एमएस धोनी (MS Dhoni) ने वैसे तो अपने इंटरनेशनल करियर में 300 से भी ज्यादा छक्के लगाए हैं. लेकिन एक छक्का इसमें से ऐसा भी है, जो हर भारतीय के जेहन में छपा हुआ है. जो शायद कभी भी नहीं भुलाया जा सकता. हम बात कर रहे हैं, उस गगनचुंभी छक्के की जो महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) ने विश्व कप 2011 (World Cup 2011) के फाइनल में श्रीलंका के खिलाफ लगाया था, जिस छक्के साथ ही टीम इंडिया ने 28 साल बाद एक बार फिर विश्व चैंपियन बना था. इसके बाद टीम इंडिया (Team India) विश्व चैंपियन बन गई और दूसरे छोर पर खड़े युवराज सिंह धोनी के गले लग गए थे और पूरे भारत में रात के वक्त जश्न का माहौल हो गया था. वह मैदान मुंबई का वानखेड़े स्टेडियम का था और अब उस सीट को अमर करने की तैयारी है, जहां पर जाकर वह छक्का गिरा था.
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दरअसल मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन को यह प्रस्ताव मिला है कि जहां पर धोनी का छक्का गिरा था, उस जगह को सुरक्षित कर दिया जाए. एमसीए अपेक्स काउंसिल के सदस्य अजिंक्य नाइक ने यह प्रस्ताव रखा है. अजिंक्य नाइक ने कहा है कि उस गेंद को भी म्यूजियम में रखा जाए, जिसे धोनी ने छक्के के लिए भेजा था. इससे धोनी के प्रति सम्मान को दर्शाया जा सकेगा. उस सीट को भी सजाने का प्रस्ताव रखा गया है, जहां वह छक्का गिरा था.
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विश्व कप फाइनल के उस मैच में श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 274 रन बनाए थे और भारत को विश्व कप जीतने के लिए 275 रन का लक्ष्य मिला था. भारत के शुरुआती विकेट जल्दी गिर गए थे, लेकिन इसके बाद धोनी खुद युवराज सिंह से पहले खेलने उतरे और शानदार बल्लेबाजी का प्रदर्शन किया. उस मैच में सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने 97 रन बनाए थे, साथ ही धोनी ने नाबाद 91 रन की पारी खेली थी, उसमें आठ चौके और दो छक्के शामिल थे. धोनी के उस छक्के बाद पूरे भारत में जश्न का माहौल था और खिलाड़ी भी जीत के बाद खुशी से रो रहे थे. धोनी ने वह छक्का श्रीलंकाई तेज गेंदबाज नुवान कुलशेखरा की गेंद पर मारा था.
Source : Sports Desk