IPL Broadcast goes off : आईपीएल 2022 (IPL 2022) पूरे जोरों पर है और सभी टीमें शीर्ष पर रहने के लिए अपने स्तर पर सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रही हैं. धीरे-धीरे हर मुकाबला रोमांचक होता जा रहा है. इस आईपीएल में जहां सीएसके (CSK) और मुंबई इंडियंस (MI) की टीम अब तक हुए मुकाबले में निराशाजनक प्रदर्शन कर चुकी है वहीं राजस्थान रॉयल्स (RR), कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) और गुजरात टाइटंस (GT) जैसी टीम अपना बेहतर क्रिकेट खेल रही है. इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) का यह संस्करण दो महीने तक चलने वाला टूर्नामेंट है जिसमें दो नई टीमों लखनऊ सुपर जायंट्स (LSG) और गुजरात टाइटन्स (GT) को शामिल किया गया है. जहां आईपीएल 2022 का प्रसारण (IPL Broadcast) पूरी दुनिया में न केवल टीवी (TV) और रेडियो (Radio) पर बल्कि विभिन्न लाइव स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर भी किया जा रहा है, वहीं भारत (India) के एक पड़ोसी देश ने इस टूर्नामेंट का प्रसारण पूरी तरह से रोक दिया है. आर्थिक संकट के कारण श्रीलंका (Srilanka) में चल रही टी20 प्रतियोगिता का प्रसारण नहीं किया जा रहा है, जिसने अपने नागरिकों के दैनिक जीवन को प्रभावित किया है.
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आईपीएल 2022 का श्रीलंका में प्रसारण क्यों नहीं हो रहा है?
न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, श्रीलंका (Srilanka) में चल रहे वित्तीय संकट ने न केवल आम जनता को प्रभावित किया है बल्कि आईपीएल 2022 के प्रसारण पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाला है. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि प्रतिष्ठित टी 20 लीग ने भी मीडिया कवरेज प्राप्त करना बंद कर दिया है क्योंकि द्वीप देश के दो लोकप्रिय समाचार पत्रों ने टूर्नामेंट के बारे में कोई खबर प्रकाशित नहीं की है. प्रिंट मीडिया कागज की लागत को पूरा करने के लिए जूझ रहा है और फिलहाल समाचार ऑनलाइन प्रकाशित किया जा रहा है. जहां तक इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की बात है तो संकट इतना विकराल हो गया है कि कई टीवी चैनल भी बए गए हैं.
भले ही श्रीलंकाई (Srilanka)क्रिकेट प्रशंसकों ने स्थानीय चैनलों के साथ-साथ आईपीएल के प्रसारण अधिकारों की मांग की हो, लेकिन देश में आर्थिक स्थिति की दयनीय स्थिति ऐसी है कि टूर्नामेंट का प्रसारण नहीं किया जा सकता है. श्रीलंका अपने सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. राजपक्षे प्रशासन विदेशी मुद्रा की कमी के कारण आवश्यक आयात के लिए भुगतान करने की स्थिति में नहीं है, जिसके परिणामस्वरूप बुनियादी वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं और मुद्रास्फीति बढ़ रही है.