लंबे समय से धोनी की मैच फिनिशिंग क्षमता पर सवाल उठ रहे थे। जिसका बाद धोनी को थका हुआ खिलाड़ी माना जाने लगा। लेकिन मोहाली में खेली गयी 80 रनों की पारी के बाद धोनी ने सिर्फ अपने बल्ले से विरोधियों को जवाब दिया बल्कि कैप्टन कूल ने मैच फिनिशिंग की क्वालिटी पर उठ रहे सवालों का भी जवाब दिया।
धोनी खुद स्वीकार किया कि 'अब उनकी बैटिंग में पहले जैसी बात नहीं है और स्ट्राइक रोटेट करने में उनकी फुर्ती कुछ कम हुई है। धोनी के इस बयान को उनकी बढ़ती उम्र से जोड़कर देखा जा सकता है। 5 मैचों की सीरीज के तीसरे वनडे में 91 गेंदों पर 80 रन बनाने वाले धोनी ने कोहली के साथ मिलकर तीसरे विकेट के लिए 154 रन की बड़ी साझेदारी की। इसके चलते ही भारत ने 286 रन के बड़े टारगेट को आसानी से हासिल कर लिया'।
चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने आए धोनी ने मैच के बाद कहा, 'मैंने लंबे समय तक निचले क्रम में बल्लेबाजी की है। करीब 200 पारियां मैंने निचले क्रम में ही खेली हैं। लेकिन, अब मैं महसूस कर रही हैं कि पिच के बीच दौड़ने की मेरी क्षमता कम हो रही है। इसलिए मैंने ऊपरी क्रम में बल्लेबाजी का फैसला लिया और दूसरे खिलाड़ियों को फिनिशिंग का चांस दिया।'
वनडे में टीम इंडिया के उपकप्तान विराट की जमकर तारीफ करते हुए धोनी ने कहा, 'वह शुरू से ही ऐसा खिलाड़ी रहा है जो हमेशा भारत के लिए मैच जीतना चाहता है, उसके साथ बल्लेबाजी करने में मुझे ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं होती है।'
'अपनी शुरुआत के दौर से ही वह भारत को मैच जिताने के लिए लगातार सुधार करते रहे हैं। वह ऐसे खिलाड़ी हैं, जिसने बहुत कुछ सीखा है और वह अपनी क्षमता को बखूबी जानते हैं। यह कहना बहुत मुश्किल है कि क्रिकेट में टॉप लेवल क्या है, लेकिन कोहली ने भारत को गर्व के मौके दिए हैं।'
Source : News Nation Bureau