अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) (ICC) की भ्रष्टाचार रोधी इकाई के संयोजक स्टीव रिचर्डसन (Steve Richardson) का मानना है कि अगर भारत में मैच फिक्सिंग (Match fixing) को एक अपराध मान लिया जाए तो यह काफी बड़ा बदलाव लेकर आएगा, क्योंकि उनके मुताबिक मैच फिक्सिंग के मौजूदा अधिकांश मामले भारत से जुड़े हैं. स्टीव रिचर्डसन ने कहा कि आने वाले दिनों में यह मामले बढ़ सकते हैं, क्योंकि भारत को 2021 में टी-20 विश्व कप और 2023 में वनडे विश्व कप की मेजबानी करनी है.
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ईएसपीएनक्रिकइंफो ने रिचर्डसन के हवाले से लिखा है, भारत को दो आईसीसी टूर्नामेंट की मेजबानी करनी है. टी-20 विश्व कप 2021 और वनडे विश्व कप-2023. उन्होंने कहा, इस समय कोई कानून नहीं है. हमारे भारतीय पुलिस से अच्छे संबंध हैं, लेकिन उनका एक हाथ बंधा हुआ है. भ्रष्टाचारियों को रोकने के लिए हमसे जो बन पड़ेगा, हम करेंगे. हम कर रहे हैं, हमने उनके लिए काफी मुश्किलें पैदा कर दी हैं. श्रीलंका ने नवंबर-2019 में मैच फिक्सिंग के लिए कानून बनाया था और वह ऐसा करने वाला पहला दक्षिण एश्यिाई देश बना था. इसमें दोषी खिलाड़ी पर जुर्माने के अलावा जेल भेजने का भी प्रावधान है. भारत में इस तरह का कोई कानून नहीं है.
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स्टीव रिचर्डसन ने कहा, भारत में कानून बड़ा बदलाव ला सकता है. हम इस समय 50 मामलों की जांच कर रहे हैं. इनमें से अधिकतर मामले भारत में सक्रिय भ्रष्टाचारियों से जुड़े हुए हैं. उन्होंने कहा, इसलिए, अगर भारत मैच फिक्सिंग को लेकर कोई कानून बनाता है तो यह खेल को बचाने वाली सबसे बड़ी बात होगी. रिचर्डसन ने बताया कि कानून न होने से कैसे काम में बाधा आती है.
उन्होंने कहा, मैं भारतीय पुलिस और भारतीय सरकार को आठ नाम बता सकता हूं, उन लोगों के जो बड़े अपराधी हैं और लगातार खिलाड़ियों से मैच फिक्स करने के लिए संपर्क करते रहते हैं. उन्होंने कहा, इस समय भारत में कानून की कमी होने के कारण पुलिस सीमित कदम ही उठा सकती है. उनके साथ मेरी हमदर्दी है क्योंकि वे मौजूदा कानून के हिसाब से काफी मेहनत करते हैं.
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कानूनी विशेषज्ञ भारत में मैच फिक्सिंग को अपराध घोषित करने के लिए वर्षों से वकालत कर रहे हैं क्योंकि क्रिकेट में भ्रष्ट गतिविधियों की जांच करते समय संबंधित अधिकारियों के हाथ कानून से बंधे होते हैं. स्टीव रिचर्डसन ने कहा, मैं कम से कम आठ लोगों के नाम भारतीय पुलिस या भारत सरकार को सौंप सकता हूं जो कि लगातार अपराध करते रहते हैं और मैच फिक्स करने के लिए खिलाड़ियों से संपर्क करने की लगातार कोशिश करते हैं. भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी अजित सिंह ने भी स्वीकार किया कि मैच फिक्सिंग के लिए कोई उचित कानून नहीं है. उन्होंने कहा, ये वे लोग हैं जिनको लेकर मैं चाहूंगा कि उनकी जांच मैच फिक्सिंग कानून के अंतर्गत हो.
(एजेंसी इनपुट)
Source : Sports Desk