15 years of Mahendra Singh Dhoni: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) भले आज मैदान से दूर हों, लेकिन मैदान से दूर होते हुए भी आज हम महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) को याद कर रहे हैं. आज का दिन माही (Mahi) के लिए बहुत खास है. यही वह दिन है, जब महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) ने अपना पहला वन डे मुकाबला खेला था. यह मैच भारत ने बांग्लादेश के खिलाफ खेला था, हालांकि दु्र्भाग्यपूर्ण ढंग से वे बिना खाता खोले ही शून्य पर आउट हो गए थे. तब किसी ने भी नहीं सोचा होगा कि माही (Mahi) एक दिन दुनिया के इतने बड़े खिलाड़ी बन जाएंगे और क्रिकेट फैंस उन्हें इतना प्यार करने लगेंगे. आज हम आपको बताएंगे कि वह मैच कहां खेला गया था और उस मैच का परिणाम क्या था. साथ ही हम आपको यह भी बताएंगे कि उस मैच में भारत की ओर से कौन कौन से खिलाड़ी खेल रहे थे. आपको यह जानकार आश्चर्य होगा कि धोनी (Dhoni) के साथ उस मैच में खेला कोई भी खिलाड़ी आज क्रिकेट नहीं खेल रहा है.
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महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) को भारतीय क्रिकेट में प्रवेश कैसे मिला था, इसकी कहानी को आपने महेंद्र सिंह धोनी ए अनटोल्ड स्टोरी में देखी होगी. हालांकि उस फिल्म में कुछ तो सच्चाई थी और कुछ कहानी भी थी. हम आज उसमें नहीं जाएंगे, लेकिन आपको यह बताएंगे कि 23 दिसंबर 2004 का ही वो दिन था, जब महेंद्र सिंह धोनी ने पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था. यह मैच बांग्लादेश के खिलाफ चटगांव में खेला गया था. तब भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान सौरव गांगुली हुआ करते थे. उस मैच में बांग्लादेश के खिलाफ भारत ने पहले बल्लेबाजी चुनी थी. तब खुद कप्तान सौरव गांगुली भी दो गेंद में बिना खाता खोले ही आउट हो गए थे. हालांकि राहुल द्रविड़ ने 53 और मोहम्मद कैफ ने 80 रनों की पारी खेली थी. इस मैच में धोनी सातवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए आए थे. उस वक्त दूसरे छोर पर मोहम्मद कैफ खड़े हुए थे, धोनी जब क्रीज पर आए तो उन्होंने एक रन चुराने की कोशिश की, लेकिन मोहम्मद कैफ ने मना कर दिया और वे जब तक वापस क्रीज तक पहुंच पाते तब तक बांग्लादेशी खिलाड़ियों ने उनकी गिल्लियां उड़ा दी थी. अपने पहले ही मैच में बिना खाता खोले धोनी आउट हो गए. इससे करोड़ों क्रिकेट फैंस का दिल बैठ गया.
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भारत ने उस मैच में किसी तरह आठ विकेट के नुकसान पर 245 रन का स्कोर खड़ा किया था. मजे की बात यह है कि धोनी उस मैच में बल्लेबाजी में तो नहीं ही चले, वहीं विकेट कीपरिंग करते हुए भी वे टीम के लिए कोई खास योगदान नहीं दे पाए और न तो उन्होंने कोई कैच पकड़ा और न ही कोई स्टंपिंग ही कर पाए. भारत ने इस मैच को 11 रन से जीत भले लिया था, लेकिन महेंद्र सिंह धोनी का नाम कहीं पर भी नहीं था. इस मैच के साथ ही धोनी की असफलता का दौर खत्म नहीं हुआ था. यह सिलसिला अभी और भी चलने वाला था. इसके बाद दूसरा मैच भी धोनी ने बांग्लादेश के ही खिलाफ खेला, जिसमें वे 12 रन ही बना सके, तीसरे मैच में भी धोनी ने सात रन का ही योगदान अपनी टीम के लिए दिया. बांग्लादेश का दौरा खत्म हो गया था, लेकिन धोनी अभी तक धोनी नहीं बने थे. अब पाकिस्तान की टीम भारत दौरे पर आ चुकी थी और पहला मैच कोच्चि में खेला गया. इसमें धोनी ने फिर तीन ही रन की छोटी सी पारी खेली थी.
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लेकिन बस अब और नहीं. इन चार मैचों के बाद धोनी को खुद भी नहीं पता था कि वे अगले मैच में खेलेंगे कि नहीं. इस बीच भारत और पाकिस्तान के बीच दूसरे वन डे की बारी आई और कप्तान सौरव गांगुली ने धोनी से कहा कि वे इस मैच में तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने जाएंगे. यह मैच विशाखापट्टम में खेला जाना था. धोनी को तो जैसे बस इसी मौके की तलाश थी. उस मैच में सचिन तेंदुलकर दो रन बनाकर जल्दी आउट हो गए और अब बल्लेबाजी के लिए आ चुके थे, महेंद्र सिंह धोनी. शुरू की कुछ गेंदों को संभलकर खेलते हुए धोनी ने पाकिस्तान के गेंदबाजों पर हमला बोल दिया. धोनी ने तेजी से रन बनाने शुरू कर दिए और वे इस मौके हो आसानी से हाथ से नहीं जाने देना चाहते थे. पहले धोनी ने अपना पहला अर्धशतक पूरा किया और उसके कुछ ही देर बाद पहला शतक भी ठोक दिया. शतक लगाने के बाद भी धोनी रुके नहीं और 123 गेंदों में 148 रन की पारी खेलकर पवेलियन लौटे. इस मैच में धोनी ने 15 चौके ओर चार छक्के जड़े थे. उनका स्ट्राइक रेट 120 से भी ज्यादा रन का था. इस मैच के बाद धोनी ने इतिहास रचने की शुरुआत कर दी थी. यह मैच भले पांच अप्रैल को खेला गया था, लेकिन धोनी का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में जन्म आज ही यानी 23 दिसंबर को ही हो गया था. आज धोनी को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 15 साल पूरे हो गए हैं.
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यह बात और है कि वे अब क्रिकेट से दूर हैं, लेकिन लगता नहीं कि वे ज्यादा दिन क्रिकेट से दूर रहेंगे. आईपीएल के अगले संस्करण में तो धोनी खेलते हूए दिखाई देंगे ही साथ ही उम्मीद की जानी चाहिए कि वे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट भी खेलें और फिर से हमें धोनी के बल्ले से उसी तरह की पारी दिखाई दे, जिस तरह की वे हमेशा खेलते रहे हैं.
अब आपको यह भी जानना चाहिए कि उस मैच में धोनी के साथ कौन कौन खेल रहा था, जो उनका पहला अंतरराष्ट्रीय मैच था. उस मैच में सौरव गांगुली, सचिन तेंदुलकर, युवराज सिंह, राहुल द्रविड़, मोहम्मद कैफ, एस श्रीराम, अजीत अगरकर, इरफान पठान, जोगिंदर शर्मा, हरभजन सिंह भी थे. इनमें से कोई भी खिलाड़ी इस वक्त क्रिकेट नहीं खेल रहा है. हालांकि कुछ खिलाड़ी अभी आईपीएल में दिखते हैं, लेकिन वे भी कभी कभार ही. लेकिन 15 साल बाद भी धोनी अभी तक हैं और आईपीएल में चेन्नई सुपरकिंग्स की कप्तानी कर रहे हैं.
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अब धोनी के अंतरराष्ट्रीय करियर के बारे में भी जान लीजिए. धोनी ने 350 अंतरराष्ट्रीय वन डे मैच खेले हैं, जिसमें वे 12303 रन बना चुके हैं, उनके नाम दस शतक और 73 अर्धशतक शामिल हैं, वन डे में धोनी 229 छक्के और 826 चौके लगा चुके हैं. वहीं टेस्ट की बात करें तो 90 टेस्ट में वे 8249 रन बना चुके हैं, इसमें छह शतक और 33 अर्धशतक शामिल हैं. धोनी के फैंस चाहते हैं कि वे फिर से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलते हुए दिखाई दें. हो सकता है कि धोनी T20 विश्व कप में खेलते हुए दिखाई दें. कोच रवि शास्त्री से लेकर कप्तान विराट कोहली और बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली की बातों से तो ऐसा ही लगता है कि धोनी अभी और खेलेंगे और दर्शकों का मनोरंजन करते हुए दिखाई देंगे.
Source : Pankaj Mishra