शाहबाज नदीम को आखिरकार 15 साल के लंबे अतंराल के बाद अपने घरेलू मैदान रांची में भारत के लिए टेस्ट पदार्पण करने का मौका मिला. नदीम ने अपनी गेंदबाजी से सभी को प्रभावित किया. इसमें भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का नाम भी है जिन्होंने नदीम से कहा कि, 'जो तू कर रहा है बेस्ट कर रहा है. और जो करेगा बेस्ट करेगा.' दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ झारखंड राज्य क्रिकेट संघ (जेएससीए) मैदान पर खेले गए अपने पदार्पण मैच में नदीम ने चार विकेट अपने नाम किए. मैच के बाद उन्हें धोनी से बात करते हुए देखा गया था. नदीम ने कहा कि वह खुद धोनी से बात करने और अपनी गेंदबाजी के बारे में पूछने के लिए गए थे.
नदीम ने कहा, "माही भाई से तो मैंने खुद ने बात की थी कि आपको मेरी गेंदबाजी देखकर कैसा लगा. उन्होंने कहा कि अच्छा किया, जो करना चाहिए था वो किया. उन्होंने कहा कि तू फर्स्ट क्लास खेल चुका है इसलिए अनुभव है. तुझे कुछ अलग करने की जरूरत नहीं है. जो तू कर रहा है वो बेस्ट कर रहा है." धोनी भी झारखंड से आते हैं तो घरेलू क्रिकेट में नदीम के कप्तान भी रह चुके हैं. नदीम ने बताया कि उन्होंने घरेलू क्रिकेट में धोनी के साथ रहते हुए ज्यादा से ज्यादा सीखने की कोशिश की.
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नदीम को भारतीय टीम में सीरीज के आखिरी टेस्ट मैच में कुलदीप यादव के तौर पर मैच से एक दिन पहले अचानक टीम में शामिल किया गया था. बीते तीन-चार साल से घरेलू क्रिकेट में लगातार अच्छा कर रहे नदीम को उम्मीद तो थी कि एक दिन उन्हें भारतीय टीम की जर्सी मिलेगी लेकिन इस तरह से अचानक उन्हें यह तोहफा मिलेगा इसकी उम्मीद नहीं थी.
बाएं हाथ के इस स्पिनर ने कहा, "मैंने कभी ऐसा नहीं सोचा था कि मैं नहीं खेल पाऊंगा. मेरे दिल में हमेशा था कि मुझे मौका मिलेगा क्योंकि मैं घरेलू क्रिकेट, इंडिया-ए में लगातार अच्छा कर रहा था. मुझे उम्मीद थी कि एक दिन मुझे मौका मिलेगा, लेकिन यह अचानक से आया. मैं उस समय उम्मीद नहीं कर रहा था. मैं खेल के लौटा ही था कि मेरे पास फोन आया और अगले दिन मैच खेलना था."
नदीम पदार्पण करेंगे यह भी कई लोगों के लिए अचरच की बात थी. उन्हें हालांकि कहीं न कहीं विश्वास था कि वह इस बार पदार्पण कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "जब मुझे बुलाया गया था तब मुझे लगा था कि शायद में कल खेलूं. मुझे काफी शॉर्ट नोटिस पर बुलाया गया था इसलिए मुझे लग रहा था कि मुझे मौका मिल सकता है इसलिए मैं मानसिक तौर पर तैयार था कि मुझे मौका मिलेगा तो अपना सौ फीसदी दूंगा."
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टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री ने पदार्पण से पहले उनका काफी हौसला बढ़ाया. नदीम ने कोच के बारे में कहा, "रवि भाई ने मुझे वार्मअप के समय बोला कि मैं पदार्पण कर रहा हूं. उन्होंने मुझे प्रेरित किया और कहा कि आपने इतने दिनों तक घरेलू क्रिकेट खेला और अब मौका मिला है इसे भुनाओ. दबाव मत लो." उन्होंने कहा, "इंडिया-ए में बीती दो-तीन सीरीज से अच्छा रहा था. रवि भाई ने मुझसे वहां भी मुलाकात की थी. वहां भी रवि भाई ने कहा था कि तैयार रहना तुम्हें कभी भी मौका मिल सकता है. इसलिए मैं तैयार था कि कभी भी मौका मिलता है."
नदीम लंबे समय से इंडिया-ए के लिए खेल रहे हैं. उन्होंने रांची जाने से पहले इंडिया-ए के कोच रह चुके राहुल द्रविड़ को फोन किया था. नदीम ने द्रविड़ से क्या बात हुई इस बारे में बताते हुए कहा, "मैं जब रांची के लिए जा रहा था तब मैंने राहुल द्रविड़ को फोन किया था. उन्होंने कहा कि मुझे पता था कि तुम्हें मौका मिलेगा. जब वो इंडिया-ए के कोच थे तब भी यह बात होती थी और वो यही कहते थे कि आपको मौका जरूर मिलेगा. वो हमेशा प्रेरित करते थे. कहते थे कि धैर्य रखो और अपने मौके का इंतजार करो. इतने बड़े खिलाड़ी से तारीफ सुनना अलग आत्मविश्वास देता है खासकर जब वो राहुल द्रविड़ जैसे शख्स से आती हो."
Source : आईएएनएस