कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले रखा है, यही वजह है कि बीते महीनों से क्रिकेट पर रोक लगी हुई है जो आगे भी जारी रह सकती है. कोरोनावायरस के प्रकोप को देखते हुए दुनियाभर में बाकी खेलों की तरह ही क्रिकेट पर भी पाबंदी लगी हुई है. हालांकि, देश में लॉकडाउन के बाद अब अनलॉकिंग की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और धीरे-धीरे जीवन पटरी पर लौट रहा है. हालांकि, क्रिकेट को पटरी पर लौटने के लिए थोड़ा और इंतजार करना पड़ सकता है. ऐसे में क्रिकेट के दीवानों के लिए हम हमेशा की तरह इस बार भी क्रिकेट से जुड़े अनसुने रिकॉर्ड्स की जानकारी लेकर आए हैं. आज हम आपको ODI के कुछ रिकॉर्ड्स और फैक्ट्स बताने जा रहे हैं.
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महामारी के इस दौर में जब देशभर में सभी खेलों पर रोक लगी हुई है तो ऐसे में हम आपके लिए क्रिकेट से जुड़े कुछ जबरदस्त फैक्ट्स और अनजाने रिकॉर्ड्स की जानकारी लेकर आते हैं. इसी सिलसिले में आज हम आपको वनडे क्रिकेट इतिहास के उन मैचों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनमें लक्ष्य का पीछा करने वाली टीमों को सबसे ज्यादा गेंदें बाकी रहते हुए जीत मिली. ये शेष गेंदों के लिहाज से वनडे क्रिकेट की सबसे बड़ी जीत हैं. आमतौर पर ऐसा तभी होता है जब पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम छोटे स्कोर पर आउट हो जाए और लक्ष्य का पीछा करने वाली टीमों को ज्यादा मुसीबतों का सामना नहीं करना पड़ता.
5. न्यूजीलैंड
बांग्लादेश क्रिकेट टीम साल 2007 में न्यूजीलैंड के दौरे पर गई थी. इस दौरे पर बांग्लादेश को न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज भी खेलनी थी. 31 दिसंबर को क्वींसटाउन में खेले गए सीरीज के तीसरे मैच में बांग्लादेश ने पहले बल्लेबाजी की. बांग्लादेश की पूरी टीम 37.5 ओवर में 93 रन बनाकर ऑलआउट हो गई थी. मैच में बांग्लादेश की आधी से ज्यादा टीम तो दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू सकी थी. कप्तान मोहम्मद अशरफुल ने अपनी टीम के लिए सबसे ज्यादा 25 रन बनाए थे. बांग्लादेश के 93 रनों के जवाब में उतरी न्यूजीलैंड की टीम ने क्रीज पर आते ही आतिशबाजी शुरू कर दी. न्यूजीलैंड के सलामी बल्लेबाज ब्रैंडन मैक्कलम ने महज 28 गेंदों पर 6 छक्के और 9 चौकों की मदद से ताबड़तोड़ 80 रन बना डाले और अपनी टीम को महज 6 ओवर में ही जीत दिला दी. न्यूजीलैंड ने इस मैच में बांग्लादेश को 264 गेंदें बाकी रहते हुए 10 विकेट से करारी शिकस्त दी थी.
4. नेपाल
साल 2020 यानि इसी साल खेले गए आईसीसी मेन्स क्रिकेट वर्ल्ड लीग के 30वें मैच में अमेरिका और नेपाल आमने-सामने थे. 12 फरवरी को खेले गए इस मैच में दोनों टीमों ने मिलकर कुल 17.2 ओवर का गेम खेला था और 71 रन बनाए थे. वनडे क्रिकेट इतिहास में दोनों टीमों द्वारा बनाया गया ये सबसे कम स्कोर था. नेपाल और अमेरिका के बीच हुए इस मैच में 12 विकेट गिरे थे. अमेरिका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 12 ओवर में 35 रन बनाए थे और ढेर हो गई थी. नेपाल के खिलाफ अमेरिका का केवल एक ही बल्लेबाज दहाई के आंकड़े को छू पाने में सफल रहा था. जबकि 4 बल्लेबाज तो खाता भी नहीं खोल सके थे. अमेरिका के 35 रनों के जवाब में नेपाल ने 5.2 ओवर में यानि 268 गेंदें बाकी रहते हुए 2 विकेट के नुकसान पर 36 रन बनाकर लक्ष्य हासिल कर लिया और 8 विकेट से जीत दर्ज की थी.
3. श्रीलंका
साल 2003 में खेले गए विश्व कप के 18वें मैच में कनाडा का सामना श्रीलंका जैसी ताकतवर टीम से होना था. 19 फरवरी को खेले गए इस मैच में दोनों टीमों ने मिलकर कुल 23.2 ओवर का गेम खेला और 73 रन बनाए थे. मैच में 11 विकेट गिरे थे. कनाडा ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 18.4 ओवर में 36 रन बनाए थे और ऑलआउट हो गई थी. मैच में कनाडा के 6 बल्लेबाज अपना खाता भी नहीं खोल पाए थे. इतना ही नहीं कनाडा का कोई भी बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा छूने में भी कामयाब नहीं हुआ था. कनाडा के 36 रनों के जवाब में श्रीलंका ने महज 4.4 ओवर में ही 272 गेंदें बाकी रहते हुए 1 विकेट के नुकसान पर 37 रन बनाकर मैच में 9 विकेट से यादगार जीत हासिल की थी.
2. श्रीलंका
साल 2001 में खेले गए त्रिकोणीय सीरीज के पहले ही मैच में जिम्बाब्वे का सामना श्रीलंका से होना था. 8 दिसंबर को खेले गए इस मैच में जिम्बाब्वे और श्रीलंका ने मिलकर कुल 20 ओवर का गेम खेला था. मैच में कुल 78 रन बने थे और 11 विकेट गिरे थे. मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए जिम्बाब्वे की पूरी टीम 15.4 ओवर में 38 रनों पर ही ढेर हो गई थी. श्रीलंका के खिलाफ खेले गए इस मैच में जिम्बाब्वे के 5 बल्लेबाज बिना खाता खोले ही पवेलियन लौटे थे. जबकि स्टुअर्ट कार्लिस्ले ने अपनी टीम के लिए सबसे ज्यादा 16 रन बनाए थे. जिम्बाब्वे के 38 रनों के जवाब में श्रीलंका ने 274 गेदें बाकी रहते हुए महज 4.2 ओवर में ही 1 विकेट के नुकसान पर 40 रन बनाकर 9 विकेट से शानदार जीत दर्ज कर ली.
1. इंग्लैंड
साल 1979 में खेले गए दूसरे विश्व कप के 8वें मैच में मेजबान इंग्लैंड और कनाडा की टीमें आमने-सामने थीं. बता दें कि उस समय 60 ओवर के वनडे मैच हुआ करते थे. कनाडा की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 40.3 ओवरों में महज 45 रन बनाए और ऑलआउट हो गई. मैच में कनाडा के लिए फ्रैंकलीन डेनिस ने 99 गेंदों में सर्वाधिक 21 रन बनाए थे. डेनिस टीम के एकमात्र ऐसे बल्लेबाज थे, जिन्होंने मैच में दहाई का आंकड़ा छूआ था. डेनिस को छोड़ दिया जाए तो कनाडा के बाकी के 10 खिलाड़ी दहाई के आंकड़े को भी नहीं छू पाए थे. कनाडा के 45 रनों के जवाब में इंग्लैंड ने 13.5 में 2 विकेट के नुकसान पर 46 रन बनाकर मैच जीत लिया था. इंग्लैंड ने कनाडा के खिलाफ खेले गए इस मैच में 277 गेंदें बाकी रहते हुए 8 विकेट से जीत हासिल की थी.
Source : News Nation Bureau