्स हैदराबाद में खेलते थे तब उन्हें और श्रीलंका के थिसारा परेरा को कालू बुलाया जाता था। सैमी ने इस पर गुस्सा जाहिर की थी. डेरेन सैमी के इस दावे की पुष्टि भारतीय टेस्ट टीम के तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा की 2014 में इंस्टाग्राम की पोस्ट ने की है. ईशांत ने उस समय के सनराइजर्स के खिलाड़ी भुवनेश्वर कुमार, डेल स्टेन, सैमी के साथ की एक फोटो साझा की है जिसके कैप्शन में उन्होंने लिखा है, मैं, भुवी, कालू और गन सनराइजर्स.
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इरफान पठान ने ट्विटर पर लिखा, नस्लवाद सिर्फ चमड़ी के रंग तक सीमित नहीं है. किसी और धर्म का होने के कारण सोसाइटी में घर खरीदने की स्वीकृति नहीं दिया जाना भी नस्लवाद है. इरफान पठान से जब यह पूछा गया कि क्या यह उनका निजी अनुभव है या उन्होंने ऐसा महसूस किया है तो उन्होंने कहा, ऐसा मुझे लगता है और मुझे लगता है कि इससे कोई इनकार नहीं कर सकता. इस साल की शुरुआत में खेल के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने वाले पठान ने भारत की ओर से 29 टेस्ट, 120 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय और 24 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं.
Source : Sports Desk