भारत की दो टीमें कुछ समय बाद खेलती हुई नजर आने वाली हैं. एक टीम इंग्लैंड दौरे पर है, जहां टीम विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल और उसके बाद इंग्लैंड के साथ टेस्ट सीरीज खेलेगी, वहीं दूसरी टीम जुलाई में श्रीलंका दौरे पर जा रही है. इसके लिए भी टीम इंडिया का ऐलान कर दिया गया है. दोनों टीमों में कई नए खिलाड़ियों को मौका मिला है, यहां तक कि आईपीएल के इसी सीजन में अच्छा खेलने वाले युवाओं तक को मौका मिल गया, लेकिन तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट को किसी भी टीम में जगह नहीं मिली है. लगता है इससे जयदेव उनादकट निराश हैं, इसलिए अब उन्होंने सोशल मीडिया से अलविदा कहने का फैसला किया है. ट्विटर पर जयदेव उनादकट ने लंबे संदेश लिखा है.
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जयदेव उनादकट ने लिख है कि जब मैं बच्चा था, तब मैंने इस खेल में अपना जुनून पाया. महान खिलाड़ियों को मैदान पर खेलते हुए देखकर प्रेरणा मिली, ऐसा ही अनुभव मैंने भी अपने खेल के दौरान किया. जयदेव ने लिखा कि जब मैं युवा था, तब कुछ लोगों ने मुझे कच्चा समझा. मेरे ऊपर छोटे शहर से आकर बड़े सपने देखने का ठप्पा लगा दिया. हालांकि धीरे धीरे धारणा बदल गई और मैं भी बदल गया. इसके बाद मैंने कायायाबी, नाकामी को भी संभलना सीखा. उन्होंने आगे लिखा कि मैं अपने खेल पर अब और भी ज्यादा मेहनत करूंगा. मुझे क्यों नहीं चुना गया, ये सोचने में वक्त बेकार नहीं करूंगा. मैं आखिर तक लड़ता रहूंगा. उन्होंने लिखा कि फैंस का सपोर्ट करने के लिए शुक्रिया और आभार. अब खेल पर और अधिक ध्यान देने की जरूरत है, तब तक सोशल मीडिया डिटॉक्स मोड में चालू है.
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रणजी ट्रॉफी सत्र 2019-20 में सौराष्ट्र के लिए 67 विकेट के साथ शानदार प्रदर्शन करने वाले तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट को जब इंग्लैंड दौरे पर जाने वाली टीम में नहीं चुना गया था, तब उन्होंने कहा था कि मुझे उम्मीद है कि जब मैं अभी अपने चरम पर हूं, जब मैंने जैसा किया है, वैसा प्रदर्शन किया है, तो मैं उम्मीद कर रहा था कि मुझे कॉल आएगी. टूर्नामेंट कम होने के कारण अवसर कम हुए हैं, लेकिन इसके परिणामस्वरूप बोर्ड ने हर सीरीज के लिए एक बड़ा पूल तैयार किया है. इस तरह यह अपने आप में एक अवसर बन गया है. और उस अर्थ में नहीं चुना जाना निश्चित रूप से निराशाजनक है. करीब 29 साल के हो चुके जयदेव उनादकट ने भारत के लिए 18 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं. इनमें एक टेस्ट, सात वनडे और 10 टी20 मैच हैं. जयदेव के नाम 89 प्रथम श्रेणी मैचों में 327 विकेट हैं.
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जयदेव उनादकट 2019-20 सीजन में कुल मिलाकर शीर्ष विकेट लेने वाले गेंदबाज थे, जिसके दौरान उन्होंने सौराष्ट्र को रणजी ट्रॉफी खिताब दिलाया. उन्होंने 2018-19 सीजन में भी 39 विकेट लिए थे जिसमें सौराष्ट्र फाइनल में विदर्भ से हार गया था. उनादकट, जिनका एकमात्र टेस्ट दिसंबर, 2010 में दक्षिण अफ्रीका में था, ने कहा कि वह इंग्लैंड में भारत ए सीरीज के लिए बुलाए जाने की उम्मीद कर रहे थे. हालांकि, ऐसा नहीं हुआ. इसके बाद श्रीलंका दौरे पर भी उनका टीम में चयन नहीं हुआ.
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— Jaydev Unadkat (@JUnadkat) June 12, 2021
HIGHLIGHTS
- जयदेव उनादकट ने भारत के लिए 18 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं. इनमें एक टेस्ट, सात वनडे और 10 टी20 मैच शामिल
- इंग्लैंड और श्रीलंका दौरे के लिए चुनी गई हैं भारत की दो टीमें, जयदेव को नहीं मिली किसी भी टीम में जगह
Source : Sports Desk