कर्नाटक (karnataka) में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पूर्व मंत्री जनार्दन रेड्डी (Janardhan Reddy) को लगभग ₹954 करोड़ पॉन्जी इन्वेस्टमेंट स्कैम केस में आज (रविवार) सेंट्रल क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया, जिसके बाद उन्हें 24 नवंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. रेड्डी के ऊपर इस स्कैम के मुख्य आरोपी के पैसों को हवाला के जरिए बाहर भेजने और मनी लॉन्ड्रिंग (Money laundering) का आरोप है.
केंद्रीय अपराध शाखा (सीसीबी) ने रेड्डी पर एक पिता व पुत्र को बचाने का आरोप लगाया है. इन पिता, पुत्र पर 954 करोड़ रुपये की पोंजी योजना में आरोपी हैं.
इससे पहले रेड्डी को गिरफ्तार कर अस्पताल में मेडिकल जांच के लिए ले जाया गया था. सीसीबी ने रेड्डी के सहयोगी अली खान को भी गिरफ्तार किया है, जो आरोपी सैयद अहमद फरीद व उसके बेटे सैयद अफाक अहमद के साथ कथित तौर पर 18 करोड़ रुपये के सौदे में फंसा है.
आरोपी सैयद अहमद फरीद व उसका बेटा सैयद अफाक अहमद, एम्बिडेंट मार्केटिंग लिमिटेड नामक कंपनी चलाते हैं. इस कंपनी ने पोंजी योजना के जरिए 15,000 निवेशकों के साथ ठगी की है.
अस्पताल के बाद रेड्डी को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया जहां उन्हें 15 दिन की न्यायिक हिरासत देते हुए 24 नवंबर तक के लिए जेल भेज दिया गया. इससे पहले रेड्डी ने जांच अधिकारी डेप्युटी कमिश्नर ऑफ पुलिस (DCB) एस. गिरीश को हटाने की अपील की थी.
Janardhan Reddy who was arrested by Bengaluru Central Crime Branch, in connection with Ambident Group alleged bribery case has been sent to judicial custody till November 24. pic.twitter.com/YrIBxCQWfJ
— ANI (@ANI) November 11, 2018
इससे पहले शनिवार को रेड्डी एजेंसी के सामने पेश हुए थे जहां क्राइम ब्रांच ने रेड्डी और खान को रविवार को पूछताछ का नोटिस दिया था.
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रिपोर्ट्स के अनुसार क्राइम ब्रांच पहले से ही रेड्डी को गिरफ्तार करने के बारे में विचार कर रही थी, हालांकि वह इससे पहले सबूतों के आधार पर दस्तावेज तैयार करने में जुटी हुई थी. क्राइम ब्रांच के सीपी आलोक कुमार ने बताया है कि विश्वासपूर्ण सबूतों और गवाहों के बयानों के आधार पर गिरफ्तारी की गई है.
क्राइम ब्रांच की जांच में पता लगा था कि रेड्डी और खान ने ऐंबिडेंट मार्केटिंग से 18 करोड़ रुपये की कीमत का 57 किलो सोना लिया. यह सोना प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारियों से ऐंबिडेंट (Ambident Group) के प्रमोटर सैयद अहमद फरीद को 'ढील' देने की बात करने के बदले लिया गया था.
गिरीश को हटाने की मांग पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का मानना है कि गिरीश के खिलाफ उनके ऐक्शन से उनकी बौखलाहट दिखाई देती है.
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एक अधिकारी ने बताया, 'गिरीश को सीधी बात करने और सतर्कता से जांच करने के लिए जाना जाता है. इसमें कोई हैरानी नहीं है कि जांच के घेरे में आया राजनेता ऐसे ऑफिसर को हटाने की बात करे.'
गिरीश ने पिछले 10 साल में कई छापे मारे हैं और नेताओं को गिरफ्तार किया है. यहां तक कि सितंबर 2011 में उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा और उनके दामाद के घर और ऑफिस में छापा मारा था.
Source : News Nation Bureau