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लोढा, क्रिकेट में सुधार के लिए सुप्रीम कोर्ट की सिफ़ारिश को लागू नहीं करने से आहत

अदालत ने बोर्ड के तत्कलानी अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के को सिफारिशें लागू न करने में बाधा मानते हुए पदों से हटा दिया था।

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Deepak Kumar
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लोढा, क्रिकेट में सुधार के लिए सुप्रीम कोर्ट की सिफ़ारिश को लागू नहीं करने से आहत

पूर्व न्यायाधीश आर.एम.लोढा (फाइल फोटो)

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सुप्रीम कोर्ट द्वारा भारतीय क्रिकेट में सुधार के लिए बनाई गई समिति के चैयरमैन सेवानिवृत न्यायाधीश आर.एम.लोढा का कहना है कि उन्हें इस बात का अफसोस है कि न्यायालय के आदेश को अभी तक भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) में लागू नहीं किया गया है।

लोढा समिति की सिफरिशों को लागू करने के लिए गठित की गई प्रशासकों की समिति (सीओए) सुधारों को लागू करने को लेकर आगे की योजना पर बैठक करेगी। इस बैठक से पहले लोढा ने अभी तक आदेश का पालन ने होने पर दुख जताया है। 

लोढा ने शनिवार को कहा, 'मैं दुखी हूं और यह दुर्भाग्यपूर्ण है। छह महीने पहले सीओए का गठन हो गया था। आदेश का लागू करने का भरपूर समय भी था। यह खुशी की बात नहीं है। यह अजीब है।'

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सुप्रीम कोर्ट ने 30 जनवरी को पूर्व नियंत्रक एंव लेखापरिक्षक विनोद राय की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति का गठन किया था जो बीसीसीआई के कामकाज पर नजर रखेगी साथ ही यह देखेगी की बोर्ड लोढा समिति की सिफारिशों को लागू करे। 

इसी महीने अदालत ने बोर्ड के तत्कलानी अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के को सिफारिशें लागू न करने में बाधा मानते हुए पदों से हटा दिया था। 

अदालत ने 18 जुलाई 2016 को लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू करने का आदेश दिया था। 

लोढ़ा ने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई की पूरी बात सुनने के बाद 18 जुलाई 2016 को अपना आदेश दे दिया था। अब अध्यक्ष और सचिव को हटाए हुए तकरीबन एक साल हो चुका है, लेकिन अभी तक आदेश के लागू करने का कोई अता-पता नहीं है।'

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बोर्ड की पिछली विशेष आम सभा में राज्य संघ लोढा समिति का सिफारिशों को लागू कर नहीं पाए थे जबकि यह इस बैठक का मुख्य एजेंडा था।

बीसीसीआई के कई ईकाइयों ने लोढा समिति की सिफारिशों के खिलाफ हलफनामा दिया था। 

इसके बाद सीओए ने कहा था कि राज्य संघ अपनी समस्याओं को दोबारा देखें और उन्हें स्पष्ट करते हुए अदालत के सामने रखें। 

सीओए ने एसजीएम में कहा था कि यह राज्य संघों के लिए अच्छा होगा। 

लेकिन बावजूद इसके बीसीसीआई ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के चेयरमैन राजीव शुक्ला की अध्यक्षता में सात सदस्सीय समिति का गठन किया जो बीसीसीआई के 18 जुलाई 2016 के आदेश के मुख्य बिंदुओं को निकालकर बोर्ड के सामने रखेगी जिसे बोर्ड अदालत में पेश करेगा। 

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लोढा से जब एक राज्य एक वोट, अधिकारियों की आयु सीमा 70 साल, लगातार कार्यकाल के बाद कूलिंग ऑफ पीरियड, चयनसमिति के सदस्यों की संख्या बढ़ाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'इन सभी बिंदुओं पर सर्वोच्च अदालत के सामने कई बार जिहर हो चुकी है, लेकिन उन्हें नकार दिया गया।'

लोढा के मुताबिक, 'सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें कई बार अपनी सहमति दे दी है। सुप्रीम कोर्ट से बड़ी संस्था नहीं हो सकती। इन बिंदुओं पर जब बहस हुई थी तब अदालत ने उन्हें खारिज कर दिया था। अब इन पर बात करने का कोई मतलब नहीं बनता।'

लोढा ने हालांकि इतिहासकार रामचंद्र गुहा के सीओए से इस्तीफा देने पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। 

उन्होंने कहा, 'उन्होंने निश्चित ही कुछ देखा होगा। मैं इस पर टिप्पणी नहीं कर सकता। गुहा ने अपने इस्तीफे में कारण बात दिया है।'

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 14 जुलाई को है। 

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HIGHLIGHTS

  • अदालत ने 18 जुलाई 2016 को लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू करने का आदेश दिया था
  • एक साल बाद भी आदेश के लागू करने का अता-पता नहीं है
  • बीसीसीआई के कई ईकाइयों ने लोढा समिति की सिफारिशों के खिलाफ हलफनामा दिया था

Source : IANS

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