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अब इन खिलाड़ियों ने भी लगाई BCCI से गुहार, कहा- घरेलू क्रिकेट में लागू हो DRS

इससे पहले भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा आयोजित कराए गए रणजी (Ranji) कॉनक्लेव में घरेलू टीमों के कप्तानों और प्रशिक्षकों ने रणजी (Ranji) ट्रॉफी में निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) लागू करने और टॉस में सिक्के के इस्तेमाल को खत्म करने का सुझाव दिया था.

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vineet kumar1
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अब इन खिलाड़ियों ने भी लगाई BCCI से गुहार, कहा- घरेलू क्रिकेट में लागू हो DRS

मुंबई के खिलाड़ियों ने की BCCI से मांग, कहा- रणजी में लागू हो DRS

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मुंबई (Mumbai) के सीनियर खिलाड़ी आदित्य तारे (Aditya Tare) और सूर्यकुमार यादव (Surya Kumar Yadav) ने अंतरराष्ट्रीय मैचों और इंडियन प्रीमियर लीग की तर्ज पर रणजी (Ranji) मैचों में अंपायर के फैसले की समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) लागू करने की मांग की. हाल में मुंबई (Mumbai) में रणजी (Ranji) टीमों के कप्तानों की बैठक में भी डीआरएस लागू करने के साथ टॉस प्रकिया को खत्म करने के सुझाव दिये गये थे.

आदित्य तारे (Aditya Tare) ने शनिवार को यहां पत्रकारों से कहा, ' हां बिल्कुल, अगर ऐसा होता है तो यह एक शानदार कदम होगा. इसकी जरूरत भी है. अगर आपके पास तकनीक है तो आप इसका उपयोग कर सकते हैं. '

आदित्य तारे (Aditya Tare) के साथ यहां एक स्टोर के लॉन्च के लिए पहुंचे सूर्यकुमार यादव (Surya Kumar Yadav) ने भी तकनीक के इस्तेमाल की वकालत की.

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सूर्यकुमार यादव (Surya Kumar Yadav) ने कहा, ' आदित्य तारे (Aditya Tare) ने सही कहा, अगर आपके पास तकनीक है और आप उसका इस्तेमाल कर सकते तो करना चाहिए. हमने देखा है कि काफी गलतियां होती हैं और हम इंसान है और इंसानों से गलतियां हो जाती हैं.'

इससे पहले भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा आयोजित कराए गए रणजी (Ranji) कॉनक्लेव में घरेलू टीमों के कप्तानों और प्रशिक्षकों ने रणजी (Ranji) ट्रॉफी में निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) लागू करने और टॉस में सिक्के के इस्तेमाल को खत्म करने का सुझाव दिया था. 

गौरतलब है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) अपनी घरेलू क्रिकेट का स्तर और मजबूत बनाना चाहता है. इसलिए अब वह इंटरनैशनल मैचों की ही तरह घरेलू मैचों में भी डिसीजन रिव्यू सिस्टम (DRS) का इस्तेमाल करने पर विचार कर रहा है.

बीते साल रणजी (Ranji) ट्रॉफी में खराब अंपायरिंग को लेकर कई मामले उठे थे. ऐसी उम्मीद की जा रही थी कॉनक्लेव में अंपायरिंग को लेकर बात की जाएगी.

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डीआरएस अभी तक सिर्फ अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में ही लागू किया जाता है, लेकिन बीते सीजन मैचों की संख्या बढ़ने के कारण कप्तान और प्रशिक्षकों ने मौजूदा तकनीक के साथ इसे घरेलू सत्र में लागू करने का सुझाव दिया है.

बीते सीजन रणजी (Ranji) ट्रॉफी सेमीफाइनल में कर्नाटक के खिलाफ सौराष्ट्र के बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा को तब नॉट आउट दिया गया था जब गेंद उनके बल्ले का बाहरी किनारा लेकर कैच कर ली गई थी. इस मैच में पुजारा ने शतक जमाया था और इससे मैच का परिणाम बदल गया था.

Source : News Nation Bureau

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