भारत के अनुभवी ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने माइंड मास्टर्स शो में मानसिक अनुकूलन और मानसिक कौशल पर अपने विचार दिए. उन्होंने यह भी बताया कि कैसे एक क्रिकेटर का करियर उतार-चढ़ाव के दौर से गुजरता है. अश्विन ने इसके अलावा अपनी मानसिक ताकत के बारे में भी बात की, जिसने उन्हें मानसिक रूप से मजबूत रखने में मदद की, खासकर उस समय जब उन्हें 2011 विश्व कप या फिर 2013 चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान बेंच पर बैठना पड़ा था.
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अश्विन ने साथ ही एक वाकये को याद किया जब भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने उनका आत्मविश्वास बढ़ाया था, जिससे उन्हें मानसिक रूप से मजबूत रहने में मदद मिली थी. ऑफ स्पिनर ने कहा, "सचिन मेरे पास आए और उन्होंने मुझसे कहा, आप नेट में बहुत अच्छी गेंदबाजी करते हो, आप ऐसे गेंदबाजी कर रहे हो जैसे कि मानो आप मैच में करते हो." फिर 2013 चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान तत्कालीन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने उनका काफी आत्मविश्वास बढ़ाया था.
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अश्विन ने कहा, "2013 चैंपियंस ट्रॉफी के पहले मैच में धोनी मेरे पास आए और उन्होंने मुझसे कहा था कि मैं शानदार गेंदबाजी कर रहा हूं, बावजूद इसके कि मुझे एक भी विकेट नहीं मिला था." भारत ने 2013 चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल के एक करीबी मुकाबले में इंग्लैंड को हराकर ट्रॉफी जीती थी.
Source : IANS