पाकिस्तान के मुख्य कोच मिसबाह उल हक (Misbah ul Haq) को इंग्लैंड से टीम के लौटने पर मुख्य चयनकर्ता का पद छोड़ने को कहा जा सकता है. क्रिकेट अधिकारी इस काम के लिए नए व्यक्ति की नियुक्ति पर विचार कर रहे हैं. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) (PCB) के सूत्रों के अनुसार मुख्य चयनकर्ता के रूप में मिसबाह उल हक की जगह लेने के लिए एक हाई प्रोफाइल पूर्व तेज गेंदबाज के नाम पर विचार चल रहा है. सूत्र ने पीटीआई को बताया कि पीसीबी को अब लगता है कि यही सर्वश्रेष्ठ होगा कि मिसबाह उल हक पर बोझ को कम किया जाए और उन्हें मुख्य कोच के काम पर ध्यान लगाने दिया जाए, क्योंकि अगले तीन साल में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद की कई महत्वपूर्ण प्रतियोगिताएं होनी हैं. उन्होंने कहा कि पीसीबी के सीईओ वसीम खान भी हाल में इंग्लैंड में थे और उन्होंने देखा कि मिसबाह दोनों जिम्मेदारियों को कैसे निभा रहे हैं. वसीम खान ने भी इंग्लैंड में मिसबाह से बात की और अब बोर्ड के पास नया चयनकर्ता नियुक्त करने का विकल्प है.
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आपको बता दें कि पाकिस्तान में कब क्या हो जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता. पाकिस्तान की राजनीति में भी कभी भी कुछ भी उलटफेर हो जाता है और ऐसा ही कुछ क्रिकेट में भी होता है. क्रिकेट खेलने वाले जो दुनिया के गिने चुने देश हैं, वहां कहीं ऐसा नहीं होता, जैसा पाकिस्तान क्रिकेट में होता है. कभी भी आपने नहीं सुना होगा कि जो किसी टीम का चयनकर्ता है, वही आदमी हेड कोच भी बन जाए. लेकिन पाकिस्तान में ऐसा हुआ है. पाकिस्तान के हेड कोच मिस्बाह उल हक हैं, वही चयनकर्ता यानी सिलेक्टर भी हैं. जब दोनों पदों पर मिस्बाह उल हक को बिठाया गया था तब इसकी काफी आलोचना हुई थी.
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इसके बाद पिछले ही दिनों पाकिस्तान के शानदार बल्लेबाजों में से एक मोहम्मद यूसुफ ने इसकी आलोचना की थी. मोहम्मद यूसुफ ने मिसबाह उल हक को मुख्य कोच और चयनकर्ता की दोहरी भूमिका में बनाए रखने के लिए पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) की आलोचना की थी. मोहम्मद यूसुफ ने एक साक्षात्कार में कहा था कि मैं बोर्ड के इन दोहरे मानदंडों को नहीं समझता. एक तरफ तो वे सभी कोचिंग क्वालीफिकेशन की बात करता है और दूसरी तरफ मिसबाह को मुख्य कोच बनाता है जबकि उसे पूर्व में क्लब स्तर पर भी कोचिंग का अनुभव नहीं है. उन्होंने कहा था कि मिसबाह उल हक को बिना कोचिंग कौशल के नियुक्त करना योग्यता का मजाक बनाने जैसा है. उन्हें पीएसएल में कोचिंग की अनुमति देना भी गलत है. मोहम्मद यूसुफ ने कहा था मैंने हाल में मिसबाह की मीडिया से बातचीत सुनी जिसमें वह ईमानदारी और सत्यनिष्ठा जैसी बातें कर रहा था और जबकि जब वह कप्तान था तब उसने अजहर अली को कभी वनडे टीम में नहीं आने दिया.
Source : Sports Desk