कर्नाटक प्रीमियर लीग (केपीएल) का अगला संस्करण तब तक नहीं खेला जाएगा जब तक इस सीजन में हुए करोड़ों के सट्टेबाजी घोटाले की पुलिस जांच पूरी नहीं हो जाती. एक अधिकारी ने गुरुवार को इस बात की जानकारी दी. कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (केएससीए) के कोषाध्यक्ष विनय मृत्युंजय ने बताया, "जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती और पुलिस की तरफ से अंतिम रिपोर्ट नहीं आ जाती तब तक हम निश्चित तौर पर केपीएल का अगला संस्करण आयोजित नहीं करेंगे." इस बीच, बेंगलुरू पुलिस ने क्रिकेट संघ को नोटिस भेज कर लीग के बारे में विस्तृत जानकारी मांगी है.
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विनय ने कहा, "पुलिस ने हमसे टूर्नामेंट से संबंधित कई तरह की जानकारी मांगी है. टीमों, स्कोरकार्ड, खिलाड़ियों का विवरण, फोन नंबर, सभी मैचों की वीडियो फुटेज आदि मांगी गई है." कोषाध्यक्ष ने साफ कर दिया कि न ही भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) और न ही राज्य संघ को कहीं से भी सट्टेबाजी, हनीट्रैप, बुकी द्वारा विदेश यात्राएं कराना, स्पॉट फिक्सिंग जैसी चीजों का संकेत मिला था.
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ऐसे भी आरोप थे कि इस लीग में खेलने वाले खिलाड़ियों को मैच फीस की तुलना में स्पॉट फिक्सिंग से ज्यादा पैसे मिल रहे थे. इन आरोपों पर विनय ने कहा, "हमें इस बात को देखना होगा, इस संबंध में हमारे पास कोई पुख्ता जानकारी नहीं है." विनय के मुताबिक, हनीट्रैप करने के संदेह के घेरे में आई चियरगर्ल्स से केएससीए कोई लेना देना नहीं है. उन्होंने कहा, "हम नहीं जानते, पुलिस जानती होगी. केएससीए ने कभी भी किसी चीयर गर्ल को नहीं रखा, इन्हें टीमें नियुक्त करती हैं."
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केपीएल में सट्टेबाजी की जांच कर रहे सेंट्रल क्राइम ब्रांच के संयुक्त आयुक्त संदीप पाटिल से जब पूछा कि क्या हनीट्रैप करने के मामले में किसी चीयर गर्ल की पहचान हुई है तो उन्होंने इसकी पुष्टि करने से इनकार किया. पाटिल ने कहा, "मैं इस समय आपको कुछ नहीं बता सकता. एक बार जब चीजें साफ हो जाएंगी तो मैं आपको बता दूंगा." स्थानीय मीडिया रिपोर्ट की मानें तो बेंगलुरू पुलिस आयुक्त भास्कर राव ने कहा है कि सट्टेबाजों और फिक्सरों ने हनीट्रैप कर क्रिकेटरो को फंसाया और उनके निजी पलों को रिकार्ड किया.
Source : आईएएनएस