भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और 1983 विश्व कप विजेता टीम के सदस्य कृष्णमाचारी श्रीकांत को इस साल बीसीसीआई पुरस्कारों में प्रतिष्ठित सीके नायडू आजीवन उपलब्धि पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. भारतीय महिला टीम की पूर्व कप्तान अंजुम चोपड़ा को भी वर्ष 2019 के पुरस्कारों में आजीवन उपलब्धि पुरस्कार से नवाजा जाएगा. बीसीसीआई वार्षिक पुरस्कार समारोह आस्ट्रेलिया के खिलाफ 14 जनवरी से शुरू होने वाली तीन मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला से पहले 12 जनवरी को मुंबई में आयोजित किया जाएगा.
ये भी पढ़ें- रणजी में पहली बार 10 विकेट से हारी मुंबई, काम्बली ने चयन प्रक्रिया पर उठाए सवाल
बीसीसीआई सूत्रों ने गोपनीयता की शर्त पर पीटीआई से कहा, ‘‘श्रीकांत और अंजुम को भारतीय क्रिकेट में उनके योगदान के लिये आजीवन उपलब्धि पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. बीसीसीआई में हर किसी का मानना है कि वे इस पुरस्कार के लिये उपयुक्त पसंद हैं.’’ श्रीकांत ने 1981 से 1992 तक भारत का प्रतिनिधित्व किया. वह एस वेंकटराघवन और रविचंद्रन अश्विन के साथ तमिलनाडु क्रिकेट के शीर्ष क्रिकेटरों में शामिल हैं.
ये भी पढ़ें- 'हिंसा के लिए मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड जिम्मेदार, सिमी और आतंकियों से भी संबंध'
साठ वर्षीय श्रीकांत ने 43 टेस्ट मैच खेले जिसमें दो शतक और 12 अर्धशतकों की मदद से 2062 रन बनाये. लेकिन वह वनडे क्रिकेट था जिसमें उन्होंने बल्ले का जलवा दिखाया. हेलमेट पहने बिना वह तेज गेंदबाजों के सामने बेपरवाह होकर बल्लेबाजी करते थे. विश्व कप 1983 के फाइनल में वेस्टइंडीज के खिलाफ उन्होंने सर्वाधिक 38 रन बनाये थे. श्रीकांत को 1989 में पाकिस्तान दौरे के लिये कप्तान नियुक्त किया गया. यह वही श्रृंखला थी जिसमें सचिन तेंदुलकर ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया. यह श्रृंखला ड्रा रही लेकिन इसके बाद उन्हें कप्तानी से हटा दिया गया था.
ये भी पढ़ें- शिमला से भी ज्यादा ठंडी दिल्ली, अगले कुछ दिनों में पड़ सकते हैं ओले
उन्होंने 1992 विश्व कप के बाद संन्यास ले लिया था. वह 2009 से 2012 तक राष्ट्रीय चयनसमिति के अध्यक्ष भी रहे. अंजुम को मिताली राज से पहले भारत की सर्वश्रेष्ठ महिला बल्लेबाज माना जाता था. उन्होंने 12 टेस्ट मैचों में 548 रन बनाये. अंजुम ने इसके अलावा 127 वनडे भी खेले जिसमें उन्होंने एक शतक और 18 अर्धशतक लगाये. उन्होंने 18 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच भी खेले.
Source : Bhasha