भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह अब महान बनने की ओर अग्रसर हैं. उनकी गेंदबाज दिनोदिन और भी धारदार होती जा रही है. कई दिग्गज क्रिकेटर उनकी सराहना करते नहीं थक रहे. वेस्टइंडीज के खिलाफ खेले गए पहले टेस्ट मैच में उन्होंने सात रन देकर वेस्टइंडीज के पांच बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई थी. उसके बाद तो उनके प्रशंसकों की संख्या और भी बढ़ गई है. उनकी गेंद इतनी घातक और मारक कैसे हो जाती है, इस पर तो अब शोध तक होने लगे हैं.
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वेस्टइंडीज के सार्वकालिक महान गेंदबाज एंडी रॉबर्ट और कर्टली एम्ब्रोस तो उन्हें अपने साथ खिलाने तक की बात कर चुके हैं. उनके गेंदबाजी एक्शन की नकल तक होने लगी है. इसी बीच अब जसप्रीत बुमराह की सफलता का राज खुल गया है, यह खुलासा किसी और ने नहीं, बल्कि भारतीय टीम के गेंदबाजी कोच ने खुद ही किया है. गेंदबाजी कोच भरत अरुण ने कहा है कि जमैका टेस्ट में जिस तरह की गेंदबाजी बुमराह ने की है, वह उन्होंने लंबे अर्से बाद देखी है.
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भरत अरुण ने बताया कि जसप्रीत बुमराह अपने आप को स्थितियों के अनुसार खुद को ढाल लेते हैं. जो उनकी सफलता का राज है. अरुण ने बताया कि बुमराह अब पहले के मुकाबले गेंद को ज्यादा आगे फेंकते हैं. उनकी गेंद टिप्पा खाने के बाद अंदर और बाहर दोनों तक मूव करती है. इससे यह समझ पाना कठिन हो जाता है कि गेंद किस तरफ स्विंग करेगी. बुमराह गेंद की गति के साथ ही लाइन और लेंथ पर भी ध्यान देते हैं, फिलवक्त वे 140 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से गेंद कर रहे हैं.
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रत अरुण ने कहा कि किसी भी गेंदबाज के लिए यह जरूरी है कि किन हालातों में किस तरह की गेंद फेंकनी है, अगर गेंदबाज यह कला सीख जाए तो आसानी हो जाती है. वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टेस्ट की पहली पारी में बुमराह को सिर्फ एक ही विकेट मिला था, लेकिन दूसरी पारी में कहर बरपाते हुए उन्होंने सात रन देकर पांच विकेट चटका दिए.
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इससे पहले आईआईटी कानपुर के एक प्रोफेसर ने भी बुमराह के घातक होने का राज खोला था. वहां के एक प्रोफेसर संजय मित्तल ने कहा था कि बुमराह की तेजी, सीम पोजीशन और 1000 आरएमपी की रोटेशनल तेजी उनकी गेंद को 0.1 का स्पिन अनुपात देती है. इससे रिवर्स मैग्नेस प्रभाव होता है. उनका कहना है कि बुमराह की गेंद तेजी से नीचे आती है, जिससे बल्लेबाज उसे खेलने में दिक्कत महसूस करता है.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो