इंग्लैंड और वेस्टइंडीज की टीमें 8 जुलाई को 3 मैचों की टेस्ट सीरीज के पहले मैच के लिए साउथैम्पटन के द रोज बाउल स्टेडियम में उतरीं. इसी के साथ 116 दिनों बाद क्रिकेट की वापसी हो गई. हालांकि, कोविड-19 को देखते हुए क्रिकेट के कुछ नियमों में बदलाव किए गए हैं. मैच के दौरान कोई भी खिलाड़ी गेंद को चमकाने के लिए लार का इस्तेमाल नहीं कर सकता. विकेट लेने के बाद जश्न मनाने का तरीका भी बदल गया है. खिलाड़ियों के साथ-साथ सभी स्टाफ भी सोशल डिस्टैंसिंग का पूरा पालन करेंगे. इन सबके अलावा ये मैच बंद दरवाजों के पीछे दर्शकों की गैर-मौजूदगी में खेले जाएंगे. इधर, भारत में भी लॉकडाउन के बाद अब अनलॉकिंग की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और धीरे-धीरे जीवन पटरी पर लौट रहा है. हालांकि, क्रिकेट को पटरी पर लौटने के लिए थोड़ा और इंतजार करना पड़ सकता है.
आपके मनोरंजन को ध्यान में रखते हुए क्रिकेट से जुड़े कुछ जबरदस्त फैक्ट्स और अनजाने रिकॉर्ड्स की जानकारी लेकर आते हैं. इसी सिलसिले में आज हम आपको वनडे क्रिकेट इतिहास के उन मैचों के बारे में बताने जा रहे हैं, जब टीमें महज एक मैच जीतने के लिए तरस गईं. इन टीमों के प्रदर्शन को देखते हुए ऐसे लगने लगा था कि ये मैच जीतना ही भूल गई हैं. इस वीडियो में आप उन टीमों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त कर सकेंगे, जिन्होंने वनडे क्रिकेट में एक जीत दर्ज करने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा. वनडे क्रिकेट में जीत के लिए सबसे लंबा इंतजार करने वाले 5 आंकड़ों में केवल 2 टीमों के ही नाम हैं. जी हां, बांग्लादेश और जिम्बाब्वे ऐसी दो टीमें हैं जिन्हें जीत के लिए कई बार बेहद लंबा इंतजार करना पड़ा.
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5. जिम्बाब्वे
साल 2004 में जिम्बाब्वे क्रिकेट टीम को लगातार 17 मैचों में हार का सामना करना पड़ा था. जिम्बाब्वे की बार का ये सिलसिला अप्रैल 2004 में शुरू हुआ था. जब जिम्बाब्वे दौरे पर गई श्रीलंका ने मेजबान टीम को 5 मैचों की वनडे सीरीज में 5-0 से रौंद कर क्लीन स्वीप किया था. श्रीलंका के बाद जिम्बाब्वे ने ऑस्ट्रेलिया की भी मेजबानी की थी. ऑस्ट्रेलिया ने जिम्बाब्वे दौरे पर 3 मैचों की वनडे सीरीज खेली थी, जिसमें कंगारुओं ने मेजबान टीम जिम्बाब्वे को तीनों मैचों में हरा दिया था. जिम्बाब्वे की हार का सिलसिला ऐसे ही आगे भी चलता रहा. ऑस्ट्रेलिया की मेजबानी करने के बाद जिम्बाब्वे की टीम साल 2004 में खेले गए आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में हिस्सा लेने के लिए इंग्लैंड गई थी, जहां वह लगातार दो मैच हारने के बाद टूर्नामेंट से बाहर हो गई थी. चैंपियंस ट्रॉफी के बाद जिम्बाब्वे की टीम Paktel Cup में हिस्सा लेने के लिए पाकिस्तान गई थी और यहां भी उन्हें लगातार 3 मैचों में हार का ही सामना करना पड़ा था. जिसके बाद इंग्लैंड की टीम नवंबर के आखिर में जिम्बाब्वे के दौरे पर गई थी. जहां वनडे सीरीज में इंग्लैंड ने शुरुआती 4 मैचों में जिम्बाब्वे को बुरी तरह से हराया था.
4. जिम्बाब्वे
साल 2004 में मिली लगातार 17 हार से पहले जिम्बाब्वे के साथ 90 के दशक में भी ऐसा हुआ था. 1992 से लेकर 1994 तक जिम्बाब्वे को मैच जीतने के लिए 17 मैचों का इंतजार करना पड़ा था. इन 17 मैचों में जिम्बाब्वे को 16 मैचों में हार का सामना करना पड़ा था, जबकि एक मैच बेनतीजा रहा था. 90 के दशक में टीमों के दौरे आज की तरह काफी लंबे नहीं हुआ करते थे. इस दौरान जिम्बाब्वे की टीम कई सीरीज और टूर्नामेंट खेलने के लिए कई देशों के दौरे पर गई थी और बाकी टीमें भी जिम्बाब्वे आई थीं.
3. जिम्बाब्वे
क्रिकेट के शुरुआती दौर में जिम्बाब्वे को विश्व कप 1983 से लेकर विश्व कप 1992 तक खेले गए लगातार 18 मैचों में हार का सामना करना पड़ा था. वनडे क्रिकेट में जीत के लिए जिम्बाब्वे का ये सबसे लंबा इंतजार था. साल 1983 में इंग्लैंड में खेले गए विश्व कप में जिम्बाब्वे ने 5 मैच खेले और सभी में हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद भारत में खेले गए विश्व कप 1987 में जिम्बाब्वे क्रिकेट टीम ने 6 मैच खेले थे और सभी में हारी थी. 1987 विश्व कप के बाद जिम्बाब्वे की टीम 1992 विश्व कप में एक बार फिर आई लेकिन इस बार भी उनकी हारने की आदत नहीं छूटी थी. विश्व कप 1992 में जिम्बाब्वे ने 7 मैच खेले थे और सभी में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
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2. बांग्लादेश
बांग्लादेश क्रिकेट टीम 80 के दशक के मध्य से 90 के दशक के अंत तक 22 मैच खेली थी, जिसमें उन्हें सभी मैचों में हार का मनहूस चेहरा देखना पड़ा था. बांग्लादेश क्रिकेट के लिए ये काफी शर्मनाक था कि उन्हें लगातार 22 मैचों में हार का सामना करना पड़ा था. बांग्लादेश की हार का ये सिलसिला 31 मार्च 1986 से पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए मैच के साथ शुरू हुआ था. इसके बाद बांग्लादेश 1988, 1990, 1995, 1997 और 1998 में खेले गए सभी मैचों में हारती चली गई. इस दौरान बांग्लादेश को ज्यादातर भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका जैसी एशियाई टीमों के खिलाफ ही हार का सामना करना पड़ा था.
1. बांग्लादेश
वनडे क्रिकेट इतिहास में बांग्लादेश ऐसी टीम है जिसे जीत के लिए सबसे लंबा इंतजार करना पड़ा. इतना ही नहीं बांग्लादेश ही वो क्रिकेट टीम है जिसे वनडे में लगातार सबसे ज्यादा मैचों में हार का सामना करना पड़ा. अक्टूबर 1999 से लेकर नवंबर 2003 तक बांग्लादेश ने कुल 47 मैच खेले थे, जिनमें उन्हें 45 मैचों में हार मिली थी जबकि 2 मैचों का कोई नतीजा नहीं निकला था. बांग्लादेश क्रिकेट के सबसे बुरे दौर का ये सिलसिला 8 अक्टूबर 1999 को वेस्टइंडीज के खिलाफ खेले गए मैच से शुरू हुआ था. इस मैच में बांग्लादेश को 73 रनों से हार का सामना करना पड़ा था. इस मैच को लेकर बांग्लादेश की टीम लगातार 23 मैच हारी, जिसके बाद उनका एक मैच बिना किसी नतीजे के खत्म हो गया था. इसके बाद बांग्लादेश को एक बार फिर लगातार 4 मैचों में हार का मुंह देखना पड़ा, जिसके बाद उनका एक मैच फिर बेनतीजा ही रहा था. बांग्लादेश की हार का ये सिलसिला यहीं नहीं रुका. बेनतीजा रहे मैच के बाद बांग्लादेश की टीम लगातार 18 मैच और हारी थी. इस लिहाज से बांग्लादेश को एक मैच जीतने के लिए 47 मैचों का लंबा इंतजार करना पड़ा था.
Source : News Nation Bureau