लॉर्ड्स में खेला गया एशेज टेस्ट सीरीज का दूसरा मुकाबला ऑस्ट्रेलिया ने बड़े ही रोमांचक अंदाज में जीतकर अपने नाम किया. मैच में मेजबान इंग्लैंड के सामने 371 रन का लक्ष्य था, जिसके जवाब में टीम 327 पर सिमट गई. क्रिकेट के गलियारों में इंग्लैंड के हार के अलावा जॉनी बेयरस्टो के विवादास्पद विकेट पर काफी हंगामा मचा हुआ है. दरअसल, जॉनी 52वें ओवर की आखिरी गेंद पर आउट हुए थे. उस समय कैमरून ग्रीन गेंदबाजी पर थे. ग्रीन की आखिरी गेंद शॉर्ट रही जिस पर बेयरस्टो नीचे झुक गए और गेंद सीधे विकेटकीपर के हाथों में चली गई.
इसके बाद बेयरस्टो को लगा कि ओवर खत्म हो गया है, तो वह क्रीज से बाहर चले गए. तभी कंगारू विकेटकीपर एलेक्स कैरी ने मिले मौके का फायदा उठाते हुए बेयरस्टो को रन आउट कर दिया. पूरी ऑस्ट्रेलियाई टीम ने अंपायर से रन आउट के लिए जोरदार अपील की. मैदानी अंपायर ने थर्ड अंपायर की ओर देखा और कुछ देर बाद बेयरस्टो को रन आउट दे दिया गया. फैसला आने के बाद बेयरस्टो जहां थे, वहीं रुक गए उन्हें लगा था कि गेंद डेड हो गई. थर्ड अंपायर के इस फैसले से जॉनी बेयरस्टो, क्रीज पर मौजूद इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स और ड्रेसिंग रूम में मौजूद पूरी इंग्लिश टीम हैरान रह गई.
बेयरस्टो निश्चित तौर पर रन लेने के लिए नहीं जा रहे थे, लेकिन अंपायर के मुताबिक गेंद डेड नहीं थी और इंग्लैंड के विकेटकीपर को आउट करार दिया गया. सोशल मीडिया पर बेयरस्टो के रन आउट का वीडियो जमकर वायरल हो रहा है. ओवर खत्म होने की गलतफहमी में क्रीज से बाहर जाना जॉनी बेयरस्टो को खासा महंगा पड़ा और वह 10 रन के निजी स्कोर पर आउट हुए.
जॉनी बेयरस्टो के इस विवादित विकेट के बाद सोशल मीडिया पर पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ट्रेंड करने लगे. दरअसल, 12 साल पहले 2011 में भारत और इंग्लैंड के बीच खेले गए टेस्ट मैच में भी ऐसा ही कुछ देखने को मिला था, तब इयान बेल को अंपायर द्वारा आउट दिए जाने के बाद धोनी ने खेल भावना का परिचय देते हुए वापस भुला लिया था. मैच के दौरान तीसरे दिन टी-ब्रेक से ठीक पहले आखिरी गेंद पर बेल ने शॉट खेला. बेल को लगा की गेंद ने बाउंड्री पार की ली है और चौका हो चुका है. इयान बेल टी-ब्रेक समझकर आराम से बगैर रन पूरा किए दूसरे छोर पर बैटिंग कर रहे इयोन मॉर्गन के साथ पवेलियन की ओर चल दिए.
तभी प्रवीण कुमार ने बाउंड्री से गेंद उठाकर धोनी की ओर फेंकी और एमएस ने नॉन-स्ट्राइकर एंड पर खड़े अभिनव मुकुंद को दी, जिन्होंने गिल्लियां बिखेर दी. बेल को अंपायर ने आउट दिया. चूंकि इयान बेल रन पूरा किए बिना ही मैदान से बाहर जाने लगे थे. प्रवीण कुमार और मुकुंद समेत पूरी टीम ने रन आउट की अपील की और नियन के मुताबिक बेल को आउट माना गया. इयान इससे काफी नाजार हुए और मैदान से बाहर जाते-जाते अपना गुस्सा भी जाहिर किया. हालांकि जब टी-ब्रेक के बाद खिलाड़ी मैदान पर उतर रहे थे, तभी महेंद्र सिंह धोनी ने अपनी अपील को वापस ले लिया. धोनी के इस फैसले से हर कोई हैरान रह गया था.
धोनी ने खेल भावना का शानदार परिचय देते हुए पूरे क्रिकेटिंग वर्ल्ड को हैरानी में डाल दिया था. उस वक्त इयान बेल 137 के निजी स्कोर पर खेल रहे थे और अपील वापस लिए जाने के बाद उन्होंने 159 रन की पारी खेली थी और इंग्लैंड ने ये मुकाबला 319 रन के बड़े अंतर से जीतकर अपने नाम किया था. मैच के बाद बेल ने अपने बयान में कहा था कि, 'उस घटना के लिए मैं खुद को दोषी मानता हूं. मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था. गेंद को जब मैंने बाउंड्री मान लिया था, तो टी-ब्रेक के लिए पवेलियन नहीं जाना चाहिए था. मेरा क्रीज पर पहुंचना जरूरी था.' वहीं एमएस धोनी को उनकी इस खेल भावना के लिए आईसीसी ने दशक के स्पिरिट ऑफ क्रिकेट पुरस्कार से सम्मानित किया था.
by Akhil Gupta
Source : Sports Desk