भारत के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज और बाद भारतीय क्रिकेट टीम का चयनकर्ता बने किरन मोरे का आज जन्मदिन है। किरन मोरे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उतनी पहचान नहीं बना पाए। गुजरात के वडोदरा में जन्में किरन मोरे ने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत 1980 में प्रथम श्रेणी से की थी। घरेलू क्रिकेट में लंबा समय बिताने के बाद मोरे ने अपनी अंतरराष्ट्रीय पारी का आगाज दिसंबर 1984 में इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में की थी। हालांकि वह वनडे टीम में लगातार हिस्सा नहीं रह पाए।
1992 में विश्व कप टीम के सदस्य रहे किरन मोरे ने अपने अंतरराष्ट्रीय टेस्ट करियर की शुरुआत 1986 में इंग्लैंड के खिलाफ ही की थी। मोरे ने इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में 16 कैच लपक कर रिकॉर्ड बनाया था।
किरन मोरे के करियर का सबसे यादगार पल 1992 विश्व कप ही रहा है। विश्व कप के दौरान भारत और पाकिस्तान के एक मैच में सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर पाक बल्लेबाज जावेद मियांदाद दोनों हाथों से बैट को पकड़कर विकेटकीपर किरन मोरे के सामने उछलने लगे थे।
हालांकि किरन मोरे का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ज्यादा योगदान नहीं रहा है। उन्होंने टेस्ट और वनडे में एक भी शतक नहीं लगाया। वनडे क्रिकेट में तो वे एक अर्द्धशतक भी नहीं लगा पाए थे। वनडे क्रिकेड में उनका उच्चतम स्कोर 42 का रहा। हालांकि उन्होंने 151 प्रथम श्रेणी मैचों में 5,223 रन बनाए थे जिसमें उन्होंने 7 शतक लगाए और उनका उच्चतम स्कोर 181 का रहा।
किरन मोरे ने अंतरराष्ट्रीय करियर में 94 एकदिवसीय और 49 टेस्ट मैच खेले। वनडे में इन्होंने 13.09 की औसत से कुल 563 रन बनाए वहीं टेस्ट करियर में 25.7 की औसत से 1285 रन बनाए। टेस्ट करियर में उन्होंने 7 अर्द्धशतक बनाए, उनका सर्वाधिक स्कोर 73 रनों का है।
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क्रिकेट में अपनी छाप नहीं छोड़ पाने वाले किरन मोरे को 2002 में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की सेलेक्शन कमेटी के अध्यक्ष बने थे। 2006 में दिलीप वेंगसकर के पद संभालने से पहले ये चार साल तक अध्यक्ष रहे थे।
Source : News Nation Bureau