झारखंड राज्य क्रिकेट संघ (JSCA) का पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) के ऊपर 1,800 रुपये का सदस्यता शुल्क बाकी है और यह राशि किसी बड़े विवाद को जन्म दे सकती है. हालांकि कुछ स्कूली छात्रों और दिग्गज धोनी के प्रशंसकों ने पैसा इकट्ठा करने के बाद उसे ड्राफ्ट बनाकर जेएससीए को सौंपने की कोशिश की. हालांकि जब पूर्व क्रिकेटर और कार्यकर्ता शेष नाथ पाठक के नेतृत्व में लोगों के एक समूह ने शनिवार को जमशेदपुर में जेएससीए के पंजीकृत कार्यालय में ड्राफ्ट (Draft) जमाने कराने की कोशिश की तो इसे स्वीकार नहीं किया गया.
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वार्षिक रिपोर्ट से हुआ खुलासा
जेएससीए के सचिव संजय सहाय ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि ड्राफ्ट को स्वीकार नहीं किया गया, लेकिन उन्होंने यह नहीं कहा कि धोनी ने अपना बकाया चुकाया है या नहीं. यहां तक कि उन्होंने दावा किया कि इस बारे में केवल उन्हें ही सच्चाई की जानकारी थी. हाल ही में प्रकाशित जेएससीए की वार्षिक रिपोर्ट 2019-20 में 1,800 रुपये बकाया होने का उल्लेख किया गया है. हालांकि रिपोर्ट में बकाया राशि का कोई अन्य विवरण नहीं दिया गया है. सिवाय इतना ही कहा गया है कि यह राशि रांची स्थित भारत के सबसे सफल कप्तानों में से प्राप्य थी.
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जीएसटी के रूप में है बकाया
बाद में सहाय ने स्पष्ट करते हुए कहा कि यह वास्तव में जीएसटी राशि थी जिसे धोनी को 10,000 रुपये के अपने जेएससीए जीवन सदस्यता शुल्क के रूप में देना होगा. पाठक ने कहा कि जब वह जमशेदपुर के कीनन स्टेडियम में जेएससीए के पंजीकृत मुख्यालय में चेक जमा करने गए तो इसे स्वीकार नहीं किया गया. पाठक को जेएससीए में कथित अनियमितताओं के खिलाफ विरोध करने के लिए जाना जाता है.
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प्रशंसकों के भेजे ड्राफ्ट को लेने से इंकार
उन्होंने कहा, 'कुछ स्कूली बच्चों और धोनी के प्रशंसकों ने पैसे इकटठे किए और 1,800 रुपये का एक ड्राफट बनाया, लेकिन जब मैं कुछ अन्य लोगों के साथ इसे जमा करने के लिए जेएससीए कार्यालय गया, तो उन्होंने इसे लेने से इनकार कर दिया. शायद किसी के निर्देश पर. उन्होंने हमें एक रसीद दी और सलाह दी कि हम इसे डाक से भेज सकते हैं.' यह पूछे जाने पर कि क्या धोनी ने अपना बकाया जमा किया है, सहाय ने कहा, 'मैं आपको ये नहीं बता सकता. यह बात केवल वही कहेंगे. यह मुद्दा हमारे (जेएससीए) और उस व्यक्ति के बीच है, जिसे बकाये का भुगतान करना है. जेएससीए की वार्षिक रिपोर्ट 31 मार्च 2020 तक है. कौन जानता है कि उन्होंने 31 मार्च के बाद अपना बकाया चुकाया है? केवल मैं ही जानता हूं, कोई और इसे नहीं जानता है. यह संघ का आंतरिक मामला है, इसलिए इसे संघ पर ही छोड़ दें.'
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धोनी को किया गया सूचित
झारखंड के क्रिकेट में कहा जा रहा है कि जेएससीए के प्रतिनिधि ने 31 अक्टूबर को अपनी एजीएम में उस स्थिति को स्वीकार करने के बाद 10,000 रुपये की सदस्यता शुल्क लेने के लिए रांची स्थित धोनी के घर गए थे. प्रतिनिधि ने धोनी के समर्थकों पर आरोप लगाते हुए कहा कि 10,000 रुपये के जीवन सदस्यता शुल्क पर जीएसटी सहित 11,800 रुपये का चेक मांगा जा सकता है. सहाय ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं. उन्होंने कहा, 'मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है, इसलिए मैं इस पर कुछ नहीं कह पाऊंगा, लेकिन, हां धोनी को सूचित किया गया है (उनके बकाया के बारे में).'