Advertisment

रॉस टेलर को कप्तानी से हटाने पर पहली बार बोले माइक हेसन, कहा- विवादास्‍पद फैसले पर....

न्यूजीलैंड के पूर्व कोच माइक हेसन ने स्वीकार किया कि 2012 में रॉस टेलर को कप्तान पद से हटाना उनके करियर का सबसे मुश्किल दौर था, क्योंकि इसे बेहतर तरीके से निबटाया जा सकता था.

author-image
Pankaj Mishra
एडिट
New Update
mike hesson

mike hesson माइक हेसन( Photo Credit : फाइल फोटो )

Advertisment

न्यूजीलैंड के पूर्व कोच माइक हेसन (Mike Hesson) ने स्वीकार किया कि 2012 में रॉस टेलर (Ross Taylor) को कप्तान पद से हटाना उनके करियर का सबसे मुश्किल दौर था, क्योंकि इसे बेहतर तरीके से निबटाया जा सकता था, लेकिन उन्हें इस विवादास्पद फैसले पर खेद नहीं है. रॉस टेलर ने 2012 में सभी फॉर्मेट में कप्तान पद छोड़ दिया था, क्योंकि माइक हेसन ने उनसे लिमिटेड ओवरों की कप्तानी ब्रैंडन मैकुलम को सौंपने के लिए कहा था. 

यह भी पढ़ें ः ENGvsWI : वेस्‍टइंडीज के कप्‍तान जेसन होल्‍डर भूल गए ICC के नियम, VIDEO में देखिए ये क्‍या किया

माइक हेसन ने स्काई स्पोर्ट्स के एक कार्यक्रम में कहा, निश्चित तौर पर यह मेरे कोचिंग करियर का सबसे मुश्किल दौर था. उन्होंने कहा, मैं उन कारणों के बारे में सोचता हूं जिनकी वजह से मैं कोच हूं और कई बार मैं रात में खुद से पूछता हूं कि क्या मैंने सही कारणों से फैसला किया, क्योंकि मुझे लगता था कि इससे टीम को फायदा होगा. माइक हेसन अभी इंडियन प्रीमियर लीग की फ्रेंचाइजी रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर का क्रिकेट संचालन निदेशक हैं. उन्होंने स्वीकार किया कि वह इस पूरे घटनाक्रम को बेहतर तरीके से संभाल सकते थे. हेसन ने कहा, वह वास्तव में बुरा दौर था. लेकिन मुझे अपने फैसले पर खेद नहीं है लेकिन मुझे निश्चित तौर पर इसके परिणामों और लोगों ने इसे जिस तरह से समझा, उस पर खेद है. उन्होंने कहा कि टीम के अंदर ही कुछ ऐसे लोग थे जो दोनों पक्षों में अपना समर्थन दिखाकर आग में घी डालने का प्रयास कर रहे थे. हेसन ने कहा, रॉस जिस दौर से गुजरा उससे मुझे उसके प्रति सहानुभूति है और यह वास्तव में पूरी टीम के लिए मुश्किल दौर था. हमारे साथ कुछ ऐसे भी लोग थे जो दोनों पक्षों के प्रति हमदर्दी जताकर आग में घी डालने का प्रयास कर रहे थे.

यह भी पढ़ें ः IPL 13 : श्रीलंका, UAE या न्‍यूजीलैंड कहां होगा IPL! सौरव गांगुली ने अहमदाबाद का क्‍यों लिया नाम

उन्होंने कहा, मेरा आज भी मानना है कि वह सही फैसला है. क्या उसे बेहतर तरह से किया जा सकता था. बेशक ऐसा हो सकता था. माइक हेसन ने कहा कि यह फैसला गलत समय पर किया गया था क्योंकि टीम ने तब श्रीलंका पर जीत दर्ज की थी और रॉस टेलर ने उसमें एक ‘जीनियस’ की तरह प्रदर्शन किया था. मैकुलम की कप्तानी में न्यूजीलैंड ने सभी प्रारूपों में सफलता हासिल की. इनमें 2015 का विश्व कप भी शामिल है जिसमें टीम उप विजेता रही थी.

Source :

mike hesson Ross taylor newzealand Team
Advertisment
Advertisment
Advertisment