मध्य प्रदेश क्रिकेट टीम ने आज इतिहास रच दिया है. मध्य प्रदेश की टीम 88 सालों बाद आज रणजी ट्रॉफी टूर्नामेंट जीतने में सफल हुई है. मध्य प्रदेश की टीम ने 41 बार की रणजी ट्रॉफी चैंपियन मुंबई को बुरी तरह हराया है. एमपी की टीम इससे पहले 23 साल पहले 1999 में फाइनल में पहुंची थी, लेकिन उस वक्त टीम को कर्नाटक से हार का सामना करना पड़ा था. लेकिन इस बार इस बार मध्य प्रदेश की टीम ने मुंबई को 6 विकेट से हराकर ट्रॉफी अपने नाम किया है.
आपको बता दें कि इस जीत में भोपाल के खिलाड़ियों ने अपनी अहम भूमिका निभाई है. आदित्य श्रीवास्तव की कप्तानी में मध्य प्रदेश की टीम ये कारनामा करने में सफल हुई है. टीम की जीत पर आदित्य श्रीवास्तव के पिता राकेश श्रीवास्तव ने भी खुशी जाहिर की. इस दौरान उन्होंने कहा कि इस जीत में ना सिर्फ़ मेरे बेटे का बल्कि पूरी टीम का अहम योगदान है. उन्होंने आगे कहा कि वो ज़रूर कप्तान है मगर जीत तो टीम की होती है.
कप्तान आदित्य श्रीवास्तव के पिता ने आगे कहा कि वो (आदित्य) जब 8 साल का था तब से ही उसे क्रिकेट अकादमी में भेजना शुरू किया. आदित्य को कई बार सरकारी नौकरी ऑफ़र हुई मगर उसने नहीं की. उन्होंने कहा कि उसका फ़ोकस सिर्फ़ क्रिकेट पर है.
यश के घर लगा बधाई देने वालों का तांता
मध्य प्रदेश जी जीत में स्टार खिलाड़ी यश दुबे ने भी अहम भूमिका निभाई. यश ने इस अहम मुकाबले में शतक जड़कर टीम की जीत सुनिश्चित की. यश दुबे भोपाल के रहने वाले है. जैसे ही मध्य प्रदेश की टीम विजेता बनी. लोग बधाई देने यश के घर पहुँचे. लोग यश के माता-पिता को मिठाई खिलाकर बधाई दी. यश के माता-पिता ने कहा प्लास्टिक के बैट से क्रिकेट खेलता था आज एमपी का नाम रोशन कर रहा है. उन्होंने आगे कहा कि हमें हमारे बेटे और पूरी टीम पर गर्व है. हमें उम्मीद है वो आने वाले समय में भारत के लिए टेस्ट टीम में ज़रूर अपनी जगह बनाएगा.
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उन्होंने आगे कहा कि एक समय था जब लोग सिर्फ़ मुंबई या दिल्ली के खिलाड़ियों के ही नाम जानते थे. एमपी से किसी खिलाड़ी का नाम ज़ुबान पर नहीं आता था. मगर आज वैंकटेश अय्यर, आवेश खान और रजत पाटीदार जैसे खिलाड़ी के नाम आज सारा देश जानता है. आपको बता दें कि वेंकटेश अय्यर और आवेश खान दोनों ही खिलाड़ी इस वक़्त भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा हैं.